November 17, 2025

बिहार से विदाई की तैयारी में मानसून, अक्टूबर में होगा ठंड का एहसास, लोग रहें सावधान

पटना। बिहार का मौसम अब धीरे-धीरे करवट ले रहा है। बारिश का दौर लगभग थम चुका है और आसमान से बादलों का बोझ उतरता दिखाई दे रहा है। लगातार हो रही झमाझम बारिश के बाद अब राज्य के बड़े हिस्से में शुष्कता बढ़ने लगी है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून विदाई की ओर है और आने वाले दिनों में बारिश की संभावना बहुत कम रह जाएगी।
पसीने और सिहरन का संगम
23 सितंबर का दिन बिहारवासियों के लिए मौसम का अजीब मिश्रण लेकर आया। सुबह की हल्की ठंडी हवा ने लोगों को सिहरन का अहसास कराया, लेकिन दोपहर होते-होते तापमान 37 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे लोग पसीने से तरबतर हो उठे। गांवों में खेतों पर हल्का कोहरा उतरते हुए देखा जा सकता है, जबकि शहरों में दोपहर की धूप लोगों को बेहाल कर रही है। इस तरह मौसम की यह दोहरी मार – सुबह ठंडक और दिन में तपिश – लोगों को असहज कर रही है।
बंगाल की खाड़ी से उम्मीदें
मौसम विभाग के ताज़ा पूर्वानुमान के अनुसार, 24 और 25 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक नया लो-प्रेशर क्षेत्र बनने की संभावना है। हालांकि यह सिस्टम कमजोर है, इसलिए राज्य में व्यापक बारिश की उम्मीद करना व्यर्थ होगा। कहीं-कहीं हल्की फुहारें जरूर पड़ सकती हैं, लेकिन इससे खेतों को खास लाभ नहीं मिलेगा। बारिश का यह दौर अब केवल औपचारिकता भर निभाता हुआ प्रतीत होता है।
मानसून विदाई की कगार पर
पटना मौसम केंद्र का कहना है कि अब मानसून की सक्रियता खत्म हो रही है। सितंबर के अंतिम सप्ताह तक बारिश लगभग रुक जाएगी और अक्टूबर से ठंडक धीरे-धीरे महसूस होने लगेगी। इसका असर सुबह और रात की हवाओं में स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में लोग पहले ही सुबह-सुबह हल्की ठिठुरन का अनुभव कर रहे हैं।
अक्टूबर से बढ़ेगी ठंड
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार ठंड सामान्य से अधिक होगी। ‘ला नीना’ प्रभाव के कारण उत्तरी भारत और बिहार में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। इस बार की ठिठुरन सिर्फ ठंडक तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि लोगों को हड्डियों तक कंपा देने वाली साबित हो सकती है। यानी इस साल की सर्दी पहले से कहीं ज्यादा कठिन होगी।
मौसम का असामान्य मिजाज
अभी के दिनों में मौसम की उठापटक बिहारवासियों को परेशान कर रही है। सुबह की ठंडक, दोपहर की तेज गर्मी और शाम की उमस मिलकर एक असामान्य स्थिति पैदा कर रहे हैं। इस बदलाव के कारण लोग पसीने और सिहरन दोनों का सामना एक साथ कर रहे हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में किसान इस बदलते मौसम को लेकर चिंतित हैं क्योंकि खेतों में खड़ी फसलों को समय पर बारिश न मिलने से नुकसान हो सकता है।
विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने साफ संकेत दिया है कि बारिश अब सिर्फ नाममात्र की होगी। इसके साथ ही विभाग ने लोगों को आगाह किया है कि आने वाली सर्दी सामान्य से कहीं ज्यादा कठोर होगी। ऐसे में अभी से सावधानी बरतना जरूरी होगा। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी सलाह दे रहे हैं कि अचानक बदलते मौसम में खानपान और दिनचर्या पर ध्यान देना जरूरी है, ताकि मौसमी बीमारियों से बचा जा सके। बिहार का मौसम इस समय संक्रमण काल से गुजर रहा है। मानसून विदाई की तैयारी कर रहा है और ठंड दस्तक देने को तैयार है। सुबह की ठंडक और दोपहर की तपिश ने लोगों को उलझन में डाल दिया है। आने वाले दिनों में हल्की-फुल्की बारिश की उम्मीद जरूर है, लेकिन उससे ज्यादा राहत नहीं मिलेगी। असली चुनौती अक्टूबर के बाद शुरू होगी जब ठंड का प्रकोप बढ़ेगा और बिहारवासियों को कड़ाके की सर्दी का सामना करना पड़ेगा। ऐसे में लोगों को अभी से तैयारी करनी होगी ताकि बदलते मौसम की मार से खुद को सुरक्षित रखा जा सके। यह पूरा बदलाव साफ संकेत देता है कि प्रकृति अपने अगले चरण की ओर बढ़ रही है – गर्मी से राहत और ठंड की दस्तक।

You may have missed