तेजप्रताप का बड़ा खुलासा, कहा- चुनाव में मेरी हत्या करवाना चाह रहा जयचंद, रेलिया में हो रही तोड़फोड़ की साजिश
पटना। बिहार की राजनीति में बयानबाजी और आरोप-प्रतिआरोप का दौर कोई नया नहीं है, लेकिन इस बार मामला कुछ अधिक गंभीर हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने दावा किया है कि उनकी जान को खतरा है और कोई व्यक्ति उनकी हत्या करवाने की साजिश रच रहा है। इस आरोप के सामने आने के बाद राज्य की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है।
वीडियो में दिया बड़ा बयान
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें तेजप्रताप यादव कार में बैठे दिखाई दे रहे हैं। वे किसी से वीडियो कॉल पर बातचीत करते हुए कह रहे हैं कि कुछ लोग, जिन्हें वे “जयचंद” बता रहे हैं, उनकी रैलियों में तोड़फोड़ करवाने और उन्हें मरवाने की साजिश कर रहे हैं। इस वीडियो में तेजप्रताप बेहद गुस्से और घबराहट की स्थिति में दिखते हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी जान का असली खतरा महसूस हो रहा है और वे इसके लिए सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।
सुरक्षा की मांग और चिंता
तेजप्रताप ने केंद्र सरकार से सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है। उनका कहना है कि विरोधी केवल राजनीतिक रूप से नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से भी उन्हें नुकसान पहुँचाने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उनकी सुरक्षा को लेकर कोई चूक होती है तो उसकी जिम्मेदारी सरकार और सुरक्षा एजेंसियों की होगी।
परिवार और पार्टी की पृष्ठभूमि
तेजप्रताप यादव लंबे समय तक राष्ट्रीय जनता दल के सक्रिय नेता रहे। हालांकि, राजनीतिक मतभेदों और अपनी स्वतंत्र राह चुनने की इच्छा के कारण उन्होंने हाल में अपनी अलग पार्टी जनशक्ति जनता दल की स्थापना की। उनके छोटे भाई तेजस्वी यादव राजद के प्रमुख नेतृत्वकर्ता हैं और विपक्ष के महत्वपूर्ण चेहरे माने जाते हैं। इसलिए, तेजप्रताप के इस बयान को केवल व्यक्तिगत चिंता ही नहीं, बल्कि परिवार और संगठन के अंदर के संबंधों से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
“जयचंद” शब्द के राजनीतिक मायने
तेजप्रताप ने जिसे “जयचंद” कहा है, वह संकेत किसी ऐसे व्यक्ति की तरफ है जो कभी करीब रहा हो या करीबी दायरे में शामिल माना जाता रहा हो। इतिहास में जयचंद उस चरित्र को कहा जाता है जिसने अपने ही साथियों के खिलाफ जाकर शत्रु का साथ दिया। इस शब्द का प्रयोग दर्शाता है कि तेजप्रताप अपने ही राजनीतिक सर्कल के किसी व्यक्ति पर गंभीर अविश्वास जता रहे हैं। इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे दिया है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह बयान केवल सुरक्षा का मुद्दा नहीं है। यह बताता है कि तेजप्रताप की नई राजनीतिक यात्रा अभी कठिन दौर से गुजर रही है। उनके लिए समर्थन आधार को मजबूत करना चुनौती है और ऐसे में ऐसा बयान सहानुभूति और राजनीतिक ध्यान दोनों प्राप्त करने की रणनीति भी हो सकता है। हालांकि, यदि उनका दावा सही है तो मामला वास्तव में काफी गंभीर है।
सियासी प्रतिक्रिया और माहौल
तेजप्रताप के इस बयान पर अब राजनीतिक दलों और नेताओं की प्रतिक्रियाएँ धीरे-धीरे सामने आने लगी हैं। राजद खेमे में भी इस मुद्दे को लेकर असहजता देखने को मिली है। वहीं विपक्षी दल इस बयान को लालू परिवार की अंदरूनी मतभेदों का परिणाम बताते हुए राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं।
आने वाले समय की तस्वीर
अब यह देखना होगा कि सुरक्षा एजेंसियाँ और सरकार इस मामले को कैसे लेती हैं। यदि तेजप्रताप की सुरक्षा बढ़ाने के कदम उठाए जाते हैं तो इसका मतलब यह होगा कि खतरे की आशंका को गंभीरता से लिया गया है। वहीं यदि इस मामले को केवल राजनीतिक बयान करार दिया गया, तो यह बिहार की सियासत में एक और विवाद बनकर रह जाएगा। तेजप्रताप यादव का यह बयान न केवल उनकी सुरक्षा को लेकर प्रश्न खड़ा करता है, बल्कि बिहार की राजनीति में चल रहे बदलते समीकरणों और अंतर्गत तनावों को भी उजागर करता है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा चुनावी माहौल पर कितना असर डालेगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।


