November 17, 2025

हरियाणा में भूकंप के झटको से हिली धरती, 3.4 की तीव्रता, रात में नींद से जगे लोग

सोनीपत। शुक्रवार देर रात हरियाणा के सोनीपत जिले में धरती हिलने से लोग दहशत में आ गए। रात को एक बजकर 47 मिनट पर आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.4 मापी गई। भूकंप का झटका हल्का जरूर था, लेकिन अचानक धरती हिलने से लोग नींद से जाग गए और कई लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल आए। चूंकि घटना रात के समय हुई, इसलिए माहौल और अधिक भयावह लग रहा था।
भूकंप का केंद्र और जानकारी
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र सोनीपत में 28.99 उत्तरी अक्षांश और 76.97 पूर्वी देशांतर पर स्थित था। इसकी गहराई जमीन से लगभग 10 किलोमीटर मापी गई। भूकंप की कम गहराई होने की वजह से आसपास के इलाके में झटके महसूस किए गए। विशेषज्ञ बताते हैं कि सोनीपत और दिल्ली-एनसीआर इलाका संवेदनशील क्षेत्रों में आता है, जहां छोटे-छोटे भूकंप आना सामान्य घटना मानी जाती है। हालांकि, बार-बार आने वाले इन झटकों से यह भी संकेत मिलता है कि पृथ्वी की सतह के नीचे ऊर्जा लगातार जमा हो रही है।
दिल्ली-एनसीआर का भूकंप जोन
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र सिस्मिक जोन-4 में आता है। यह कैटेगरी मध्यम से उच्च जोखिम वाले भूकंप क्षेत्रों की मानी जाती है। इस इलाके का सबसे बड़ा कारण हिमालयी टकराव क्षेत्र के नजदीक होना है। यहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट्स आपस में टकराती हैं। इन प्लेट्स के लगातार हिलने-डुलने से अंदर ऊर्जा जमा होती रहती है और अचानक झटकों के रूप में बाहर निकलती है।
भ्रंश रेखाओं की भूमिका
दिल्ली और उसके आसपास कई सक्रिय भ्रंश रेखाएं मौजूद हैं, जिन्हें फॉल्ट लाइन्स कहा जाता है। इनमें दिल्ली-हरिद्वार रिज, सोहना फॉल्ट, महेंद्रगढ़-देहरादून फॉल्ट और यमुना रिवर लाइनमेंट प्रमुख हैं। इन्हीं भ्रंश रेखाओं में होने वाली हलचल से समय-समय पर भूकंप महसूस किए जाते हैं।
भूकंप की तीव्रता का वर्गीकरण
भूकंप की ताकत को मापने के लिए रिक्टर स्केल का उपयोग किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल भी कहा जाता है। 1 से 3 तक के भूकंप आमतौर पर हल्के होते हैं, जिनसे नुकसान नहीं होता। 3 से 5 तक के भूकंप मीडियम श्रेणी के होते हैं और इससे हल्का झटका महसूस किया जा सकता है। 6 से ऊपर की तीव्रता वाले भूकंप खतरनाक माने जाते हैं और इनमें बड़े पैमाने पर तबाही हो सकती है। सोनीपत में आया भूकंप 3.4 तीव्रता का था, इसलिए यह मध्यम श्रेणी में आता है और नुकसानदायक नहीं माना जाता। फिर भी लोग भयभीत होकर घरों से बाहर निकल आए।
रात में दिखा दहशत का माहौल
झटके महसूस होते ही सो रहे लोग अचानक जाग गए। कुछ इलाकों में लोग खुले में आ गए और सुरक्षित स्थानों पर रुक गए। हालांकि देर रात होने के कारण अधिकांश लोगों को इसकी जानकारी सुबह मिली। गांव और मोहल्लों में चर्चा का विषय यही भूकंप रहा। कई लोगों ने इसे अपने मोबाइल फोन पर दर्ज किया और सोशल मीडिया पर भी खबरें साझा कीं।
प्रशासन की अपील
भूकंप के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन ने स्थिति पर नजर रखी और लोगों से सतर्क रहने की अपील की। अधिकारियों ने कहा कि फिलहाल किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। उन्होंने लोगों को यह सलाह भी दी कि छोटे-छोटे झटके सामान्य हैं, लेकिन अगली बार ऐसी घटना होने पर घबराए नहीं बल्कि सावधानी बरतें। भूकंप सुरक्षा के उपाय
विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों को हमेशा भूकंप से बचाव के उपाय जानना जरूरी है। झटके लगते ही सबसे पहले खुले स्थान में जाने की कोशिश करें। अगर बाहर जाना संभव न हो तो किसी मजबूत मेज या दरवाजे के पास जाकर सुरक्षा लें। बिजली, गैस और इंटरनेट उपकरणों का प्रयोग तुरंत बंद कर दें। लिफ्ट का उपयोग न करें, बल्कि सीढ़ियों का सहारा लें। परिवार और बच्चों को सुरक्षित स्थान पर ले जाएं और शांत बने रहें।
लगातार चिंता का कारण
हल्के भूकंप में आमतौर पर खतरा नहीं होता, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि बार-बार आने वाले छोटे झटके बड़े भूकंप का संकेत भी हो सकते हैं। हिमालयी टकराव क्षेत्र के कारण दिल्ली-एनसीआर जोन पहले से ही उच्च जोखिम वाला क्षेत्र माना जाता है। इस वजह से लोगों को जागरूक और सतर्क रहना आवश्यक है। सोनीपत में देर रात महसूस किए गए 3.4 तीव्रता के भूकंप के झटकों ने एक बार फिर यह याद दिला दिया कि दिल्ली-एनसीआर संवेदनशील क्षेत्र है। हालांकि इस बार किसी प्रकार की जनहानि या नुकसान की सूचना नहीं मिली, लेकिन लोगों में दहशत का माहौल रहा। विशेषज्ञ लगातार बताते हैं कि इस क्षेत्र में भूकंप का खतरा हमेशा बना रहता है। ऐसे में केवल सरकार ही नहीं बल्कि आम नागरिकों को भी सावधानी और सुरक्षा उपायों का पालन करना चाहिए, ताकि किसी अप्रत्याशित स्थिति से निपटा जा सके।

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