November 12, 2025

पटना में कमांड कंट्रोल रूम एक्टिव: बूथों की लाइव निगरानी, गड़बड़ी करने पर होगी सख्त कार्रवाई

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में गुरुवार को 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान प्रक्रिया जारी है। सुबह से ही राज्य के मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। लोकतंत्र के इस महापर्व को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए चुनाव आयोग ने व्यापक सुरक्षा और तकनीकी व्यवस्थाएं की हैं। इसी क्रम में पटना स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय में अत्याधुनिक कमांड कंट्रोल सेंटर सक्रिय किया गया है, जहां से सभी जिलों में चल रहे मतदान की रियल-टाइम निगरानी की जा रही है।
पूरे राज्य के मतदान केंद्रों पर नजर
कमांड कंट्रोल सेंटर से राज्य के सभी 18 जिलों के कुल 45,341 मतदान केंद्रों की लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है। हर बूथ पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई है, ताकि मतदान प्रक्रिया पर सीधी नजर रखी जा सके। पटना की निर्वाचन अधिकारी शिखा शर्मा ने बताया कि कंट्रोल सेंटर में 50 बड़े टीवी स्क्रीन लगाए गए हैं, जिन पर एक साथ सभी जिलों के मतदान केंद्रों का लाइव फुटेज देखा जा सकता है। उन्होंने बताया कि “लाइव मॉनिटरिंग से न केवल मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है, बल्कि किसी भी गड़बड़ी, तकनीकी खराबी या विवाद की स्थिति में तुरंत कार्रवाई भी की जा सकेगी।” अधिकारी लगातार यह भी देख रहे हैं कि मतदान केंद्रों पर कतारों की स्थिति क्या है और मतदाताओं को कहीं किसी तरह की असुविधा तो नहीं हो रही है।
ईवीएम में तकनीकी दिक्कतें, त्वरित कार्रवाई से बहाल हुआ मतदान
सुबह 8:30 बजे तक दानापुर, दीघा, बाढ़, लखीसराय, दरभंगा के गांधीनगर और राघोपुर के कुछ मतदान केंद्रों से ईवीएम मशीनों में तकनीकी खराबी की शिकायतें सामने आईं। हालांकि चुनाव कर्मियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए खराब मशीनों को बदल दिया और मतदान प्रक्रिया को दोबारा सुचारू कर दिया। चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार प्रत्येक जिले में त्वरित तकनीकी सहायता दल तैनात किए गए हैं। ये दल किसी भी बूथ पर शिकायत मिलते ही मौके पर पहुंचते हैं और ईवीएम को बदलने या ठीक करने का काम करते हैं, ताकि मतदान में कोई व्यवधान न हो।
जीपीएस ट्रैकिंग से ईवीएम की हर गतिविधि पर नजर
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रशांत ने बताया कि इस बार मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। सभी ईवीएम को डिस्पैच सेंटर से लेकर मतदान केंद्र तक और मतदान के बाद स्ट्रांग रूम तक पहुंचाने वाले वाहनों की निगरानी जीपीएस सिस्टम से की जा रही है। उन्होंने कहा कि “जीपीएस ट्रैकिंग से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी वाहन अपनी तय रूट से न हटे और हर गतिविधि का रिकॉर्ड सिस्टम में दर्ज हो। इससे चुनावी प्रक्रिया पर किसी तरह का संदेह या विवाद नहीं रहेगा।”
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दी जानकारी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने बताया कि बिहार में पहले चरण का चुनाव शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से कराने के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह संकल्पित है। उन्होंने कहा कि “कमांड कंट्रोल सेंटर से सभी गतिविधियों की लगातार निगरानी की जा रही है। किसी भी मतदान केंद्र से आने वाली शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। सुबह जिन केंद्रों से ईवीएम की समस्या की जानकारी मिली थी, उन्हें ठीक कर मतदान फिर शुरू करा दिया गया है।” उन्होंने यह भी बताया कि हर जिले में विशेष निगरानी दल और मोबाइल फ्लाइंग स्क्वॉड्स सक्रिय हैं। ये दल उन क्षेत्रों में लगातार गश्त कर रहे हैं जिन्हें संवेदनशील और अति-संवेदनशील माना गया है।
सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की तत्परता
चुनाव आयोग ने राज्य के सभी जिलों में सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती के साथ-साथ राज्य पुलिस और जिला प्रशासन की टीमें भी लगातार गश्त कर रही हैं। हर मतदान केंद्र पर तीन-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। पुलिस अधिकारी लगातार मतदान केंद्रों का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। आयोग ने यह भी कहा कि अगर कोई व्यक्ति मतदान प्रक्रिया में बाधा डालने या गड़बड़ी फैलाने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मतदाताओं में दिखा उत्साह, प्रशासन कर रहा है सहयोग
राज्य के सभी जिलों में मतदाताओं में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें लग गईं। महिला मतदाताओं की भागीदारी भी इस बार उल्लेखनीय रही। प्रशासन ने मतदान केंद्रों पर पीने के पानी, शेड और चिकित्सा सहायता की व्यवस्था की है। मतदाताओं को मतदान में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए मतदान केंद्रों के बाहर भी हेल्प डेस्क बनाए गए हैं। दिव्यांग और बुजुर्ग मतदाताओं के लिए विशेष व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई है।
निष्पक्ष चुनाव की दिशा में नई तकनीक का इस्तेमाल
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में पहली बार इतने बड़े स्तर पर तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। वेबकास्टिंग, जीपीएस ट्रैकिंग और कमांड कंट्रोल सेंटर की व्यवस्था ने चुनाव प्रक्रिया को और पारदर्शी बना दिया है। इससे न केवल मतदान केंद्रों पर नियंत्रण मजबूत हुआ है, बल्कि किसी भी अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई संभव हो रही है। पटना में सक्रिय कमांड कंट्रोल सेंटर इस बात का प्रतीक है कि अब चुनाव प्रक्रिया केवल मानव निगरानी पर नहीं, बल्कि तकनीकी दक्षता पर भी निर्भर है। चुनाव आयोग की तत्परता और तकनीक के इस्तेमाल ने इस बार के चुनाव को न केवल सुरक्षित बल्कि भरोसेमंद भी बना दिया है। अब यह स्पष्ट है कि बिहार का चुनावी माहौल न केवल लोकतंत्र के उत्सव का प्रतीक बन गया है, बल्कि तकनीकी पारदर्शिता का एक नया अध्याय भी लिख रहा है।

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