पटना में बोले उपेंद्र कुशवाहा, कहा- एनडीए में कहीं कोई नाराजगी नहीं, जल्द फाइनल होगा सीटों का बंटवारा
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए और महागठबंधन दोनों ही गठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर सक्रिय हैं। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा तेज हो गई है कि एनडीए के अंदर कुछ असहमति मौजूद है, खासकर चिराग पासवान के हालिया बयानों के बाद। उन्होंने साफ कहा कि वह सम्मानजनक सीटों पर ही समझौता करेंगे। इस बयान से यह अटकलें लगाई जाने लगीं कि एनडीए के भीतर खींचतान चल रही है।
उपेंद्र कुशवाहा का दावा
इन चर्चाओं के बीच आरएलएम प्रमुख और एनडीए घटक दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने साफ कहा कि एनडीए में नाराजगी या असहमति जैसी कोई बात नहीं है। कुशवाहा के अनुसार गठबंधन में कई दल शामिल हैं और हर दल अपनी ताकत और स्थिति के हिसाब से सीटों पर दावा करता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि मतभेद बढ़ रहे हैं। उनका कहना था कि सही समय पर सीटों का बंटवारा हो जाएगा और सभी दल मिलकर चुनाव लड़ेंगे।
सीट बंटवारे को लेकर स्थिति
एनडीए में फिलहाल सीट शेयरिंग पर औपचारिक बैठक इस महीने होने वाली है। इस बैठक में सभी दल अपनी-अपनी दावेदारी पेश करेंगे और अंतिम फैसला लिया जाएगा। कुशवाहा ने भरोसा दिलाया कि यह प्रक्रिया सहज और संतुलित तरीके से पूरी होगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि गठबंधन का उद्देश्य सिर्फ सीटें हासिल करना नहीं है बल्कि चुनाव में एकजुट होकर जीत दर्ज करना और राज्य में फिर से एनडीए की सरकार बनाना है।
चिराग पासवान के बयान पर प्रतिक्रिया
पत्रकारों ने जब उपेंद्र कुशवाहा से चिराग पासवान के बयान को लेकर सवाल किया तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस बयान को गलत तरीके से न लिया जाए। चिराग पासवान ने सम्मानजनक सीटों की बात कही है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि वे गठबंधन से नाराज हैं। कुशवाहा ने कहा कि सभी दलों के बीच तालमेल बना रहेगा और जल्द ही सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
महागठबंधन पर हमला
उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि आरजेडी और कांग्रेस का गठबंधन स्वार्थ पर आधारित है। दोनों दल एक-दूसरे की सीटों पर दावेदारी जता रहे हैं, जिससे उनके बीच तालमेल की कमी साफ दिख रही है। कुशवाहा ने तेजस्वी यादव पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि तेजस्वी खुद को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस अब तक उन्हें स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि महागठबंधन में अंदरूनी मतभेद गहरे हैं।
चुनावी समीकरण और रणनीति
बिहार चुनाव में सीट बंटवारा हमेशा से एक चुनौतीपूर्ण विषय रहा है। हर दल अपनी राजनीतिक ताकत और सामाजिक समीकरणों के आधार पर सीटों की मांग करता है। एनडीए के अंदर भी यही प्रक्रिया चल रही है, लेकिन उपेंद्र कुशवाहा का यह बयान संकेत देता है कि गठबंधन दलों के बीच भरोसा बना हुआ है। उनका जोर इस बात पर था कि चाहे जो भी सीटों की संख्या तय हो, अंत में लक्ष्य सिर्फ एनडीए की जीत और स्थिर सरकार बनाना है। पटना में दिए गए उपेंद्र कुशवाहा के बयानों से यह साफ होता है कि एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर जो अटकलें लगाई जा रही थीं, वे पूरी तरह सही नहीं हैं। गठबंधन के नेता यह संदेश देना चाहते हैं कि सब कुछ सही दिशा में चल रहा है और जल्द ही अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा। दूसरी ओर, महागठबंधन में सीटों को लेकर मतभेद और मुख्यमंत्री पद की दावेदारी ने उनके भीतर की असहमति को उजागर कर दिया है। बिहार की राजनीति में जहां गठबंधन की मजबूती चुनावी सफलता की कुंजी होती है, वहीं उपेंद्र कुशवाहा का यह दावा एनडीए की एकजुटता को रेखांकित करता है। यह पूरा घटनाक्रम बताता है कि आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति में सीट बंटवारे और गठबंधन की रणनीति अहम भूमिका निभाएगी। हालांकि, उपेंद्र कुशवाहा के बयान से इतना जरूर तय है कि एनडीए अपने भीतर की किसी भी खींचतान को सार्वजनिक विवाद का रूप नहीं देगा और एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरेगा।


