बिहार चुनाव को लेकर भारत-नेपाल बॉर्डर सील, 7 नवंबर तक आवागमन पर लगा प्रतिबंध
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आ रहा है। खासकर सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा को बेहद संवेदनशील माना जाता है। यही कारण है कि भारत-नेपाल सीमा को कुछ दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है, ताकि चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि, तस्करी या असामाजिक तत्वों की आवाजाही पर रोक लगाई जा सके।
सीमा बंदी का निर्णय
पहले चरण के मतदान को ध्यान में रखते हुए भारत-नेपाल सीमा को 3 नवंबर से 7 नवंबर तक पूरी तरह सील कर दिया गया है। इस दौरान दोनों देशों के बीच लोगों का आवागमन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। यह निर्णय चुनाव आयोग के निर्देश पर लिया गया है। एसएसबी के असिस्टेंट कमांडेंट ने जानकारी दी है कि इस अवधि में सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को विशेष सतर्कता बरतने का सख्त आदेश दिया गया है।
सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था
सीमा पर एसएसबी और स्थानीय पुलिस मिलकर संयुक्त रूप से गश्त कर रही है। सभी चेकपोस्टों पर तलाशी अभियान तेज कर दिए गए हैं। संदिग्ध व्यक्तियों, वाहनों और सामान की गहन जांच की जा रही है। ग्रामीणों से भी अपील की गई है कि वे किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत प्रशासन को दें। सीमा के संवेदनशील इलाकों में सीसीटीवी निगरानी बढ़ा दी गई है और पेट्रोलिंग दल को चौबीसों घंटे सक्रिय रखा गया है।
तस्करी और अवैध गतिविधियों पर रोक
सीमा पार से चुनाव के दौरान शराब, नकदी, हथियार और नशीले पदार्थों की तस्करी बढ़ने की आशंका रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए निर्वाचन पदाधिकारी और बीडीओ बप्पी ऋषि ने बताया कि सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। एनसीबी, आयकर विभाग, डीआरआई, सीजीएसटी और अन्य जांच एजेंसियां लगातार तलाशी और निगरानी की कार्रवाई कर रही हैं। सिर्फ निगरानी ही नहीं, हाल के दिनों में कई सफलता भी हाथ लगी है। अक्टूबर में सीमा क्षेत्र से कुल 75 हथियार बरामद किए गए, जिनमें मोतिहारी से 47, बगहा से 11 और बेतिया से 17 हथियार शामिल हैं। इन इलाकों में 5500 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी भी की गई है। नकदी, ड्रग्स और अन्य अवैध वस्तुएं भी लगातार जब्त की जा रही हैं।
खुफिया निगरानी बढ़ी
हाल ही में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि इस चुनाव में सिर्फ राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि देश विरोधी ताकतें भी सक्रिय हैं। इस बयान के बाद से खुफिया एजेंसियों की गतिविधियां और तेज हो गई हैं। इंटर-स्टेट इंटेलीजेंस शेयरिंग सिस्टम को मजबूत किया गया है और सीमा पर संयुक्त नाकेबंदी की जा रही है।
सीमा क्षेत्रों में प्रभाव वाले जिले
नेपाल सीमा बिहार के पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज जिलों से जुड़ी है। इन सभी जिलों में सुरक्षा का विशेष प्रबंध किया गया है। केवल बड़े चेक पोस्ट ही नहीं, गांव और जंगल के रास्तों पर भी पुलिस और एसएसबी की चौकसी बढ़ाई गई है। इन क्षेत्रों में लगभग 100 चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं, जहां सुरक्षा बल 24 घंटे तैनात हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि चुनाव प्रक्रिया किसी भी दखल के बिना शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो।
ग्रामीणों की भूमिका
प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षा बलों का सहयोग करें। चुनाव व्यवस्था तभी शांति और निष्पक्षता के वातावरण में संभव है, जब जनता खुद जागरूक रहे और संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखे। बिहार चुनाव के दौरान भारत-नेपाल सीमा की सीलिंग एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न सिर्फ अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने में सहायक होगा, बल्कि चुनाव को निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भयमुक्त बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा। प्रशासन की सख्ती, सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और जनता के सहयोग से यह प्रयास निश्चित रूप से सकारात्मक परिणाम देगा।


