October 28, 2025

बख्तियारपुर में जमकर गरजे तेजस्वी, कहा- तेजस्वी जो कहेगा, वो करेगा, 14 को सरकार उखाड़ फेकेंगे

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल अब अपने चरम पर है। चुनावी मैदान में सभी दलों के नेता पूरी ताकत से जनता के बीच पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को अपने चुनावी अभियान की शुरुआत सिमरी बख्तियारपुर से की। इस सभा में उन्होंने एनडीए सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए जनता से परिवर्तन का आह्वान किया और भरोसा दिलाया कि अगर मौका मिला तो बिहार को नई दिशा देंगे।
सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और एक नई सोच के साथ नई सरकार बनाएंगे
तेजस्वी यादव ने सिमरी बख्तियारपुर की सभा से अपने प्रचार की शुरुआत करते हुए कहा कि उनकी उम्र भले ही कम हो लेकिन उनके इरादे और बातें पक्की हैं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “तेजस्वी जो कहता है, वो करता है और जो कहेगा, वो करेगा।” यह वाक्य उनके पूरे भाषण का केंद्रीय संदेश था, जिसमें उन्होंने युवाओं के सामने अपनी विश्वसनीयता और प्रतिबद्धता का दावा किया। तेजस्वी ने कहा कि अब बिहार के युवाओं ने मन बना लिया है कि 14 नवंबर को परिणाम के दिन वे इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे और एक नई सोच के साथ नई सरकार बनाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यह चुनाव केवल सरकार बदलने का नहीं, बल्कि बिहार के भविष्य को संवारने का मौका है।
एनडीए सरकार पर हमला, कहा- “20 साल से बिहार ठहर गया है”
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण में एनडीए सरकार पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 20 सालों में बिहार में विकास के नाम पर केवल खोखले वादे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज भी बिहार की प्रति व्यक्ति आय देश में सबसे कम है। बेरोजगारी, पलायन, भ्रष्टाचार और अपराध ने राज्य को जकड़ रखा है। उन्होंने कहा कि बिहार में आज कोई काम बिना रिश्वत दिए नहीं होता, हर विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें गहरी हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि अब समय आ गया है कि इस निकम्मी सरकार को हटाकर एक ऐसी सरकार बनाई जाए जो काम करे, केवल भाषण नहीं दे।
युवाओं से तेजस्वी बोले- हम नौकरी देने आए हैं”
अपने भाषण के दौरान तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी को बिहार की सबसे बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि जब वे 17 महीनों के लिए उपमुख्यमंत्री रहे, तब उन्होंने 5 लाख सरकारी नौकरियां दीं और लाखों पदों पर बहाली की प्रक्रिया शुरू की। उन्होंने दावा किया कि अगर उन्हें मौका मिला तो वे बिहार के हर बेरोजगार युवक को रोजगार देने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार में उद्योग-धंधों की कमी, पलायन और आर्थिक पिछड़ेपन ने युवाओं को निराश किया है, लेकिन वे ऐसा बिहार बनाना चाहते हैं जहां युवाओं को अपने राज्य में ही काम मिले और वे सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
नीतीश कुमार और भाजपा पर तीखा प्रहार
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि आज भाजपा ने उन्हें पूरी तरह हाईजैक कर लिया है। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने खुद कहा कि चुनाव के बाद विधायक दल तय करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा, यानी अब भाजपा नीतीश कुमार को फिर से सीएम नहीं बनाना चाहती। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि “चाचा जी” यानी नीतीश कुमार इधर से उधर और उधर से इधर चले जाते हैं, लेकिन अब जनता उनके इस राजनीतिक दोहरेपन को समझ चुकी है। तेजस्वी ने कहा कि भाजपा केवल अपने फायदे के लिए नीतीश कुमार का इस्तेमाल कर रही है।
“बिहार को बिहारी चलाएगा, बाहरी नहीं”
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण के अंत में जनता की भावना को जगाते हुए कहा कि अब बिहार को कोई बाहरी नहीं, बल्कि बिहारी चलाएगा। उन्होंने कहा कि दो लोग गुजरात से आकर बिहार की राजनीति को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता अब यह बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे भाजपा और एनडीए के नेताओं से पिछले 20 वर्षों का हिसाब मांगें और सोचें कि क्या बिहार वास्तव में आगे बढ़ा है।
एक व्यक्ति का मुख्यमंत्री नहीं बल्कि 14 करोड़ बिहारवासियों का मुख्यमंत्री होगा
तेजस्वी यादव ने अपने भाषण को एक नए विज़न के साथ समाप्त करते हुए कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार बनी और वे मुख्यमंत्री बने, तो वह केवल एक व्यक्ति का मुख्यमंत्री नहीं बल्कि 14 करोड़ बिहारवासियों का मुख्यमंत्री होगा। उन्होंने कहा कि उनका मकसद एक “चिंता मुक्त बिहार” बनाना है, जहां हर नागरिक सुरक्षित, शिक्षित और रोजगार से जुड़ा हो। उन्होंने “कमाई, सिंचाई, दवाई और कार्रवाई” की सरकार का वादा किया — यानी ऐसी सरकार जो आर्थिक समृद्धि, कृषि विकास, स्वास्थ्य सेवाओं और न्याय व्यवस्था पर समान रूप से ध्यान देगी। सिमरी बख्तियारपुर की इस सभा में तेजस्वी यादव ने न केवल एनडीए सरकार पर हमला बोला, बल्कि अपने नेतृत्व की नई दिशा भी प्रस्तुत की। उन्होंने युवाओं को परिवर्तन की ताकत बताया और कहा कि बिहार अब पुरानी राजनीति से आगे बढ़ने के लिए तैयार है। उनके भाषण में जोश, भरोसा और आत्मविश्वास झलक रहा था — यह स्पष्ट संदेश था कि महागठबंधन अब पूरी तरह से चुनावी मोड में है और तेजस्वी यादव एक नये बिहार के सपने के साथ मैदान में उतर चुके हैं।

You may have missed