पटना में निजी अस्पताल में युवक की मौत, परिजनों का जमकर बवाल, तोड़फोड़ कर किया हंगामा
पटना। राजधानी पटना में रविवार देर रात एक निजी अस्पताल में युवक की मौत के बाद परिजनों ने जबरदस्त हंगामा किया। मामला दानापुर थाना क्षेत्र के सगुना मोड़ स्थित हाईटेक अस्पताल का है, जहां 25 वर्षीय युवक आकाश कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और इसके विरोध में जमकर तोड़फोड़ की। देखते ही देखते स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को नियंत्रित करना पड़ा।
इलाज के दौरान हुई युवक की मौत
मृतक की पहचान मनेर के छितनावा निवासी जितेंद्र राय के पुत्र आकाश कुमार के रूप में की गई है। बताया गया कि करीब एक माह पहले आकाश के हाथ की नस में दर्द की शिकायत पर अस्पताल में ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। चार दिन पहले फिर से कमर और पैर में दर्द बढ़ने पर परिजनों ने उसे उसी अस्पताल में भर्ती कराया। रविवार सुबह तक उसकी हालत सामान्य थी, लेकिन देर रात अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजनों का आरोप है कि आकाश को कमजोरी महसूस होने लगी थी, जिसके बाद उन्होंने अस्पताल से खून की व्यवस्था करने को कहा, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। स्थिति बिगड़ने पर उसे आईसीयू में वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन कुछ ही देर बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों का आरोप और हंगामा
मौत की खबर सुनते ही परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि समय रहते यदि सही इलाज किया जाता और खून की व्यवस्था कर दी जाती, तो आकाश की जान बच सकती थी। इतना ही नहीं, परिजनों ने आरोप लगाया कि जब वे डॉक्टरों और प्रबंधन से बात करने पहुंचे, तो अस्पताल के बाउंसरों ने उनके साथ बदसलूकी की। परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि बाउंसरों ने महिलाओं से मारपीट की, जिसके बाद स्थिति पूरी तरह बेकाबू हो गई। गुस्साए लोगों ने अस्पताल परिसर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। उन्होंने बिलिंग काउंटर, एंबुलेंस और तीन कारों के शीशे तोड़ दिए। अस्पताल के बाहर अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
पुलिस का हस्तक्षेप
हंगामे की सूचना मिलते ही दानापुर और रूपसपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। एएसपी शिवम धाकड़ के नेतृत्व में पुलिस टीम ने पहले परिजनों को समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ शांत नहीं हुई। हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इसके बाद भीड़ को तितर-बितर किया गया। हंगामे के दौरान दोनों पक्षों के लगभग आधा दर्जन लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भेज दिया है।
अस्पताल प्रबंधन की सफाई
अस्पताल प्रबंधक आंचल ने बताया कि युवक की मौत हार्ट अटैक के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि आकाश को जब वेंटिलेटर पर रखा गया, तब तक उसकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने पूरी कोशिश की, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी। प्रबंधन ने यह भी कहा कि मरीज की मौत के बाद परिजनों ने बिना किसी बातचीत के अचानक तोड़फोड़ शुरू कर दी और कर्मचारियों के साथ मारपीट की।
पुलिस जांच जारी
एएसपी शिवम धाकड़ ने बताया कि अस्पताल परिसर में हुई तोड़फोड़ और पथराव के मामले में जांच की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि तोड़फोड़ में कौन-कौन शामिल थे। उन्होंने कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं है। यदि अस्पताल की लापरवाही से मौत हुई है तो परिजनों को पुलिस में शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी, न कि हिंसा और तोड़फोड़ का रास्ता अपनाना चाहिए था।
इलाके में तनाव और सवाल
घटना के बाद सगुना मोड़ क्षेत्र में तनाव का माहौल बना हुआ है। लोगों की भीड़ देर रात तक अस्पताल के बाहर मौजूद रही। यह मामला एक बार फिर निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करता है। मरीजों के इलाज में लापरवाही, पारदर्शिता की कमी और परिजनों के साथ दुर्व्यवहार जैसी घटनाएं अक्सर चर्चा में रहती हैं। दानापुर के इस निजी अस्पताल में हुई घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में जवाबदेही की गंभीर कमी है। यदि समय पर इलाज और पारदर्शी संवाद होता, तो शायद यह टकराव टल सकता था। वहीं, परिजनों द्वारा की गई हिंसा भी निंदनीय है, क्योंकि कानून व्यवस्था बनाए रखना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। फिलहाल पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज और अस्पताल स्टाफ के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। घटना ने पटना में निजी अस्पतालों की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


