November 12, 2025

ललन सिंह का विपक्ष पर हमला, कहा- वीडियो को छेड़छाड़ कर गलत पेश किया, जनता को गुमराह कर रही आरजेडी

पटना। बिहार की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता ललन सिंह इन दिनों अपने एक वायरल वीडियो को लेकर विवादों में हैं। सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे इस वीडियो को लेकर विपक्ष ने उन पर गंभीर आरोप लगाए हैं और एफआईआर तक दर्ज कराई गई है। हालांकि, बुधवार को ललन सिंह ने पहली बार इस मामले पर चुप्पी तोड़ते हुए विपक्ष पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि वायरल हुआ वीडियो अधूरा है और उसे “संपादित कर गलत संदर्भ में” पेश किया गया है।
विवादित वीडियो पर दी सफाई
पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान ललन सिंह ने कहा कि सोशल मीडिया पर जिस वीडियो को लेकर राजनीतिक बवाल मचा है, वह “पूरा वीडियो नहीं है” बल्कि “छेड़छाड़ किया गया अंश” है। उन्होंने कहा, “विपक्षी दल, खासकर आरजेडी के लोग, वीडियो का सिर्फ एक हिस्सा वायरल कर रहे हैं ताकि जनता को गुमराह किया जा सके। जो भी बात मैंने कही थी, वह एक खास संदर्भ में थी। अगर लोग पूरा वीडियो देखेंगे तो उन्हें सच्चाई का पता चल जाएगा। ललन सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें किसी एफआईआर की आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन अगर जांच एजेंसी बुलाएगी तो वे पूरी तरह सहयोग करेंगे। “मैं कानून में विश्वास रखता हूं। अगर जांच होगी, तो पूरा वीडियो सामने आएगा और सच्चाई सबके सामने आ जाएगी,” उन्होंने कहा।
आरजेडी पर किया तीखा हमला
बयान के दौरान ललन सिंह ने विपक्षी आरजेडी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “आरजेडी की आदत है कि वे अधूरी चीजें उठाकर सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं और जनता को गुमराह करते हैं। यह उनकी पुरानी रणनीति है। जब भी कोई मुद्दा नहीं मिलता, तो वे ऐसे हथकंडे अपनाते हैं।” ललन सिंह ने कहा कि आरजेडी को जनता की असली समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। “उनका मकसद केवल राजनीतिक लाभ उठाना और झूठे प्रचार से भ्रम फैलाना है,” उन्होंने कहा।
विपक्ष का पलटवार—“अगर वीडियो अधूरा है तो पूरा जारी करें”
वहीं, आरजेडी ने केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि अगर वीडियो अधूरा है तो ललन सिंह खुद पूरा वीडियो सार्वजनिक करें। आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, “सच्चाई छिपाई नहीं जा सकती। अगर मंत्री जी के पास पूरा वीडियो है तो उसे जारी करें ताकि जनता खुद तय कर सके कि कौन सच बोल रहा है। विपक्ष का कहना है कि एक केंद्रीय मंत्री के लिए इस तरह की टिप्पणी करना “अशोभनीय और गैर-जिम्मेदाराना” है। आरजेडी नेताओं ने यह भी कहा कि ललन सिंह का बयान चुनावी माहौल में समाज में वैमनस्य फैलाने वाला है और उन पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर दो ध्रुवों में बंटा माहौल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर यह वीडियो अब भी ट्रेंड कर रहा है। एक वर्ग जहां ललन सिंह के समर्थन में उतर आया है, वहीं दूसरी ओर विपक्षी समर्थक इसे “जनता के सामने सच्चाई उजागर करने वाला वीडियो” बता रहे हैं। कुछ यूज़र्स ने लिखा कि “वीडियो को एडिट कर गलत संदेश फैलाया जा रहा है,” जबकि अन्य का कहना है कि “अगर बयान सही है, तो मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।” ट्विटर (एक्स) और फेसबुक पर इस मुद्दे पर लगातार बहस छिड़ी हुई है।
मामला पहुंचा जांच एजेंसियों तक
वायरल वीडियो के संबंध में स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि, अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि मामला किन धाराओं में दर्ज हुआ है। सूत्रों के अनुसार, “भ्रामक सूचना प्रसार” और “सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने” जैसी धाराएं इसमें शामिल हो सकती हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वीडियो की सत्यता की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। जांच एजेंसी यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि वीडियो वास्तव में संपादित है या मूल रूप से वही बयान दिया गया था।
सत्ता पक्ष का बचाव
जेडीयू और भाजपा नेताओं ने ललन सिंह का समर्थन करते हुए कहा है कि विपक्ष “सस्ती लोकप्रियता पाने” के लिए इस मुद्दे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रहा है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि “आरजेडी की राजनीति अब सोशल मीडिया की अफवाहों पर टिकी है। चुनाव नजदीक आते ही वे झूठे प्रचार के जरिये जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश करते हैं।” जेडीयू नेताओं का कहना है कि ललन सिंह ने हमेशा संयमित भाषा का प्रयोग किया है और वे जनता के बीच अपनी साख के लिए जाने जाते हैं। “आरजेडी को पता है कि वे चुनावी मुद्दों पर पिछड़ रहे हैं, इसलिए अब ऐसे विवाद पैदा कर रहे हैं,” एक जेडीयू नेता ने कहा।
सियासी असर और आगे की राह
ललन सिंह का यह वीडियो और उस पर उनकी सफाई बिहार की राजनीति में नई हलचल पैदा कर चुका है। विधानसभा चुनाव के माहौल में यह विवाद एक नया मोड़ ले सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के वीडियो अक्सर चुनावी रणनीति का हिस्सा बन जाते हैं, जिनके जरिए जनता की राय को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है। अब सबकी नजरें जांच एजेंसियों पर हैं कि वे इस मामले की जांच किस दिशा में आगे बढ़ाती हैं। अगर यह साबित हो गया कि वीडियो वास्तव में संपादित था, तो विपक्ष की विश्वसनीयता पर असर पड़ेगा। लेकिन अगर वीडियो असली निकला, तो यह सत्तारूढ़ दल के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकता है। वायरल वीडियो को लेकर मचे बवाल के बीच ललन सिंह का बयान बिहार की सियासत में नई बहस छेड़ गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे “सच्चाई से भागने वाले नहीं” हैं और जांच में पूरा सहयोग देंगे। फिलहाल, यह मामला न केवल राजनीतिक रूप से बल्कि नैतिक दृष्टि से भी अहम बन गया है। अब देखना यह है कि जांच के बाद सच्चाई किस दिशा में जाती है—क्या यह विपक्ष का झूठा प्रचार साबित होगा या सत्ताधारी नेता की एक बड़ी चूक?बिहार की राजनीति में यह विवाद आने वाले दिनों में चुनावी माहौल को और गरमाने वाला साबित हो सकता है।

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