राशन कार्ड लाभार्थियों को 3 महीने में मिलेगा राशन, पूरे देश में जल्द लागू होगी नई व्यवस्था
नई दिल्ली। भारत सरकार ने करोड़ों राशन कार्डधारकों के लिए एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब तक लाभार्थियों को हर महीने राशन मिलता था, लेकिन नई योजना के तहत अब हर तीन महीने पर राशन मिलेगा। इसका मतलब यह हुआ कि तीन महीने का राशन लाभार्थियों को एक बार में उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार ने इस निर्णय को गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लागू किया है।
मासिक से तिमाही वितरण की ओर बदलाव
अभी तक लोग हर महीने अपने नजदीकी सरकारी खाद्य भंडार से राशन लेने के लिए लंबी कतारों में खड़े होते थे। कई बार यह प्रक्रिया झंझटपूर्ण हो जाती थी। कोरोना काल में तो समस्या और भी गंभीर हो गई थी, जब परिवहन बाधित हुआ और कई परिवारों को समय पर राशन नहीं मिल पाया। इन चुनौतियों से सीख लेते हुए सरकार ने अब तिमाही वितरण प्रणाली अपनाने का फैसला किया है। इस बदलाव से लोगों को बार-बार राशन केंद्र जाने की आवश्यकता नहीं होगी और उन्हें समय और श्रम की बचत होगी।
किन लाभार्थियों को मिलेगा फायदा
यह नई व्यवस्था सभी वैध राशन कार्डधारकों पर लागू होगी। इसमें राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत आने वाले परिवार, अंत्योदय अन्न योजना (AAY) के सदस्य, प्राथमिकता परिवार (PHH) और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के लाभार्थी शामिल हैं। लाभ पाने के लिए किसी नए आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि यह स्वतः सभी लाभार्थियों पर लागू हो जाएगा।
चरणबद्ध तरीके से होगी शुरुआत
पूरे देश में यह प्रणाली एक साथ लागू नहीं की जाएगी। सरकार ने तय किया है कि पहले इसे कुछ राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जाएगा। जहां इसके सफल परीक्षण के बाद देशभर में इसे लागू कर दिया जाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 के अंत तक यह व्यवस्था पूरे भारत में लागू हो जाए।
तकनीक के जरिए पारदर्शिता
राशन वितरण में लंबे समय से कालाबाजारी और फर्जीवाड़े की शिकायतें आती रही हैं। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने नई तकनीक का सहारा लिया है। स्मार्ट राशन कार्ड, OTP वेरिफिकेशन और ऑनलाइन ट्रैकिंग की सुविधाएं लागू की जाएंगी। इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि राशन केवल असली लाभार्थियों तक ही पहुंचे। कोई भी व्यक्ति फर्जी दस्तावेज के आधार पर अनाज प्राप्त न कर सके।
डोर-स्टेप डिलीवरी की योजना
कुछ राज्य सरकारें राशन वितरण को और सरल बनाने के लिए डोर-स्टेप डिलीवरी की दिशा में भी काम कर रही हैं। इसके लिए मोबाइल वैन और सरकारी वाहनों की व्यवस्था की जाएगी। खासतौर पर वृद्ध, दिव्यांग और अकेले रहने वाले लोगों को इस व्यवस्था से लाभ मिलेगा, क्योंकि उन्हें बार-बार राशन केंद्र तक जाने की परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। यह प्रयास योजना को और अधिक प्रभावी और जनहितैषी बनाएगा।
तीन महीने का राशन एक साथ मिलने के फायदे
इस नई व्यवस्था से गरीब और निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों को कई तरह की राहत मिलेगी। सबसे पहला लाभ यह होगा कि बार-बार लाइन लगाकर समय बर्बाद करने से लोग बच जाएंगे। दूसरा फायदा यह होगा कि परिवहन खर्च कम होगा क्योंकि तीन महीने तक एक बार ही जाना पड़ेगा। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण लाभ यह है कि लोग अपनी जरूरतों और प्राथमिकताओं के हिसाब से राशन का बेहतर प्रबंधन कर पाएंगे। साथ ही भोजन सुरक्षा की गारंटी भी मिलेगी।
राशन की सामग्री
योजना के तहत मिलने वाली सामग्री राज्यों के हिसाब से थोड़ी अलग हो सकती है। सामान्य रूप से इसमें गेहूं, चावल, दाल, नमक और तेल शामिल होंगे। कुछ राज्यों में चीनी भी दी जाएगी। हर परिवार को यह राशन उनकी तीन महीने की अनुमानित खपत को देखते हुए दिया जाएगा।
गरीब और मध्यम वर्ग को राहत
इस व्यवस्था का सबसे सकारात्मक पहलू यह है कि इससे खासतौर पर गरीब और मध्यम वर्ग को राहत मिलेगी। वे अब न केवल अनाज की उपलब्धता को लेकर निश्चिंत रहेंगे, बल्कि अपने घरेलू बजट की योजना भी आसानी से बना पाएंगे। त्योहारों या असमय आने वाली जरूरतों के लिए तीन महीने का राशन परिवारों के लिए सुरक्षा कवच का काम करेगा। भारत सरकार का यह कदम सामाजिक सुरक्षा और खाद्य आपूर्ति के क्षेत्र में एक बड़ा सुधार है। इससे लाखों-करोड़ों परिवारों को राहत मिलेगी और उनकी जीवनशैली पर सकारात्मक असर पड़ेगा। राशन वितरण की यह नई तिमाही प्रणाली न केवल सुविधाजनक होगी, बल्कि भ्रष्टाचार और कालाबाजारी पर भी अंकुश लगाएगी। सरकार का यह प्रयास साबित करेगा कि तकनीक और योजनाबद्ध प्रबंधन के जरिए गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सशक्त बनाया जा सकता है। अगर यह सफलतापूर्वक लागू हो गया तो यह खाद्य सुरक्षा प्रणाली में एक मील का पत्थर साबित होगा।


