भागलपुर में उत्पाद विभाग की टीम पर हमला, हमलावरों ने शराबियों को छुड़ाया, एसआई और ड्राइवर घायल
भागलपुर। जिले से एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां शराब माफियाओं पर कार्रवाई करने गई उत्पाद विभाग की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। इस हमले में टीम के एसआई राकेश कुमार बादल और वाहन चालक उदय कुमार घायल हो गए। हमलावरों ने न केवल टीम पर लाठी-डंडों से हमला किया, बल्कि उनके कब्जे में लिए गए तीन शराबियों को भी छुड़ा लिया। घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
छापेमारी के दौरान हुआ हमला
यह घटना इशीपुर थाना क्षेत्र के बाघमारा चौक के पास की है। रविवार देर रात उत्पाद विभाग की टीम को सूचना मिली कि इस इलाके में देसी शराब की अवैध बिक्री की जा रही है। सूचना के आधार पर टीम छापेमारी करने पहुंची। वहां पहुंचने पर टीम ने तीन शराबियों को शराब की बोतलों के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया। तीनों को पकड़कर जीप में बैठाकर थाने ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही हमला हो गया।
चार बाइक पर सवार हमलावरों ने किया हमला
बताया जा रहा है कि जैसे ही टीम अपनी जीप में सवार होकर आगे बढ़ी, तभी चार बाइक पर सवार आठ युवक लाठी-डंडे लेकर पहुंचे और अचानक वाहन को घेर लिया। उन्होंने उत्पाद विभाग की टीम पर हमला शुरू कर दिया। टीम के एसआई राकेश कुमार बादल और चालक उदय कुमार को बुरी तरह पीटा गया। हमलावरों ने जीप के शीशे तोड़ दिए और तीनों गिरफ्तार शराबियों को जबरन छुड़ा लिया।
घायल कर्मियों की हालत स्थिर
हमले के बाद दोनों घायल कर्मियों को तुरंत इशीपुर रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि दोनों की हालत फिलहाल स्थिर है। घटना के बाद विभागीय अधिकारियों ने पूरे मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी और पुलिस से सहयोग मांगा।
पुलिस ने की छानबीन और जब्त किया सामान
घटना की सूचना मिलते ही इशीपुर थानाध्यक्ष मनीष कुमार पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। तब तक हमलावर वहां से भाग चुके थे। पुलिस ने मौके से टूटे शीशे, शराब की कई बोतलें और अन्य सामान जब्त किया है। अधिकारियों का कहना है कि हमलावरों की पहचान कर ली गई है और उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है।
स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी सूचना
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उत्पाद विभाग की टीम ने इस कार्रवाई के लिए स्थानीय पुलिस को पहले से सूचित नहीं किया था। बिना पुलिस सहयोग के टीम ने खुद ही छापेमारी की कोशिश की, जिसके कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई। स्थानीय पुलिस का मानना है कि अगर उन्हें पहले सूचना दी जाती, तो पर्याप्त बल के साथ कार्रवाई की जाती और हमले की संभावना टाली जा सकती थी।
शराब माफिया के बढ़ते हौसले
यह घटना इस बात का संकेत है कि राज्य में शराबबंदी के बावजूद शराब माफिया अब भी सक्रिय हैं और कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहे हैं। बिहार सरकार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू की है, लेकिन आए दिन अवैध शराब की बिक्री और तस्करी की खबरें सामने आती रहती हैं। भागलपुर की यह घटना बताती है कि शराब माफिया कितने निडर हो चुके हैं कि अब वे सरकारी टीमों पर हमला करने से भी नहीं डरते।
जांच और गिरफ्तारी की कार्रवाई जारी
इशीपुर थाना पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनकी तलाश में कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है। अधिकारियों ने कहा है कि इस हमले में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उत्पाद विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी जिले के अन्य इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। भागलपुर में उत्पाद विभाग की टीम पर हुआ यह हमला राज्य में शराबबंदी कानून के क्रियान्वयन पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है। यह घटना न केवल कानून व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि अवैध शराब कारोबार में संलिप्त लोगों के हौसले कितने बुलंद हैं। हालांकि, पुलिस की त्वरित कार्रवाई से उम्मीद है कि जल्द ही दोषियों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला इस बात की भी याद दिलाता है कि शराबबंदी को सफल बनाने के लिए स्थानीय पुलिस और उत्पाद विभाग के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक है।


