October 30, 2025

जदयू कार्यकर्ताओं की मांग, पार्टी आगे बढ़ानी है तो निशांत को लाना होगा, सीएम बोले- विचार करेंगे

पटना। बिहार की राजनीति में इस समय चुनावी हलचलें तेज हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर जदयू कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में जहां सरकारी योजनाओं की समीक्षा और फीडबैक लिया गया, वहीं पार्टी कार्यकर्ताओं ने एक नई राजनीतिक मांग भी सामने रखी। कई नेताओं ने मुख्यमंत्री से कहा कि पार्टी में नई ऊर्जा लाने के लिए उनके बेटे निशांत कुमार को सक्रिय राजनीति में उतारा जाए। इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि वह इस पर विचार करेंगे।
कार्यकर्ताओं की एकजुट मांग
पटना सीएम हाउस में आयोजित इस बैठक में करीब 400 कार्यकर्ता पहुंचे थे। इनमें से कई नेताओं ने खुले तौर पर निशांत कुमार को राजनीति में लाने की बात कही। नालंदा जिला अध्यक्ष अजीत चंद्रवंशी ने मुख्यमंत्री से कहा, अगर पार्टी में जोश लाना है तो निशांत कुमार को पार्टी में लाना होगा। हम चाहते हैं कि वे भी नीतीश कुमार की तरह जज्बे के साथ राजनीति में उतरें। इसी तरह हिलसा के जिला उपाध्यक्ष भरत शर्मा ने बताया कि जिले के सभी कार्यकर्ताओं ने सामूहिक रूप से इस पर विचार किया है और निष्कर्ष निकाला है कि निशांत कुमार को चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने यह मांग रखी, जिस पर नीतीश कुमार ने कहा कि इस विषय पर विचार किया जाएगा।
सीएम का फीडबैक और संगठनात्मक संदेश
करीब तीन घंटे चली इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिलों से आए नेताओं से एक-एक कर बातचीत की। उन्होंने एनडीए सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं की स्थिति पर विस्तृत फीडबैक लिया। नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी मेहनत से जनता तक योजनाओं का लाभ पहुंचाएं। बैठक में मुख्यमंत्री के साथ राज्यसभा सांसद संजय झा, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और एमएलसी संजय गांधी भी मौजूद थे। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि जदयू कार्यकर्ताओं की इस मांग से यह स्पष्ट है कि वे आने वाले चुनावों में संगठन को नई दिशा देने के लिए ‘नए चेहरे’ की तलाश में हैं और निशांत कुमार को उसी संभावना के रूप में देख रहे हैं।
महिला योजनाओं पर जोर
बैठक से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए एक बड़ी योजना की घोषणा को अमलीजामा पहनाया। उन्होंने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत बिहार की 25 लाख महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये ट्रांसफर किए। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से भेजी गई। सीएम आवास पर आयोजित विशेष कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कहा कि इस योजना से महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि जिन महिलाओं को अभी राशि नहीं मिल पाई है, उन्हें आगामी 6 अक्टूबर को लाभ मिलेगा और उसके बाद हर सप्ताह इस योजना का विस्तार होगा। गौरतलब है कि हाल ही में 26 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बिहार की 75 लाख महिलाओं के खातों में राशि ट्रांसफर की थी। अब राज्य सरकार की यह पहल महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम मानी जा रही है।
महिलाओं का वोट बैंक और नीतीश की राजनीति
बिहार की राजनीति में महिलाओं का वोट बैंक लंबे समय से निर्णायक भूमिका निभाता रहा है। 2005 में सत्ता में आने के बाद से ही नीतीश कुमार ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं शुरू कीं। पंचायतों में 50% आरक्षण देना, शराबबंदी लागू करना और शिक्षा एवं रोजगार योजनाएं इसी कड़ी का हिस्सा हैं। आंकड़े बताते हैं कि 2020 विधानसभा चुनाव में 54.6% पुरुषों की तुलना में 59.7% महिलाओं ने मतदान किया। 243 सीटों में से 167 सीटों पर महिलाओं ने पुरुषों से ज्यादा वोट डाले और इनमें से 90 सीटों पर एनडीए को जीत मिली। यही वजह है कि जदयू की नीतियों का बड़ा फोकस महिलाओं पर रहा है। पटना में हुई जदयू कार्यकर्ताओं की बैठक ने पार्टी के भीतर एक नई राजनीतिक बहस को जन्म दिया है। कार्यकर्ताओं की ओर से निशांत कुमार को राजनीति में लाने की मांग ने स्पष्ट कर दिया है कि जदयू अपने भविष्य के नेतृत्व को लेकर नए विकल्प तलाश रहा है। हालांकि नीतीश कुमार ने फिलहाल केवल ‘विचार करने’ की बात कही है, लेकिन इस संकेत ने राज्य की राजनीति में नई अटकलों को जन्म दे दिया है।

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