November 17, 2025

बिहारशरीफ में रैगिंग से परेशान होकर इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा ने की आत्महत्या, छात्रावास की छत से कूदकर दी जान

बिहारशरीफ। बिहारशरीफ के चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज में बुधवार की देर रात एक दर्दनाक घटना ने पूरे परिसर को दहला दिया। सिविल ब्रांच की दूसरे वर्ष की छात्रा सोनम कुमारी ने छात्रावास की तीन मंजिला छत से कूदकर अपनी जान दे दी। सोनम बिहार के मुंगेर जिले के बरियारपुर की रहने वाली थी। उसकी मौत की खबर फैलते ही न केवल छात्र बल्कि पूरा कॉलेज परिसर आक्रोश और अफरातफरी का केंद्र बन गया।
आत्महत्या के पीछे की आशंका
सोनम की आत्महत्या का कारण अभी आधिकारिक रूप से स्पष्ट नहीं है। लेकिन उसके सहपाठियों और साथ रहने वाली छात्राओं का कहना है कि वह कॉलेज में लगातार रैगिंग और प्रिंसिपल द्वारा की जा रही कथित प्रताड़ना से परेशान थी। कुछ छात्राओं का आरोप है कि जब वे शिकायत करने प्रिंसिपल के पास जातीं, तो उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाने के बजाय चुप रहने की धमकी दी जाती थी।
मौत के बाद फैला आक्रोश
घटना की जानकारी जैसे ही छात्रों को मिली, उनका गुस्सा फूट पड़ा। छात्रों ने आरोप लगाया कि सोनम के छत से गिरने के बाद वह करीब आधे घंटे तक जीवित थी और तड़प रही थी, लेकिन समय पर मदद नहीं दी गई। यहां तक कि कॉलेज प्रशासन ने अपनी गाड़ी भी उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया। अंततः उसे स्थानीय रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
छात्रों का हंगामा
सोनम की मौत के बाद छात्रों का आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने कॉलेज परिसर में जमकर हंगामा कर दिया। प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पुलिस प्रशासन से तत्कालीन कॉलेज प्रिंसिपल को बुलाने की मांग की। गुस्से में छात्रों ने डीएसपी की सरकारी गाड़ी को नुकसान पहुंचाया और पास में खड़ी एक स्कूटी को आग के हवाले कर दिया।
स्थिति संभालने पहुंची पुलिस फोर्स
घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर एएसपी मो. नुरूल हक, तीन डीएसपी और लगभग 20 थानों की पुलिस फोर्स भेजी गई। हालात को संभालने के लिए पुलिस ने छात्रों से बातचीत की, लेकिन तनाव लंबे समय तक बना रहा। एसपी भारत सोनी ने कहा कि छात्रों से शांति बनाए रखने की अपील की गई है और प्रशासन ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं।
प्रिंसिपल पर सवाल
छात्रों का गुस्सा सबसे अधिक कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. गोपाल नंदन पर था। छात्रों का आरोप है कि प्रिंसिपल बार-बार छात्राओं की शिकायत को दबाने का काम करते रहे और मदद करने के बजाय उन्हें धमकी देते रहे। जब मीडिया ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और कहा कि वे बाद में इस विषय पर टिप्पणी करेंगे।
सहेलियों की मानसिक स्थिति
इस घटना का गहरा आघात सोनम की सहेली शिखा कुमारी को भी लगा, जो मानसिक रूप से टूट गई है। उसकी हालत बिगड़ने पर उसे इलाज के लिए पटना के पीएमसीएच भेजा गया। बाकी छात्राएं भी भय और तनाव में हैं। उन्हें डर है कि अगर उन्होंने आवाज उठाई तो उनके साथ भी सख्ती या प्रताड़ना हो सकती है।
प्रशासनिक जांच
चंडी थानाध्यक्ष सुमन कुमार ने बताया कि इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। सही कारण की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट और छात्रों के बयान से की जाएगी। फिलहाल पुलिस ने छात्रावास और परिसर की सुरक्षा बढ़ा दी है।
कॉलेज परिसर में माहौल
सोनम की आत्महत्या ने कॉलेज में भय का वातावरण बना दिया है। छात्र आरोप लगा रहे हैं कि यहां रैगिंग और प्रबंधन की सख्तियों ने माहौल को असहनीय बना दिया है। खासतौर पर छात्राएं असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इस घटना ने यह भी सवाल खड़ा किया है कि क्या कॉलेज प्रशासन छात्रों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेता।
समाज और शिक्षा जगत पर प्रश्नचिह्न
यह घटना केवल सोनम की मौत तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे व्यापक सामाजिक और संस्थागत सवाल उठ खड़े हुए हैं। रैगिंग पर लगे तमाम प्रतिबंधों और सख्त कानूनों के बावजूद कॉलेज परिसरों में आज भी यह प्रचलित है। साथ ही, प्रबंधन के रवैये पर भी कई बार सवाल उठे हैं, जो छात्रों की समस्याओं से आंखें मूंद लेता है। बिहारशरीफ के चंडी इंजीनियरिंग कॉलेज में सोनम कुमारी की आत्महत्या एक दुखद और चौंकाने वाली घटना है। यह केवल एक छात्रा की असमय मौत नहीं बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र पर सवाल है। रैगिंग और प्रताड़ना के खिलाफ बनाए गए नियम तभी कारगर होंगे जब कॉलेज प्रशासन उन्हें सख्ती से लागू करेगा और पीड़ित छात्र-छात्राओं को तुरंत सहायता देगा। फिलहाल, सोनम की मौत ने समाज और प्रशासन दोनों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं हम अपने भविष्य यानी युवाओं की मानसिक और शारीरिक सुरक्षा की उपेक्षा तो नहीं कर रहे।

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