पटना में दुर्गापूजा पर दो दिनों में कटा 61 लाख का ऑनलाइन चालान, कंट्रोल रूम से हुई लाइव मॉनिटरिंग
पटना। राजधानी पटना में दुर्गापूजा के अवसर पर इस वर्ष श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। सप्तमी और अष्टमी के दिन मां दुर्गा के पट खुलते ही पूरे शहर के मंदिरों और पंडालों में आस्था का सैलाब देखने को मिला। वहीं दूसरी ओर पूजा और मेले की रौनक के बीच ट्रैफिक व्यवस्था को संभालना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हुआ।
भीड़ और यातायात की चुनौती
सप्तमी और अष्टमी के दिन हजारों लोग शहर के विभिन्न इलाकों में पूजा पंडालों और मेलों का आनंद लेने पहुंचे। इससे पटना की सड़कों पर अप्रत्याशित भीड़ हो गई। ट्रैफिक पुलिस ने पहले से विशेष इंतजाम किए थे, लेकिन लापरवाही और नियम तोड़ने वालों की वजह से स्थिति कई बार चुनौतीपूर्ण हो गई।
चालान की रिकॉर्ड वसूली
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करने वालों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई। 29 सितंबर को सप्तमी के दिन ही 21 लाख 40 हजार रुपये का चालान काटा गया। इसके अगले दिन 30 सितंबर यानी अष्टमी को यह आंकड़ा और बढ़ गया और केवल एक दिन में 40 लाख 41 हजार रुपये का चालान वसूला गया। इस तरह दोनों दिनों में कुल मिलाकर 61 लाख रुपये से अधिक का ऑनलाइन चालान काटा गया।
किन इलाकों में हुई सबसे ज्यादा कार्रवाई
ट्रैफिक पुलिस की सबसे बड़ी कार्रवाई रामनगरी इलाके में देखने को मिली। सप्तमी के दिन यहां साढ़े तीन लाख रुपये से ज्यादा का चालान काटा गया, जबकि अष्टमी के दिन यह राशि साढ़े पांच लाख रुपये से भी अधिक हो गई। इसके अलावा रूपसपुर, खगौल, कुर्जी मोड़, भट्टाचार्य रोड, दिनकर गोलंबर और दशरथ मोड़ जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में भी नियम तोड़ने वालों पर कड़ी कार्रवाई की गई।
कंट्रोल रूम से लाइव निगरानी
पूरे शहर में यातायात व्यवस्था पर नजर रखने के लिए पटना स्मार्ट सिटी के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से लाइव मॉनिटरिंग की गई। कंट्रोल रूम से अधिकारी लगातार कैमरों के माध्यम से भीड़ और वाहनों की आवाजाही की स्थिति पर नजर रख रहे थे। जहां भी उल्लंघन की घटनाएं दिखीं, वहां तुरंत चालान काटे गए।
पुलिस की सख्ती और उद्देश्य
अधिकारियों का कहना है कि त्योहार के समय लोग अक्सर लापरवाही बरतते हैं। बिना हेलमेट बाइक चलाना, नो-एंट्री में प्रवेश करना, ट्रैफिक सिग्नल तोड़ना और गलत पार्किंग जैसे मामलों की भरमार रहती है। ऐसे में दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती है। इन्हीं खतरों को देखते हुए पुलिस ने सख्त कदम उठाए ताकि लोग नियमों का पालन करने को मजबूर हों और सड़कों पर अनुशासन बना रहे।
जनता को संदेश
ट्रैफिक पुलिस की इस सख्त कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य केवल चालान वसूली नहीं बल्कि लोगों को जागरूक करना भी है। त्योहार की भीड़ और उमंग के बीच सड़क पर सुरक्षा की अनदेखी न हो, इसी बात पर जोर दिया गया। चालान कटने से न केवल नियम तोड़ने वालों को सबक मिला, बल्कि आम नागरिकों को भी यह संदेश गया कि त्योहार का आनंद लेते समय नियमों का पालन करना जरूरी है।
त्योहार और यातायात व्यवस्था का संतुलन
दुर्गापूजा जैसे बड़े त्योहारों में पटना जैसे शहरों में भीड़ संभालना हमेशा कठिन होता है। ऐसे में प्रशासन के लिए यह जरूरी हो जाता है कि वह उत्सव की रौनक और यातायात व्यवस्था के बीच संतुलन बनाए। इस बार की कार्रवाई ने यह दिखा दिया कि तकनीकी साधनों का सही उपयोग करके भीड़ और नियम उल्लंघन पर नजर रखी जा सकती है। पटना में दुर्गापूजा के दौरान केवल दो दिनों में 61 लाख रुपये से अधिक का चालान कटना इस बात का सबूत है कि नियमों की अनदेखी कितनी बड़ी संख्या में हो रही थी। हालांकि इस कदम ने यह भी साबित किया कि पुलिस और प्रशासन सजग हैं और सुरक्षा से किसी भी तरह का समझौता नहीं करेंगे। यह घटना लोगों को यह सिखाती है कि त्योहार की खुशी तभी सार्थक है जब नियमों और अनुशासन के साथ उसका आनंद लिया जाए।


