October 29, 2025

केदारनाथ में श्रद्धालुओं ने बनाया नया रिकॉर्ड, 16.56 लाख तीर्थयात्री पहुंचे, 23 को बंद होंगे कपाट

देहरादून। उत्तराखंड के पवित्र धामों में इस वर्ष चारधाम यात्रा ने नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। इनमें विशेष रूप से केदारनाथ धाम ने श्रद्धालुओं की संख्या के मामले में अब तक का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस वर्ष अब तक 16.56 लाख तीर्थयात्री केदारनाथ के दर्शन कर चुके हैं, जबकि मंदिर के कपाट बंद होने में अभी भी दो सप्ताह का समय बाकी है।
तीर्थयात्रियों की संख्या ने पार किया रिकॉर्ड
उत्तराखंड आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 4 मई से लेकर 7 अक्टूबर की शाम तक 47 लाख 29 हजार 555 श्रद्धालु चारधाम यात्रा कर चुके हैं। अकेले केदारनाथ में बुधवार तक 16.56 लाख श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। 2024 के पूरे यात्रा सीजन में कुल 16 लाख 52 हजार 76 श्रद्धालु पहुंचे थे, जबकि इस बार यह संख्या पहले ही पार हो चुकी है। बुधवार को ही 5,614 तीर्थयात्री केदारनाथ पहुंचे और बाबा केदार के दर्शन किए। यह इस बात का प्रमाण है कि कठिन परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद लोगों की श्रद्धा और आस्था में कोई कमी नहीं आई है।
कपाट बंद होने की तिथि तय
केदारनाथ धाम के कपाट इस वर्ष 23 अक्टूबर को भाई दूज के दिन बंद किए जाएंगे। वहीं बद्रीनाथ धाम के कपाट 25 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। चारधाम यात्रा की शुरुआत इस साल 30 अप्रैल को गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ हुई थी। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के द्वार खोले गए।
मौसम ने डाली बड़ी चुनौती
इस वर्ष मानसून के दौरान लगातार बारिश, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं ने यात्रा को कई बार प्रभावित किया। 1 से 5 सितंबर के बीच खराब मौसम के चलते चारधाम यात्रा और तीर्थयात्रियों का पंजीकरण रोकना पड़ा। हालांकि, 6 सितंबर से प्रशासन ने स्थिति सामान्य होते ही यात्रा को फिर से शुरू कर दिया। गंगोत्री धाम के रास्ते में धराली क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ, जिससे यात्रा मार्ग अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा। बाद में सड़कों की मरम्मत और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के बाद यात्रा को पुनः बहाल किया गया।
प्रशासनिक तैयारियाँ और सतर्कता
उत्तराखंड प्रशासन ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अनेक कदम उठाए हैं। मार्गों की मरम्मत, मलबा हटाने और यातायात बहाल करने के लिए टीमें लगातार कार्यरत हैं। पुलिस और प्रशासन यात्रियों से लगातार अपील कर रहे हैं कि वे खराब मौसम में यात्रा करने से बचें और यदि वे रास्ते में हैं तो सुरक्षित स्थानों पर रुकें। श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन के साथ मिलकर श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, आवश्यक दवाइयाँ और स्वास्थ्य संबंधी सामग्री साथ लेकर चलें। क्योंकि केदारनाथ में इन दिनों तापमान काफी नीचे जा रहा है और पिछले दो दिनों से लगातार बर्फबारी हो रही है।
तीर्थयात्रियों की बढ़ती आस्था
हर वर्ष लाखों श्रद्धालु देश और विदेश से केदारनाथ धाम पहुंचते हैं। इस वर्ष भी भक्तों की भीड़ ने सभी पूर्ववर्ती रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यह दर्शाता है कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और मौसम की बाधाओं के बावजूद लोगों की आस्था अटल है। केदारनाथ धाम में बर्फबारी शुरू हो जाने के बाद भी भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ है। श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए ऊँचे पर्वतीय रास्तों को पार करते हुए धाम तक पहुंच रहे हैं। केदारनाथ यात्रा का यह रिकॉर्ड न केवल श्रद्धालुओं की भक्ति और विश्वास को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि उत्तराखंड सरकार और प्रशासन ने यात्रा प्रबंधन में बड़ी सफलता हासिल की है। तमाम प्राकृतिक चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद चारधाम यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करना अपने आप में एक उपलब्धि है। अब जबकि केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्टूबर को बंद होने वाले हैं, उम्मीद की जा रही है कि अगले कुछ दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी। बढ़ती आस्था और प्रशासनिक व्यवस्था ने इस बार की केदारनाथ यात्रा को ऐतिहासिक बना दिया है, जो आने वाले वर्षों के लिए एक उदाहरण बनेगी।

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