November 12, 2025

पटना में कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा घाटों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, सड़कों पर लगा लंबा जाम

पटना। पटना में बुधवार की सुबह आस्था और श्रद्धा के रंगों में डूबी हुई दिखी। पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा घाटों पर लाखों श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे। मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष स्नान करने का फल मिलता है और सभी पापों का नाश होता है। शहर के लगभग सभी घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, वहीं दूसरी ओर भारी भीड़ के कारण शहर की सड़कों पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो।
गंगा तट पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
बुधवार सुबह भोर से ही पटना के विभिन्न गंगा घाटों पर श्रद्धालु स्नान के लिए पहुंचने लगे। सूर्य की पहली किरण के साथ ही ‘हर-हर गंगे’ और ‘जय श्रीहरि’ के जयकारों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। बांकीपुर, पाटलिपुत्र, पटना सिटी, अजीमाबाद और नूतन राजधानी अंचल के करीब 30 घाटों पर लोगों ने गंगा स्नान किया। इनमें बांकीपुर अंचल में 12 घाट, पाटलिपुत्र में 8, पटना सिटी में 3, अजीमाबाद में 7 और नूतन राजधानी में 1 घाट प्रमुख रहे। दानापुर, दीघा, नारियल घाट, शाहपुर घाट और फक्कड़ महतो घाट जैसे स्थानों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। कई जगहों पर लोग अपने परिवार और बच्चों के साथ स्नान के लिए पहुंचे। महिलाएं थाल में दीप, फूल और गंगाजल लेकर पूजन में लीन दिखीं।
प्रशासन की सख्त तैयारी और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
इस बार कार्तिक पूर्णिमा पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए पटना नगर निगम और जिला प्रशासन ने पहले से ही व्यापक तैयारियां की थीं। सभी घाटों तक पहुंचने के लिए एप्रोच रोड बनाए गए थे और सुरक्षा के मद्देनजर तीन परतों वाली बैरिकेडिंग की गई थी। घाटों पर महिला और पुरुष पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई। ड्रोन कैमरों से भीड़ की निगरानी की जा रही थी। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी गंगा घाटों पर तैनात रही, ताकि किसी आपात स्थिति में तुरंत सहायता दी जा सके। स्वास्थ्य विभाग ने भी मेडिकल टीम और एम्बुलेंस की व्यवस्था की थी।
श्रद्धा के साथ यातायात की बड़ी चुनौती
गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़ का असर पटना शहर के ट्रैफिक पर भी साफ नजर आया। सुबह से ही कई इलाकों में जाम की स्थिति बन गई। अटल पथ, दीघा रोड, घुड़दौड़ रोड, शाहपुर और दानापुर के आसपास वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। कई किलोमीटर तक वाहन रेंगते हुए आगे बढ़ते दिखे। दानापुर गांधी मैदान मुख्य मार्ग और फक्कड़ महतो घाट जाने वाले रास्ते पर जाम ने लोगों को परेशान कर दिया। दीघा आशियाना रोड पर स्थिति और भी गंभीर रही, जहां ट्रैफिक पुलिस की अनुपस्थिति के कारण कई घंटों तक गाड़ियां रुकी रहीं। लोगों ने बताया कि घाटों के पास गाड़ियों को रोकने के लिए वैकल्पिक पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई थी, जिससे जाम और बढ़ गया।
दानापुर और दीघा घाटों पर विशेष आयोजन
दानापुर के नासरीगंज स्थित फक्कड़ महतो घाट पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही पहुंचने लगे। ‘हर-हर गंगे’ के जयकारों के बीच श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई। यहां दीपदान का विशेष आयोजन हुआ, जिसमें महिलाओं और बच्चों ने भाग लिया। इसी तरह नारियल घाट, गुरुद्वारा घाट और शाहपुर घाट पर भी भक्तों का तांता लगा रहा। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किया। कई जगहों पर स्वयंसेवी संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के लिए पानी, प्रसाद और स्वास्थ्य सहायता की व्यवस्था की।
धार्मिक मान्यता और आध्यात्मिक महत्व
कार्तिक पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और इसी दिन भगवान ने अपने पहले मत्स्य अवतार का धारण किया था। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में उल्लेख है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान, दीपदान, दान और हवन करने से दस यज्ञों के बराबर पुण्य फल मिलता है। आज के दिन श्रीहरि विष्णु की पूजा, दीपदान, तर्पण और दान करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन अन्न, वस्त्र, घी, फल और धन का दान करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और यश की वृद्धि होती है।
आध्यात्मिकता और श्रद्धा का संगम
कार्तिक मास को साधना और आत्मशुद्धि का महीना कहा गया है। इसी महीने भगवान कार्तिकेय ने कठिन तपस्या कर आध्यात्मिक शक्ति अर्जित की थी। इसलिए इस महीने का नाम ही कार्तिक पड़ा। इस दिन घर पर स्नान करने वाले भक्त भी गंगाजल मिलाकर पूजा करते हैं, जिससे उन्हें गंगा स्नान के समान पुण्य मिलता है। नारद पुराण के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान कार्तिकेय के दर्शन और पूजा करने से व्यक्ति को संपूर्ण सद्गुणों की प्राप्ति होती है और शत्रुओं पर विजय मिलती है। पटना में कार्तिक पूर्णिमा का पर्व केवल धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि आस्था, संस्कृति और एकता का प्रतीक बन गया है। लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी ने इस दिन को और भी खास बना दिया। प्रशासन की सतर्कता से बड़े हादसों से बचाव हुआ, हालांकि जाम ने लोगों को परेशान जरूर किया। फिर भी श्रद्धालुओं की आस्था और भक्ति का उत्साह ऐसा था कि हर ओर केवल गंगा माता की जयकार गूंज रही थी। कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व एक बार फिर यह संदेश देता है कि श्रद्धा और संयम के संग जीवन में पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार संभव है।

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