October 28, 2025

महागठबंधन में आपसी मतभेद, दो तिहाई बहुमत से बनेगी एनडीए की सरकार: दिलीप जायसवाल

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल अब गरमाने लगा है। सभी राजनीतिक दल अपने-अपने रणनीतिक पत्ते खोल रहे हैं। इस बीच बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने आगामी चुनाव को लेकर एनडीए की तैयारियों और महागठबंधन की स्थिति पर विस्तृत प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दावा किया कि इस बार बिहार की जनता फिर से एनडीए पर भरोसा जताएगी और दो-तिहाई बहुमत से एनडीए की सरकार बनेगी।
एनडीए की तैयारियों पर जोर
दिलीप जायसवाल ने बताया कि एनडीए ने समय रहते सभी 243 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। इससे संगठनात्मक स्तर पर पार्टी को बढ़त मिली है और अब पूरा ध्यान चुनाव प्रचार अभियान पर केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा और उसके सहयोगी दल एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतर रहे हैं। इस अभियान को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री के नेतृत्व में आगे बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बुधवार से मुख्यमंत्री सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के कई चुनावी कार्यक्रम शुरू हो रहे हैं, जिनमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को शामिल किया गया है। जायसवाल ने बताया कि एनडीए का उद्देश्य है कि हर विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं तक पार्टी की नीतियां और उपलब्धियां पहुंचाई जाएं।
प्रधानमंत्री मोदी और शीर्ष नेताओं की रैलियों की तैयारी
भाजपा अध्यक्ष ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अक्टूबर को बिहार के कर्पूरी ग्राम पहुंचेंगे, जहां वे जननायक कर्पूरी ठाकुर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। इसी दिन वे समस्तीपुर और बेगूसराय में चुनावी रैलियों के माध्यम से एनडीए के प्रचार अभियान का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह भी लगातार बिहार में रैलियां करेंगे। उनका कार्यक्रम 24 और 25 अक्टूबर को तय है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेता भी बिहार के अलग-अलग जिलों में चुनावी सभाएं करेंगे। दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह सामूहिक नेतृत्व ही एनडीए की ताकत है, जो जनता के बीच स्थिरता और विकास का संदेश लेकर जा रहा है।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर असहमति
दूसरी ओर जायसवाल ने महागठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल अभी तक सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बना पाए हैं। उन्होंने कहा कि महागठबंधन के भीतर लगातार मतभेद और असंतोष की स्थिति बनी हुई है। जायसवाल ने व्यंग्य करते हुए कहा कि जो दल आपस में ही एकमत नहीं हैं, वे बिहार जैसे बड़े राज्य का शासन कैसे चला सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जनता महागठबंधन के नेताओं की इस खींचतान को देख रही है। लोग समझ चुके हैं कि महागठबंधन के वादे केवल सत्ता हासिल करने तक सीमित हैं, जबकि एनडीए ने बिहार को विकास की राह पर आगे बढ़ाया है।
बिहार के विकास मॉडल पर भरोसा
दिलीप जायसवाल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि पिछले वर्षों में बिहार ने विकास की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने शिक्षा, सड़क, बिजली और स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए सुधारों का उल्लेख किया और कहा कि एनडीए सरकार ने राज्य को पिछड़ेपन से उबारने का काम किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने न केवल बुनियादी सुविधाओं में सुधार किया, बल्कि निवेश और रोजगार के नए अवसर भी बढ़ाए हैं। जायसवाल ने यह विश्वास जताया कि जनता इस विकास यात्रा को अधूरा नहीं छोड़ेगी।
एकजुटता को बताया एनडीए की ताकत
दिलीप जायसवाल ने यह भी कहा कि एनडीए के सभी घटक दलों में पूर्ण एकजुटता है। उन्होंने कहा कि जदयू, भाजपा, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और अन्य सहयोगी दल चट्टानी एकता के साथ चुनाव मैदान में हैं। उनका कहना था कि इस एकता और समन्वय का ही परिणाम है कि एनडीए बिहार में लगातार जनता का भरोसा जीतता आया है। उन्होंने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि महागठबंधन का इतिहास ही मतभेदों और अस्थिरता का रहा है। ऐसे में बिहार की जनता फिर से एक स्थिर और विकासशील सरकार के पक्ष में मतदान करेगी।
दो-तिहाई बहुमत का दावा
भाजपा अध्यक्ष ने आत्मविश्वास के साथ कहा कि इस बार बिहार की जनता एनडीए को दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में लाएगी। उन्होंने कहा कि पिछले कार्यकाल में एनडीए सरकार ने बिहार में जिस प्रकार से विकास कार्य किए हैं, उसके परिणाम हर नागरिक तक पहुंचे हैं। सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जो सुधार हुए हैं, वे इस सरकार की सफलता का प्रमाण हैं। जायसवाल ने कहा कि जनता यह समझ चुकी है कि बिहार की स्थिरता और समृद्धि केवल एनडीए के नेतृत्व में संभव है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी ने बिहार को नई दिशा दी है, और यह यात्रा आगे भी जारी रहेगी। दिलीप जायसवाल का यह बयान बिहार चुनाव की दिशा को स्पष्ट करता है। जहां एक ओर एनडीए अपने संगठनात्मक सामर्थ्य और नेतृत्व की एकजुटता पर भरोसा जता रहा है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन आंतरिक मतभेदों से जूझता दिख रहा है। चुनावी माहौल में यह स्पष्ट संकेत है कि एनडीए अपनी रणनीतिक तैयारियों और नेतृत्व के बल पर जनता के बीच मजबूती से उतर चुका है। जायसवाल का यह दावा कि “एनडीए दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनाएगा” बिहार की राजनीति में आत्मविश्वास और चुनौती दोनों का संदेश देता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस दिशा में अपना फैसला सुनाती है, लेकिन इतना तय है कि बिहार का चुनावी समर अब पूरे उफान पर है।

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