सासाराम में ट्रांसफॉर्मर से करंट लगने से पॉलिटेक्निक छात्र की दर्दनाक मौत, लापरवाही से हुई दुर्घटना
सासाराम। सासाराम में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ जिसने पूरे इलाके को शोक में डाल दिया। नगर थाना क्षेत्र के गौरक्षणी इलाके में दुर्गा मंदिर के पास पंडाल बन रहा था। उसी दौरान डेहरी राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के फर्स्ट सेमेस्टर के छात्र अभिषेक कुमार की ट्रांसफॉर्मर से करंट लगने से मौत हो गई। दुर्घटना के पीछे बिजली विभाग की गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए जा रहे हैं।
हादसे की पूरी घटना
मृतक अभिषेक कुमार, जिगना गांव निवासी राजेश कुमार का बेटा था। अभिषेक दुर्गा पंडाल के पास मौजूद था, जहां सजावट और तैयारी का काम चल रहा था। इसी दौरान वहां लगे ट्रांसफॉर्मर से वह सट गया। ट्रांसफॉर्मर की ऊंचाई इतनी कम थी कि उसका सीधा संपर्क इंसानों से हो सकता था। जैसे ही अभिषेक उसके स्पर्श में आया, जोरदार झटका लगा और वह बुरी तरह झुलस गया। कुछ ही पलों में उसकी मौत हो गई।
दुर्गा पूजा की तैयारी और बिजली की लापरवाही
घटना दुर्गा पूजा की तैयारियों के बीच हुई। पंडाल बन रहा था और पास में ट्रांसफॉर्मर खतरनाक तरीके से नीचे लटका हुआ था। परिजनों और स्थानीय लोगों का कहना है कि यह हादसा पूरी तरह बिजली विभाग की लापरवाही से हुआ। त्योहारों के दौरान जगह-जगह पंडाल और सजावट के लिए बिजली का सहारा लिया जाता है। इसके बावजूद बिजली विभाग की ओर से तारों और ट्रांसफॉर्मरों की ऊंचाई और सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं किया गया। लोगों ने आरोप लगाया कि प्रशासन और विभाग की लापरवाही की कीमत एक मासूम छात्र की जिंदगी ने चुकाई।
परिजनों का आक्रोश
घटना की जानकारी जैसे ही घर परिवार तक पहुंची, कोहराम मच गया। मृतक के चाचा तरुण कुमार ने बताया कि यह दुर्घटना पूरी तरह टाली जा सकती थी यदि बिजली विभाग समय रहते सावधानी बरतता। उनका कहना है कि पहले भी कई जगह बिजली तार नीचे लटकने की शिकायतें हुई हैं, लेकिन किसी तरह की सुधारात्मक कार्रवाई नहीं की गई। परिजन सवाल कर रहे हैं कि त्योहारों के दौरान जब बड़ी संख्या में लोग सड़कों और मंदिरों पर निकलते हैं, तो बिजली विभाग इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकता है।
स्थानीय लोगों की नाराजगी
गौरक्षणी समेत आसपास के लोगों में भी गुस्सा है। उनका स्पष्ट कहना है कि त्योहारों के दिनों में बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह सतर्क रहें। लेकिन स्थिति यह है कि न तो तार ठीक किए जाते हैं और न ही ट्रांसफॉर्मरों की स्थिति जांची जाती है। इसका नतीजा इस तरह की जानलेवा दुर्घटनाओं के रूप में सामने आता है।
ग्रामीणों ने अधिकारियों से मांग की कि तत्काल प्रभाव से पूरे शहर और गांवों में नीचे लटके बिजली तार और खतरनाक ढंग से लगे ट्रांसफॉर्मरों को दुरुस्त किया जाए।
मृतक का सपना अधूरा रह गया
अभिषेक कुमार अभी अपने जीवन की शुरुआत कर रहा था। वह डेहरी राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में फर्स्ट सेमेस्टर का छात्र था। तकनीकी पढ़ाई के जरिए उसने बेहतर जीवन और परिवार को संबल देने का सपना देखा था। लेकिन लापरवाही की वजह से उसकी जान चली गई और परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। परिवार के लोगों का कहना है कि अभिषेक पढ़ाई में होनहार था और उसका सपना इंजीनियर बनने का था। उसकी मौत ने न केवल परिवार को बल्कि पूरे गांव को शोकाकुल कर दिया है।
प्रशासन की जिम्मेदारी
ऐसे हादसे यह सवाल खड़ा करते हैं कि बिजली विभाग और प्रशासन त्योहारों के वक्त पहले से सतर्कता क्यों नहीं बरतता। हर साल दुर्गा पूजा, छठ और अन्य बड़े त्योहारों पर बिजली से जुड़े हादसे सामने आते हैं। इसके बावजूद विभाग द्वारा केवल कागजों पर चेकिंग दिखाकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जाता है।
पोस्टमॉर्टम और आगे की कार्रवाई
घटना के बाद अभिषेक का शव पोस्टमॉर्टम के लिए सासाराम सदर अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि अब तक बिजली विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो मजबूरन वे आंदोलन का सहारा लेंगे। सासाराम की यह घटना केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी नहीं, बल्कि सिस्टम की लापरवाही का परिणाम है। एक होनहार छात्र की जिंदगी प्रशासनिक उदासीनता की बलि चढ़ गई। त्योहारों के समय सुरक्षा इंतजामों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है ताकि किसी और परिवार को ऐसी पीड़ा का सामना न करना पड़े। यह घटना बार-बार यह साबित करती है कि लापरवाही और लचर व्यवस्था की वजह से आम जनता सबसे बड़ी कीमत चुकाती है। अभिषेक की मौत पूरे सिस्टम पर सवाल है और यह चेतावनी भी कि अगर सुधार नहीं हुए तो ऐसे हादसे बार-बार होते रहेंगे।


