पटना के डीएम ने अधिकारियों की छुट्टियों पर लगाई रोक, 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक नहीं मिलेगी छुट्टियां
पटना। देशभर की तरह पटना में भी दुर्गापूजा और विजयादशमी की तैयारियां जोर-शोर से हो रही हैं। इन पर्वों के दौरान जहां एक ओर भक्तिमय माहौल बनता है, वहीं दूसरी ओर भीड़भाड़ और सुरक्षा से जुड़े खतरे भी बढ़ जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने कड़े प्रबंध किए हैं। पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने त्योहारों के दौरान प्रशासनिक मशीनरी को पूरी तरह सक्रिय रखने के उद्देश्य से सख्त आदेश जारी किए हैं।
अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक
डीएम ने 26 सितंबर से 5 अक्टूबर तक जिला, अनुमंडल और प्रखंड स्तर के सभी अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक लगा दी है। इसमें तकनीकी और पर्यवेक्षकीय अधिकारी भी शामिल हैं। इस अवधि में कोई भी अधिकारी अवकाश पर नहीं जा सकेगा। केवल विशेष परिस्थिति में ही छुट्टी की अनुमति दी जाएगी, वह भी तब जब अधिकारी कारण बताकर वरीय प्रभारी के माध्यम से आवेदन देंगे और डीएम कार्यालय से मंजूरी प्राप्त करेंगे। इसका मतलब है कि इस अवधि में पूरा प्रशासनिक ढांचा सक्रिय रहेगा और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहेगा।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
त्योहारों के समय शहर में लाखों लोग पंडालों, मंदिरों और विसर्जन स्थलों पर पहुंचते हैं। ऐसे में सुरक्षा और कानून-व्यवस्था बनाए रखना बड़ी चुनौती होती है। इसे देखते हुए पटना प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। विशेषकर विजयादशमी पर जब मूर्ति विसर्जन का आयोजन होता है, भीड़ का घनत्व कई गुना बढ़ जाता है। इस दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी।
गंगा में नाव परिचालन पर रोक
2 अक्टूबर को विजयादशमी के अवसर पर गंगा नदी में निजी नावों के परिचालन पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि मूर्ति विसर्जन के दौरान अनावश्यक भीड़ और दुर्घटनाओं की आशंका को टाला जा सके। सदर एसडीओ द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि सभी मूर्तियों का विसर्जन गंगा किनारे बनाए गए अस्थायी तालाबों में ही किया जाएगा। यह व्यवस्था न केवल सुरक्षा कारणों से बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
आदेश उल्लंघन पर कार्रवाई
प्रशासन ने साफ किया है कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी व्यक्ति या समिति लापरवाही न बरते। खासकर पूजा समितियों को निर्देश दिया गया है कि वे नियमों का पालन करें और सहयोगी भूमिका निभाएं।
ध्वनि प्रदूषण पर रोक
दशहरा और दीपावली के अवसर पर ध्वनि प्रदूषण भी एक गंभीर समस्या बन जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर बजाने पर रोक लगाने का आदेश दिया है। यह नियम सभी पूजा समितियों और आयोजकों पर लागू होगा। यदि कोई समिति इन नियमों का उल्लंघन करती है तो उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य लोगों को शांति और आराम का माहौल उपलब्ध कराना है, ताकि आमजन रात के समय परेशान न हों।
प्रशासन का कड़ा संदेश
पटना डीएम ने अपने आदेश में स्पष्ट कर दिया है कि जिला प्रशासन पूरी तरह सजग है और किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि कोई नियमों की अनदेखी करता है तो उसके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह कदम न केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी है बल्कि नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी अहम है।
त्योहारों में शांति और सौहार्द
प्रशासन के इन निर्णयों से साफ है कि पटना में दुर्गापूजा और विजयादशमी का उत्सव सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण वातावरण में मनाने की तैयारी की जा रही है। इन त्योहारों का महत्व केवल धार्मिक दृष्टि से नहीं है बल्कि यह समाज में आपसी भाईचारे और सांस्कृतिक एकता को भी मजबूत करते हैं। इसलिए जरूरी है कि सभी लोग प्रशासन द्वारा तय किए गए नियमों का पालन करें और उत्सव को शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं। पटना में इस बार दुर्गापूजा और विजयादशमी के दौरान प्रशासन की ओर से किए गए प्रबंध काफी सख्त और व्यवस्थित हैं। अधिकारियों की छुट्टियों पर रोक, सुरक्षा बलों की तैनाती, गंगा में नाव परिचालन पर प्रतिबंध, अस्थायी तालाबों में मूर्ति विसर्जन और ध्वनि प्रदूषण पर रोक जैसे कदम यह दर्शाते हैं कि प्रशासन पूरी तैयारी में है। नागरिकों और पूजा समितियों को भी चाहिए कि वे इन नियमों का पालन करते हुए त्योहार को सफल और सुखद बनाएं


