गृहमंत्री से मुलाकात के बाद बोले कुशवाहा, कहीं कोई दिक्कत नहीं, एनडीए गठबंधन चुनाव जीतेगा
नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच एनडीए गठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं होने की चर्चाओं पर विराम लग गया है। बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद आरएलएम के प्रमुख और एनडीए नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने साफ कहा कि, “एनडीए एकजुट है, कहीं कोई दिक्कत नहीं है। हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे और भारी बहुमत से जीत हासिल करेंगे। कुशवाहा ने यह बयान उस वक्त दिया जब बीते कुछ दिनों से उनके बयानों को लेकर सियासी गलियारे में हलचल मची हुई थी। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि “एनडीए के अंदर सबकुछ ठीक नहीं चल रहा,” जिसके बाद विपक्ष ने इस बयान को हाथोंहाथ लिया और इसे गठबंधन में मतभेद की निशानी बताया था। हालांकि, बुधवार की मुलाकात के बाद उनके लहजे में बदलाव देखने को मिला। उन्होंने स्पष्ट किया कि, “मीडिया में चीजें बढ़ा-चढ़ाकर पेश की गईं। एनडीए में किसी तरह का कोई मतभेद नहीं है, सब कुछ ठीक है और हम सभी का लक्ष्य एक ही है — बिहार में विकास और स्थिर सरकार।” सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात लगभग 45 मिनट तक चली। बैठक में बिहार चुनाव की रणनीति, सीट बंटवारे की स्थिति और एनडीए के अंदर समन्वय को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। इस दौरान बिहार के वरिष्ठ भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि अमित शाह ने सभी सहयोगियों को यह संदेश दिया कि गठबंधन की एकजुटता ही चुनावी सफलता की कुंजी है और सभी दलों को मिलकर जनता के बीच जाना चाहिए। बैठक के बाद उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि एनडीए का नेतृत्व मजबूत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में गठबंधन बिहार में विकास की राजनीति को आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, “हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। भाजपा, जदयू, लोजपा (रा) हम और आरएलएम एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। बिहार की जनता एनडीए पर भरोसा करती है, और इस बार भी गठबंधन को भारी जनसमर्थन मिलेगा।” राजनीतिक हलकों में इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि हाल ही में जदयू की ओर से सीट बंटवारे को लेकर असंतोष के संकेत मिले थे। जदयू के कुछ नेताओं ने खुले तौर पर कहा था कि पार्टी को अपेक्षित सम्मान नहीं मिला। इसके बाद कुशवाहा के बयान ने इन अटकलों को और हवा दी थी। लेकिन शाह से हुई मुलाकात के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्रीय नेतृत्व ने सभी सहयोगी दलों को एक मंच पर लाने की कवायद तेज कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अमित शाह की इस बैठक का मकसद गठबंधन में भरोसे की दीवार को और मजबूत करना है। बिहार में जदयू, भाजपा, लोजपा (रा) हम और आरएलएम मिलकर एनडीए के तहत चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं, विपक्षी महागठबंधन लगातार यह दावा कर रहा है कि एनडीए के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा। लेकिन उपेन्द्र कुशवाहा का यह बयान विपक्ष के आरोपों को करारा जवाब माना जा रहा है। बुधवार को दिल्ली से लौटते वक्त पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में कुशवाहा ने मुस्कुराते हुए कहा, “अब कोई विवाद नहीं है। सब कुछ ठीक है और अब हम पूरी ताकत से चुनाव की तैयारी में जुटेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में गठबंधन की ओर से संयुक्त प्रचार अभियान की घोषणा की जाएगी। इस मुलाकात के बाद एनडीए खेमे में राहत का माहौल है। शाह के हस्तक्षेप से यह साफ संकेत गया है कि बिहार चुनाव को लेकर केंद्र ने स्थिति अपने नियंत्रण में ले ली है। अब देखना यह होगा कि एनडीए की यह एकजुटता वोटों में कितना असर दिखाती है, लेकिन फिलहाल तो एनडीए खेमे में “ऑल इज वेल” का संदेश स्पष्ट रूप से गूंज रहा है।


