January 1, 2026

आंध्र प्रदेश के वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में भगदड़, आठ श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत

श्रीकाकुलम। आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के काशीबुग्गा में स्थित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में शनिवार को एकादशी के अवसर पर बड़ा हादसा हो गया। मंदिर परिसर में दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी हुई थी, जिसके बीच अचानक भगदड़ मच गई। इस दर्दनाक घटना में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है और स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
एकादशी पर उमड़ी भीड़
कार्तिक मास की एकादशी का धार्मिक महत्व बहुत अधिक माना जाता है। इस दिन भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए दूर-दूर से हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। शनिवार को भी ऐसा ही देखने को मिला। सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होनी शुरू हो गई थी। बताया जाता है कि दर्शन के दौरान अचानक धक्का-मुक्की शुरू हुई, जिससे संतुलन बिगड़ गया और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई।
रेलिंग गिरने से मचा हड़कंप
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, मंदिर के प्रवेश द्वार के पास लगी रेलिंग भीड़ के दबाव के कारण टूट गई। जैसे ही रेलिंग गिरी, लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। भगदड़ में कई लोग कुचल गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं होने की आशंका जताई जा रही है। इस घटना के बाद मंदिर परिसर में चीख-पुकार मच गई और माहौल बेहद दुखद हो गया।
प्रशासन और पुलिस की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई। राहत कार्यों को तेज करते हुए घायलों को एंबुलेंस की मदद से नजदीकी चिकित्सा केंद्रों और जिला अस्पतालों तक पहुंचाया गया। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में भीड़ नियंत्रण के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि स्थिति सामान्य हो सके और जांच कार्य निर्बाध रूप से चल सके।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने जताया दुख
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इसे अत्यंत हृदयविदारक बताया और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घायलों के बेहतर इलाज की व्यवस्था करने और राहत कार्यों की निरंतर निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी घटनास्थल का दौरा कर हालात का आकलन करने की अपील की है।
मंत्री और अधिकारियों की मौजूदगी
राज्य के कृषि मंत्री के. अत्चन्नायडू तत्काल मौके पर पहुंचे और घटना की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने मंदिर प्रबंधन और स्थानीय अदमियासी अधिकारियों से बात करके यह समझने की कोशिश की कि हादसे के पीछे किस तरह की लापरवाही या व्यवस्था की कमी रही। साथ ही, उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि घायलों के इलाज और प्रशासनिक सहायता में कोई देरी न हो।
भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों में भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों में त्योहारों के समय लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुँचते हैं। ऐसे में उचित बैरिकेडिंग, मार्ग विभाजन, सुरक्षा कर्मियों की पर्याप्त तैनाती और आपातकालीन व्यवस्था की तैयारी अत्यंत आवश्यक होती है। प्रारंभिक जानकारी बताती है कि भीड़ अपेक्षा से अधिक बढ़ गई थी और नियंत्रण व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी। वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हुआ यह हादसा केवल एक दुखद घटना नहीं, बल्कि भीड़ प्रबंधन की गंभीर चुनौती की ओर संकेत करता है। धार्मिक आस्था और श्रद्धा से जुड़े ऐसे आयोजनों में सुरक्षा उपायों को सर्वोपरि रखना आवश्यक है, ताकि श्रद्धालुओं की जान की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। राज्य सरकार और प्रशासन द्वारा इस घटना के बाद उठाए गए कदम राहत देने वाले हैं, लेकिन भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ठोस रणनीति और सशक्त व्यवस्था की जरूरत है।

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