भागलपुर में नीतीश का विपक्ष पर हमला, कहा- वे लोग कुछ नहीं करते थे, हिंदू मुस्लिम का कितना झगड़ा होता था, हमने बहुत काम किया
भागलपुर/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार अभियान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को भागलपुर जिले में तीन चुनावी सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पहले की सरकारों ने राज्य को अंधकार में धकेल दिया था, जबकि उनकी सरकार ने विकास और शांति का वातावरण स्थापित किया। नीतीश कुमार ने अपने भाषण में 2005 से पहले और बाद के बिहार की तुलना करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, सड़क और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम किए हैं।
पहले का बिहार: डर और अंधकार का दौर
भागलपुर के तीनटंगा में अपनी पहली सभा में नीतीश कुमार ने कहा कि 2005 से पहले बिहार की स्थिति बहुत खराब थी। लोग शाम के बाद घर से बाहर निकलने से डरते थे। उस समय कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारें केवल जाति और धर्म की राजनीति करती थीं। हिंदू-मुस्लिम झगड़े आम बात थी और प्रशासन मूकदर्शक बना रहता था। शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था बदहाल थी, सड़कों का नामोनिशान नहीं था और बिजली केवल कुछ शहरों तक सीमित थी।
हमारी सरकार ने कानून का राज स्थापित किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब उन्होंने सरकार की बागडोर संभाली, तो सबसे पहले कानून व्यवस्था पर ध्यान दिया। राज्य में अपराध नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए गए और पुलिस प्रशासन को मजबूत बनाया गया। नीतीश ने कहा कि अब बिहार के लोग निश्चिंत होकर रात में भी घर से बाहर निकल सकते हैं, महिलाएं सुरक्षित महसूस करती हैं और हर क्षेत्र में कानून का शासन स्थापित हुआ है।
धार्मिक सौहार्द और सामाजिक समरसता पर बल
नीतीश कुमार ने विपक्ष पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा सबके लिए समान रूप से काम किया है। उन्होंने कहा कि 2006 में कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई गई और 2016 में 60 साल पुराने हिंदू मंदिरों की घेराबंदी भी कराई गई, ताकि किसी भी तरह का विवाद न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य समाज में सौहार्द और एकता बनाए रखना है, न कि धर्म के नाम पर राजनीति करना।
महिला सशक्तिकरण की मिसाल
नीतीश कुमार ने अपने शासनकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि के रूप में महिला सशक्तिकरण की बात कही। उन्होंने बताया कि 2006 में पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया, जिससे लाखों महिलाएं निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा बनीं। इसके बाद 2013 में पुलिस विभाग में 35% और 2016 में सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं के लिए 35% आरक्षण लागू किया गया। नीतीश ने कहा कि आज बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है।
जीविका समूह और आर्थिक सशक्तिकरण
मुख्यमंत्री ने महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर ‘जीविका’ परियोजना की शुरुआत की गई थी, जो आज 1 करोड़ 40 लाख से अधिक महिला समूहों तक पहुंच चुकी है। इन समूहों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी है और आत्मनिर्भर बिहार की राह खोली है।
रोजगार और विकास पर बड़ा दावा
नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा किया। उन्होंने दावा किया कि अब तक 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है और 40 से 50 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले पांच वर्षों में उनकी सरकार 1 करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का संकल्प ले चुकी है।
विकास के एजेंडे पर चुनाव
नीतीश कुमार ने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि बिहार का चुनाव अब विकास बनाम पिछड़ेपन की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल आरोप लगाता है, लेकिन जनता जानती है कि किसने राज्य में स्थिरता और विकास लाया। नीतीश ने कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो कार्य किए हैं, वे बिहार को नई दिशा देने के लिए पर्याप्त हैं। भागलपुर की सभाओं में नीतीश कुमार का संदेश साफ था — उनकी राजनीति काम और विकास पर आधारित है, जबकि विपक्ष की राजनीति नकारात्मकता और विभाजन पर। उन्होंने जनता से अपील की कि वे एक बार फिर एनडीए को मौका दें ताकि आने वाले वर्षों में बिहार को और मजबूत बनाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि “हमारा उद्देश्य बिहार को आत्मनिर्भर, शिक्षित और सुरक्षित बनाना है, और इस राह पर हम पूरी दृढ़ता से आगे बढ़ रहे हैं।”


