December 8, 2025

बिहार बोर्ड ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट सेंट-अप परीक्षाओं का किया ऐलान, छात्रों का शामिल होना अनिवार्य, पास करने पर आएगा एडमिट कार्ड

  • 19 से 26 नवंबर तक होगी इंटरमीडिएट की सेंट-अप परीक्षा, 19 से 22 तक होगा दसवीं का सेंट-अप एग्जाम

पटना। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक और इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2026 के लिए सेंट-अप परीक्षा कार्यक्रम जारी कर दिया है। बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है कि सेंट-अप परीक्षा में शामिल होना हर विद्यार्थी के लिए अनिवार्य है। जो विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल नहीं होंगे या असफल रहेंगे, उन्हें वार्षिक बोर्ड परीक्षा में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे छात्रों का एडमिट कार्ड जारी ही नहीं किया जाएगा। इस निर्णय का उद्देश्य विद्यार्थियों की वास्तविक तैयारी का आकलन करना और उन्हें समय रहते जागरूक करना है।
इंटरमीडिएट सेंट-अप परीक्षा का कार्यक्रम
इंटरमीडिएट यानी 12वीं कक्षा की सेंट-अप परीक्षा 19 नवंबर से 26 नवंबर तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा दो पाली में होगी। पहली पाली सुबह 9:30 बजे से 12:45 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से शाम 5:15 बजे तक तय की गई है। विद्यार्थियों को प्रश्नपत्र को पढ़ने और समझने के लिए अतिरिक्त 15 मिनट का समय मिलेगा। इंटर के प्रायोगिक परीक्षाएं 27 नवंबर से 29 नवंबर के बीच ली जाएंगी। विद्यालयों को अपने स्तर से प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन करना होगा और इसके परिणाम को समय पर जिला शिक्षा कार्यालय में जमा कराना होगा।
मैट्रिक सेंट-अप परीक्षा की तिथि और समय
मैट्रिक यानी 10वीं कक्षा के विद्यार्थियों की सेंट-अप परीक्षा 19 से 22 नवंबर के बीच आयोजित होगी। वहीं, प्रायोगिक परीक्षा 24 नवंबर को ली जाएगी। यह परीक्षा भी विद्यालय स्तर पर आयोजित की जाएगी, जहां प्रश्नपत्र और उत्तर पुस्तिका की व्यवस्था बोर्ड के निर्देशों के अनुसार की जाएगी। मैट्रिक सेंट-अप परीक्षा का परिणाम 2 दिसंबर तक जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में जमा कराना अनिवार्य होगा।
उपस्थिति के नियम और शर्तें
बोर्ड ने इस बार 75% उपस्थिति को अनिवार्य कर दिया है। यानी जिन विद्यार्थियों की स्कूल में उपस्थिति 75% से कम होगी, उन्हें सेंट-अप परीक्षा या वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी। यह नियम इसलिए लागू किया गया है ताकि विद्यार्थी नियमित रूप से कक्षाओं में उपस्थित रहें और पाठ्यक्रम की उचित तैयारी कर सकें।
दिव्यांग और दृष्टिबाधित छात्रों के लिए सुविधा
मैट्रिक और इंटर दोनों स्तरों पर दृष्टिबाधित, दिव्यांग और विशेष जरूरत वाले विद्यार्थियों को परीक्षा के दौरान लेखक रखने की अनुमति दी जाएगी। इसका उद्देश्य उन्हें परीक्षा देने में आसानी प्रदान करना है, ताकि वे बिना किसी मानसिक दबाव और कठिनाई के परीक्षा में शामिल हो सकें। इसके लिए विद्यालय को पहले से आवेदन स्वीकार कर संबंधित अनुमति बोर्ड को भेजनी होती है।
कौन विद्यार्थी होंगे इससे मुक्त
सेंट-अप परीक्षा नियमित, स्वतंत्र और क्वालिफाइंग श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य है। लेकिन पूर्ववर्ती, कंपार्टमेंटल और सुधार श्रेणी के विद्यार्थियों को इसमें शामिल होने की आवश्यकता नहीं है। ये विद्यार्थी सीधे वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित हो सकेंगे।
सेंट-अप परीक्षा क्यों महत्वपूर्ण
सेंट-अप परीक्षा को केवल औपचारिकता नहीं समझा जाना चाहिए। यह परीक्षा विद्यार्थियों की वास्तविक तैयारी को परखने का मौका देती है। विद्यालयों और शिक्षकों को भी इससे यह पता चलता है कि विद्यार्थी किस स्तर पर खड़े हैं और उन्हें और कितनी मेहनत की आवश्यकता है। यह परीक्षा वार्षिक परीक्षा की पहली सीढ़ी मानी जाती है। यदि विद्यार्थी इस चरण में सफल होते हैं, तब ही उन्हें मुख्य परीक्षा के लिए पात्र माना जाएगा। बिहार बोर्ड द्वारा जारी यह आदेश विद्यार्थियों को उनकी जिम्मेदारी और अध्ययन के प्रति सजग करने का एक सशक्त कदम है। सेंट-अप परीक्षा यह सुनिश्चित करती है कि केवल वे विद्यार्थी ही बोर्ड परीक्षा में बैठें जो सही तैयारी और योग्य समझ रखते हैं। इसलिए छात्रों को यह परीक्षा पूरी गंभीरता और अनुशासन के साथ देनी चाहिए। वहीं विद्यालयों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षा पारदर्शी, अनुशासनपूर्ण और समयबद्ध रूप से संपन्न हो। यह परीक्षा शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यार्थियों की क्षमता को मजबूत बनाने की दिशा मंप एक महत्वपूर्ण कदम है।

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