मुजफ्फरपुर में आज दो जनसभाओं को संबोधित करेंगे नीतीश, एनडीए प्रत्याशियों के लिए वोट मांगेंगे मुख्यमंत्री
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का राजनीतिक रण अब पूरी तरह से गरम हो चुका है। सभी दल अपने-अपने प्रत्याशियों के समर्थन में मैदान में उतर चुके हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज मुज़फ्फरपुर जिले से अपने चुनाव प्रचार का आगाज़ करने जा रहे हैं। यह शुरुआत न सिर्फ़ एनडीए के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि राज्य की राजनीति में नई हलचल भी पैदा करने वाली मानी जा रही है। आज वे मुज़फ्फरपुर के दो विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाओं को संबोधित करेंगे और एनडीए प्रत्याशियों के पक्ष में जनता से वोट की अपील करेंगे।
मुज़फ्फरपुर से प्रचार अभियान की शुरुआत
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पहला कार्यक्रम मीनापुर विधानसभा क्षेत्र में तय है। वे दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर हेलीकॉप्टर से रामकृष्णा हाई स्कूल स्थित हेलीपैड पर उतरेंगे। वहां से वे सीधे जनसभा स्थल पहुंचकर जनता को संबोधित करेंगे। यह सभा मीनापुर, औराई तथा गायघाट विधानसभा क्षेत्रों के एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित की जा रही है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि मीनापुर को प्रचार की शुरुआत के लिए चुनना एक सोची-समझी रणनीति है, क्योंकि यह इलाका उत्तर बिहार की राजनीति में काफी अहम माना जाता है।
दूसरी जनसभा कांटी विधानसभा क्षेत्र में
मीनापुर में जनसभा पूरी करने के बाद मुख्यमंत्री का अगला पड़ाव कांटी विधानसभा क्षेत्र होगा। यहां वे कांटी, पारू, बरूराज और साहेबगंज के प्रत्याशियों के लिए चुनावी सभा करेंगे। इस जनसभा में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और समर्थकों के पहुंचने की संभावना है। जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर विशेष इंतज़ाम किए हैं। मुख्यमंत्री की रैली को लेकर पूरे इलाके में राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है और एनडीए के कार्यकर्ता इसे सफल बनाने में जुटे हुए हैं।
विकास और सुशासन होंगे नीतीश का मुख्य एजेंडा
राजनीतिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री अपनी सभाओं में विकास, सुशासन और स्थिरता को मुख्य मुद्दा बनाएंगे। वे राज्य में किए गए विकास कार्यों, सड़कों, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में हुई प्रगति को जनता के सामने रखेंगे। साथ ही वे यह संदेश देने की कोशिश करेंगे कि एनडीए की सरकार ही बिहार में स्थिरता और विकास की गारंटी है। नीतीश कुमार का “गुड गवर्नेंस” मॉडल लंबे समय से उनकी पहचान रहा है और इस बार भी वे इसी एजेंडे के साथ जनता के बीच जा रहे हैं। यह वही नारा है जिसने उन्हें बार-बार सत्ता तक पहुंचाया है।
राजनीतिक संदेश और रणनीति
मुज़फ्फरपुर से प्रचार की शुरुआत को लेकर राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम नीतीश कुमार की रणनीतिक सोच को दर्शाता है। उत्तर बिहार के यह इलाके चुनावी दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं और यहां से प्रचार की शुरुआत कर वे यह संदेश देना चाहते हैं कि एनडीए इस बार पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरा है।
साथ ही, यह भी माना जा रहा है कि नीतीश कुमार अपने लंबे राजनीतिक अनुभव और ‘सुशासन’ की छवि के बल पर मतदाताओं को फिर से अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश करेंगे।
एनडीए बनाम महागठबंधन की जंग
इस बीच, महागठबंधन भी चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में है। राजद, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के स्टार प्रचारक भी जल्द ही बिहार के विभिन्न जिलों में सभाएं करने वाले हैं। ऐसे में बिहार की सियासत में जुबानी जंग और प्रचार अभियान अपने चरम पर पहुंचने वाला है। एनडीए की ओर से जहां नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता मोर्चा संभालेंगे, वहीं विपक्ष जनता के मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा।
जनता की अदालत में तय होगा फैसला
चुनावी माहौल में अब हर दल जनता के बीच अपनी उपलब्धियों और वादों का ब्यौरा लेकर जा रहा है। हर ओर राजनीतिक रैलियों, नारों और वादों का दौर शुरू हो चुका है। बिहार की जनता किसे चुनती है, इसका फैसला 14 नवंबर को नतीजों के साथ स्पष्ट होगा। फिलहाल, यह निश्चित है कि इस बार का मुकाबला बेहद दिलचस्प और सियासी समीकरणों से भरा होगा। मुज़फ्फरपुर से नीतीश कुमार का प्रचार अभियान शुरू होना इस बात का संकेत है कि एनडीए अब पूरी ताकत के साथ चुनावी रण में उतर चुका है। मुख्यमंत्री एक बार फिर अपने पुराने नारे “विकास और सुशासन” के सहारे जनता का दिल जीतने की कोशिश करेंगे। वहीं, विपक्ष भी अपनी रणनीति तैयार कर चुका है। अब पूरा बिहार इस राजनीतिक दंगल की ओर टकटकी लगाए देख रहा है कि इस बार जनता किसे अपना जनादेश देती है। आने वाले दिनों में रैलियों और भाषणों की गर्मी बढ़ेगी, लेकिन आख़िर में फैसला जनता के दरबार से ही निकलेगा।


