बक्सर में गरजे तेजप्रताप, खुद को बताया दूसरा लालू, कहा- ब्लैकबोर्ड विकास की नई कहानी लिखेगा
 
                बक्सर। बक्सर जिले के डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में जनतांत्रिक जनता दल के सुप्रीमो तेज प्रताप यादव ने एक बड़ी जनसभा को संबोधित किया। यह रैली पार्टी के प्रत्याशी दिनेश सिंह सूर्या के समर्थन में मुरार खेल मैदान में आयोजित की गई, जहां भारी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। इस सभा को चुनावी माहौल में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि तेज प्रताप ने अपने भाषण के माध्यम से सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पर जमकर हमला बोला और अपनी नई राजनीतिक दिशा को स्पष्ट करने की कोशिश की।
रैली का माहौल और भीड़
मुरार खेल मैदान में हुई इस रैली में विशेष रूप से युवा और महिलाओं की बड़ी उपस्थित रही। इसे तेज प्रताप यादव के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव और उनकी व्यक्तिगत छवि की स्वीकृति के रूप में देखा जा रहा है। जनसभा में मौजूद लोगों के नारों और जोश ने यह संकेत दिया कि डुमरांव क्षेत्र में चुनावी मुकाबला रोचक होने वाला है।
शिक्षा को प्राथमिकता
अपने भाषण की शुरुआत में तेज प्रताप यादव ने शिक्षा के मुद्दे पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति शिक्षित होता है, वही समाज और राज्य को सही दिशा दे सकता है। उनका कहना था कि अशिक्षित नेता जनता की समस्याओं को न तो समझ सकता है और न ही उन्हें दूर करने के लिए सार्थक कदम उठा सकता है। तेज प्रताप का यह बयान उनके चुनावी एजेंडे में शिक्षा सुधार को प्रमुख स्थान देने का संकेत देता है।
दूसरे लालू होने का दावा
सभा के दौरान तेज प्रताप ने स्वयं को लालू प्रसाद यादव की विरासत का सच्चा उत्तराधिकारी बताया। उन्होंने कहा कि वे दूसरे लालू यादव हैं, क्योंकि उन्होंने राजनीतिक गुर सीखने के साथ-साथ जनता के बीच रहने की उनकी शैली अपनाई है। तेज प्रताप ने कहा कि कुछ लोगों को उनकी लोकप्रियता से खतरा महसूस हुआ, जिसके कारण उन्हें पार्टी और परिवार से दूर किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संघर्ष उनके लिए नई ऊर्जा लेकर आया है।
ब्लैकबोर्ड चुनाव चिन्ह का संदेश
तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनका असली चुनाव चिन्ह ब्लैकबोर्ड है। उन्होंने इस चुनाव चिह्न को बिहार की नई शिक्षा क्रांति से जोड़ा। उनका कहना है कि इन्हीं ब्लैकबोर्डों पर बिहार का भविष्य लिखा जाएगा और नए विचारों, नई सोच तथा नई पीढ़ी को मजबूत शिक्षा दी जाएगी। यह घोषणा उनके आगामी राजनीतिक अभियान का मुख्य संदेश मानी जा रही है।
सत्ता और विपक्ष पर निशाना
भाषण में तेज प्रताप ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाया कि विकास केवल कागजों और भाषणों में दिखाई देता है, जबकि जमीनी स्तर पर आम जनता के जीवन में कोई ठोस बदलाव नहीं हुआ है। वहीं उन्होंने विपक्ष पर भी सवाल उठाए कि वे जनता के मुद्दों पर मजबूती से लड़ने में असफल रहे हैं। उनका कहना था कि चुनाव होते ही नेता जनता से दूर हो जाते हैं।
युवा और महिलाओं को संदेश
सभा में युवाओं और महिलाओं की भागीदारी को देखते हुए तेज प्रताप ने कहा कि यही लोग बिहार के वास्तविक परिवर्तन की ताकत हैं। उन्होंने युवाओं को रोजगार, शिक्षा सुधार और अवसरों के निर्माण का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि महिलाओं की भागीदारी के बिना समाज की प्रगति संभव नहीं है, इसलिए उनकी पार्टी महिला सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठाएगी।
रैली का राजनीतिक असर
इस रैली को डुमरांव ही नहीं, बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में प्रभाव डालने वाला कार्यक्रम माना जा रहा है। तेज प्रताप यादव के इस भाषण ने राजनीतिक समीकरणों में हलचल पैदा कर दी है। विशेष रूप से उनके ‘दूसरे लालू’ बनने के दावे और ब्लैकबोर्ड के प्रतीक के माध्यम से नई राजनीतिक पहचान बनाने के प्रयास को गंभीरता से देखा जा रहा है। डुमरांव की यह रैली तेज प्रताप यादव के राजनीतिक सफर में एक महत्वपूर्ण चरण के रूप में देखी जा रही है। उन्होंने जनता को यह संदेश देने की कोशिश की कि उनकी राजनीति नई सोच, नई दिशा और युवा ऊर्जा पर आधारित है। आने वाले चुनावों में इस रैली का प्रभाव कैसा पड़ेगा, यह समय ही बताएगा, लेकिन इतना तय है कि इससे चुनावी माहौल में नई गर्माहट जरूर आ गई है।



 
                                             
                                             
                                             
                                        