हरियाणा में वोट चोरी पर राहुल का बड़ा खुलासा, कहा- 25 लाख वोट चोरी हुए, महिला ने 22 जगह डाला वोट
- चुनाव आयोग पर कांग्रेस का हाइड्रोजन बम, हरियाणा में वोट चोरी के सबूत, वोटर लिस्ट में ब्राजील की मॉडल का नाम
नई दिल्ली। देश की राजनीति में बुधवार का दिन खासा गरम रहा जब कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि हरियाणा में बड़े पैमाने पर वोट चोरी हुई है और कांग्रेस के बहुमत के बावजूद चुनावी परिणामों में हेराफेरी की गई। उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य गलती नहीं बल्कि “संगठित और सेंट्रलाइज ऑपरेशन” है, जिसमें चुनाव आयोग की भूमिका और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
हरियाणा चुनाव पर राहुल का गंभीर आरोप
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में राहुल गांधी ने कई राज्यों के एग्जिट पोल दिखाते हुए कहा कि हरियाणा, कर्नाटक और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिखाया गया था। लेकिन जब नतीजे आए, तो तस्वीर पूरी तरह उलट गई। राहुल ने कहा, “हरियाणा में एग्जिट पोल कांग्रेस की जीत दिखा रहे थे। सभी सर्वे यही कह रहे थे कि कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिलेगा। लेकिन नतीजों में बड़ा अंतर आया, और यह कोई संयोग नहीं बल्कि सुनियोजित व्यवस्था का परिणाम है।” उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने जब इसकी गहराई से जांच की, तो “ऐसे आंकड़े सामने आए जिन पर यकीन करना मुश्किल था।” राहुल ने दावा किया कि “हरियाणा में पांच अलग-अलग कैटेगरी में कुल 25 लाख वोट चोरी हुए।”
पोस्टल वोट और एक्चुअल वोट में बड़ा अंतर
राहुल गांधी ने कहा कि पहली बार हरियाणा में पोस्टल वोट और एक्चुअल वोट के बीच इतना बड़ा अंतर देखने को मिला। “हमने डिटेल में डेटा देखा। जहां पोस्टल वोटों में कांग्रेस आगे थी, वहीं वास्तविक मतदान के बाद बीजेपी को भारी बढ़त मिली। यह कैसे संभव है? क्या इतने बड़े पैमाने पर पोस्टल वोट गिनने में गलती हो सकती है?” उन्होंने कहा कि यह अंतर चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाता है और यह साबित करता है कि व्यवस्था में कहीं न कहीं संगठित गड़बड़ी हुई है।
“एक महिला ने 22 बार वोट डाला, ब्राजील की मॉडल निकली पहचान”
राहुल गांधी ने अपने दावों को प्रमाणित करने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ दस्तावेज और तस्वीरें भी दिखाईं। उन्होंने कहा कि “हमारे पास ऐसे प्रमाण हैं जो दिखाते हैं कि वोटर लिस्ट में फर्जी नाम शामिल किए गए।” राहुल ने एक महिला की तस्वीर दिखाते हुए कहा, “यह महिला एक ब्राजील की मॉडल है, लेकिन हरियाणा की वोटर लिस्ट में यह स्वीटी, विमला और सरस्वती जैसे अलग-अलग नामों से दर्ज है। उसने 22 बार वोट डाला है।” उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “यह कोई जादू नहीं है, यह मशीनरी का खेल है। सवाल यह है कि ब्राजील की एक मॉडल हरियाणा की वोटर लिस्ट में कैसे आई? यह गड़बड़ी सिर्फ बूथ स्तर पर नहीं, बल्कि सिस्टम स्तर पर की गई है।”
“एक महिला ने 100 बार वोट किया”
राहुल गांधी ने कहा कि हरियाणा में कुछ मामलों में एक ही व्यक्ति ने कई बार वोट डाला। “हमें पता चला कि एक महिला ने एक विधानसभा क्षेत्र में 100 बार वोट किया। यह एक व्यक्ति की गलती नहीं हो सकती, यह एक सुनियोजित साजिश है।” उन्होंने कहा कि यह मामला केवल हरियाणा तक सीमित नहीं है। “देश के कई राज्यों में यही पैटर्न दिख रहा है। यह कोई लोकल लेवल की गड़बड़ी नहीं, बल्कि सेंट्रलाइज्ड ऑपरेशन है जो ऊपर से संचालित हो रहा है।”
हरियाणा के सीएम के बयान पर उठाए सवाल
राहुल गांधी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी का एक वीडियो दिखाया जिसमें सीएम ने चुनाव के बाद ‘व्यवस्था’ शब्द का इस्तेमाल किया था। राहुल ने कहा, “चुनाव के दो दिन बाद सीएम ने मुस्कुराते हुए कहा कि हमने व्यवस्था की थी। अब सवाल यह है कि यह व्यवस्था क्या थी? क्या यह चुनावी व्यवस्था थी या वोटों की हेराफेरी की?” राहुल ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह बयान ही साबित करता है कि सारा खेल पहले से तय था। उन्होंने मांग की कि चुनाव आयोग इस वीडियो की जांच करे और जनता को सच्चाई बताए।
“मैं चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहा हूं”: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने बयान में चुनाव आयोग की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “हमने जो डेटा देखा है, वह चौंकाने वाला है। लेकिन उससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि चुनाव आयोग इस पर चुप है। आयोग को लोकतंत्र का प्रहरी माना जाता है, लेकिन आज वह निष्क्रिय हो गया है।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस की टीम ने जो जानकारी जुटाई है, वह पुख्ता सबूतों पर आधारित है। “मैं कोई आरोप हवा में नहीं लगा रहा हूं। हमारे पास तथ्य हैं और हम उन्हें सार्वजनिक कर रहे हैं ताकि देश के लोग जान सकें कि उनके वोट कैसे चुराए जा रहे हैं।”
“देशभर में वोट चोरी हो रही है” : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने अपने बयान को विस्तार देते हुए कहा, “यह समस्या सिर्फ हरियाणा की नहीं है। आज देशभर में यही हो रहा है। हर राज्य में वोटर लिस्ट में फर्जी नाम जोड़े जा रहे हैं, वोटिंग पैटर्न में हेराफेरी की जा रही है और लोगों की लोकतांत्रिक आवाज को कुचला जा रहा है।” उन्होंने कहा कि यह युवाओं के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय है। “यह सिर्फ कांग्रेस या बीजेपी का मामला नहीं, बल्कि लोकतंत्र के अस्तित्व का सवाल है। अगर वोट का अधिकार सुरक्षित नहीं रहा, तो लोकतंत्र सिर्फ नाम का रह जाएगा।”
कांग्रेस ने दिखाए तकनीकी प्रमाण
कांग्रेस की ओर से इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ तकनीकी प्रजेंटेशन भी दिखाए गए। इनमें बताया गया कि कैसे एक ही नाम और फोटो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों की वोटर लिस्ट में पाए गए। कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने हरियाणा चुनाव के दौरान इस्तेमाल किए गए सर्वर और वोटर लिस्ट से छेड़छाड़ के प्रमाण एकत्र किए हैं। राहुल ने कहा कि कांग्रेस अब इस पूरे मामले को कानूनी स्तर पर चुनाव आयोग के सामने रखेगी और जांच की मांग करेगी। उन्होंने कहा, “हम यह लड़ाई सिर्फ कांग्रेस के लिए नहीं, बल्कि देश के हर ईमानदार मतदाता के लिए लड़ रहे हैं।”
विपक्षी दलों का समर्थन और सियासी प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के इस खुलासे के बाद विपक्षी दलों ने भी कांग्रेस का समर्थन किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “अगर राहुल गांधी के आरोप सही हैं, तो यह लोकतंत्र पर हमला है।” वहीं समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने कहा कि “अब यह साबित हो गया है कि भाजपा मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। दूसरी ओर, भाजपा ने राहुल गांधी के दावों को “बेतुका और आधारहीन” बताया। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस लगातार हार से बौखलाई हुई है और अब संस्थाओं पर सवाल उठाकर अपनी विफलता छिपा रही है। राहुल गांधी का यह खुलासा भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे चुका है। अगर उनके दावे सही साबित होते हैं, तो यह चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गहरा असर डाल सकता है। वहीं, यदि यह केवल राजनीतिक रणनीति का हिस्सा है, तो यह विपक्ष की साख को नुकसान पहुंचा सकता है। फिलहाल, कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह इस मुद्दे को लेकर कानूनी कार्रवाई करेगी और जनता के सामने सबूत पेश करेगी। अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस “वोट चोरी” के आरोपों पर क्या रुख अपनाता है और क्या हरियाणा का यह विवाद देशव्यापी चुनावी सुधारों की नई शुरुआत बन पाता है या नहीं।


