भोजपुर में जमीनी विवाद में डबल मर्डर, पिता पुत्र की गोली मारकर हत्या, सड़क किनारे मिली लाश
 
                भोजपुर। जिले में हुए इस दोहरे हत्याकांड ने न सिर्फ पूरे इलाके को दहला दिया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि जमीन और निजी रंजिश के मामलों में आज भी गोलियों का इस्तेमाल किसी आम घटना की तरह किया जाता है। शुक्रवार की अहले सुबह बेलघाट गांव में पिता और पुत्र की हत्या ने पूरे माहौल को शोक और भय से भर दिया। सड़क किनारे खून से सनी दोनों की लाशें मिलीं, जिसने यह सवाल खड़ा कर दिया कि आखिर इस हिंसा की जड़ क्या है और इसका अंजाम आगे क्या होगा।
घटना का संक्षिप्त विवरण
सुबह जब ग्रामीण अपने रोजमर्रा के कार्यों में जुटने वाले थे, तभी खबर फैली कि बेलघाट गांव के पास सड़क किनारे दो शव पड़े हैं। पहचान होने पर पता चला कि मृतक प्रमोद कुशवाहा और उनके बेटे प्रियांशु कुशवाहा हैं। दोनों को बेहद करीब से गोली मारी गई थी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। गोलियों की आवाज भले ही रात में कुछ लोगों ने सुनी हो, लेकिन सुबह जब घटनास्थल पर भीड़ जमा हुई, तो गांव में मातम और सनसनी का माहौल बन गया।
मृतक का सामाजिक और राजनीतिक जुड़ाव
प्रमोद कुशवाहा पियनिया बाजार में मौर्या मिठाई भंडार नाम से दुकान चलाते थे। इसके साथ ही वे राष्ट्रीय लोक मोर्चा पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता भी माने जाते थे। उनकी स्थानीय स्तर पर पकड़ और जनसंपर्क काफी व्यापक बताया जाता है। इसी कारण पुलिस इस मामले को केवल जमीनी विवाद या निजी रंजिश तक सीमित नहीं रख रही है, बल्कि इसमें राजनीतिक पहलू को भी जोड़कर जांच कर रही है।
हत्या कैसे की गई
प्रत्यक्षदर्शियों और शुरुआती जांच के अनुसार, दोनों को किसी बहाने दुकान से बाहर बुलाया गया। यह योजना पूरी तरह से सोच-समझकर बनाई गई प्रतीत होती है। हत्यारों ने बहुत नजदीक से गोलियां चलाईं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मौका देखकर और बिना किसी जल्दबाजी के इस अपराध को अंजाम दिया गया। घटनास्थल से एक बाइक और एक खोखा कारतूस बरामद हुआ है, जो हत्या में इस्तेमाल हथियार और भागने के तरीके पर रोशनी डालता है। लेकिन यह सबूत भी कई सवालों को जन्म देता है, जिनका जवाब अभी जांच के बाद ही मिल पाएगा।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही मुफस्सिल थानाध्यक्ष दीपक कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। फॉरेंसिक टीम ने आसपास से सबूत इकट्ठा किए। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। हालांकि हत्या के पीछे की मुख्य वजह अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है।
गांव और परिवार का माहौल
गांव का हर घर इस घटना से सदमे में है। परिवार के लोग रो-रोकर बेहाल हैं और गांव में गहरी खामोशी पसरी हुई है। हर किसी के मन में भय और असुरक्षा की भावना है। लोग खुले तौर पर यह सवाल उठा रहे हैं कि अगर इतने साधारण और मिलनसार व्यक्ति और उनके बच्चे को इस तरह मार दिया गया, तो आम आदमी कैसे सुरक्षित रहेगा।
जमीनी विवाद और बिहार की सामाजिक तस्वीर
बिहार में जमीन को लेकर विवाद अक्सर खूनी रूप ले लेता है। यह घटना उसी लंबी कड़ी का हिस्सा प्रतीत होती है, जहां रंजिशें और छोटे-छोटे विवाद कई बार जानलेवा साबित होते हैं। कानून और व्यवस्था को लेकर भी लोगों के मन में सवाल उठते हैं, क्योंकि अपराधी अक्सर घटना के बाद फरार हो जाते हैं और पकड़ में आने में काफी समय लगता है। भोजपुर का यह दोहरा हत्याकांड सिर्फ दो व्यक्तियों की मौत नहीं, बल्कि समाज पर लगा एक कलंक है। यह घटना बताती है कि रंजिश, राजनीति और जमीन के झगड़े किस तरह लोगों की जिंदगी छीन लेते हैं। पुलिस की जांच से उम्मीद है कि अपराधी जल्द पकड़े जाएंगे और पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा। लेकिन यह भी जरूरी है कि समाज और प्रशासन दोनों मिलकर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि आम लोग भय से मुक्त होकर जी सकें।



 
                                             
                                             
                                             
                                        