बिहटा में कोर्ट से लौट रहे व्यक्ति की संदिग्ध मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
मृतक की फाइल फोटो
बिहटा। बिहटा थाना क्षेत्र में बुधवार की शाम एक ऐसी घटना हुई जिसने पूरे इलाके को दहला दिया। दोघरा छिलका गांव के पास सड़क हादसे में 50 वर्षीय मनु यादव की मौत हो गई। बताया जाता है कि वे दानापुर कोर्ट में हाजिरी देकर अपने घर लौट रहे थे। इसी दौरान अचानक एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। पुलिस को सूचना मिलते ही दल-बल के साथ घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिजनों का आरोप
इस घटना के बाद मृतक के घर में कोहराम मच गया। परिवार के लोगों ने इसे महज सड़क दुर्घटना मानने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि यह सुनियोजित हत्या है। परिजनों ने आरोप लगाया कि मनु यादव के विरोधियों ने जान-बूझकर उन्हें स्कॉर्पियो से कुचल दिया। आरोप सीधे तौर पर रामाधार यादव, अशोक यादव समेत कुछ अन्य लोगों पर लगाया गया है। परिजनों का दावा है कि पुराने विवाद की वजह से ही इस तरह की साजिश रची गई है।
पुलिस की प्रारंभिक जांच
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (दानापुर-02) अमरेंद्र कुमार झा ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि परिजनों द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रथम दृष्टया यह मामला सड़क हादसे जैसा प्रतीत होता है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोड़ा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने और गहन जांच के बाद ही मौत के वास्तविक कारणों की पुष्टि की जा सकेगी। पुलिस ने घटनास्थल से मिले साक्ष्यों को अपने कब्जे में लिया है और मामले की तहकीकात शुरू कर दी है।
मृतक का आपराधिक और विवादित इतिहास
घटना को और जटिल बनाता है मृतक का पुराना इतिहास। जानकारी के अनुसार, मनु यादव पहले हत्या के एक मामले में जेल जा चुके थे और इसी साल जून में ही रिहा हुए थे। इसके अलावा उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए एक मामला दर्ज कराया था। मृतक ने दावा किया था कि उनके विरोधी पक्ष ने उनकी बहन के साथ दुष्कर्म किया था। इस घटना के बाद से दोनों पक्षों के बीच तनाव और गहराता चला गया। यही कारण है कि उनकी मौत को लेकर अब परिजन और गांव के लोग इसे एक सामान्य दुर्घटना न मानकर एक योजनाबद्ध हत्या मान रहे हैं।
गांव में तनावपूर्ण माहौल
मनु यादव की मौत ने पूरे गांव का माहौल तनावपूर्ण कर दिया है। लोग सड़क हादसे और हत्या की संभावना के बीच उलझे हुए हैं। एक ओर पुलिस इसे सड़क हादसा मानकर चल रही है, वहीं दूसरी ओर परिजन और समर्थक हत्या का आरोप जोर-शोर से लगा रहे हैं। इस विवाद ने गांव में असुरक्षा की भावना भी बढ़ा दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक मामले की पूरी जांच नहीं होती, तब तक सच्चाई सामने आना मुश्किल है।
कानूनी प्रक्रिया और आगे की कार्रवाई
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट से ही यह तय हो पाएगा कि मौत दुर्घटना का नतीजा थी या किसी की सुनियोजित चाल। साथ ही परिजनों के आरोपों के आधार पर पुलिस ने नामजद व्यक्तियों पर भी नजर रखना शुरू कर दिया है। डीएसपी अमरेंद्र कुमार झा ने साफ किया है कि किसी भी निष्कर्ष पर जल्दबाजी में नहीं पहुंचा जाएगा। तथ्यों और सबूतों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी। बिहटा की यह घटना महज एक सड़क हादसा है या फिर गहरे विवाद का परिणाम, यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। परिजनों का आरोप इसे हत्या की ओर इंगित करता है, जबकि पुलिस इसे हादसा मान रही है। मृतक के आपराधिक इतिहास और पुराने विवादों को देखते हुए यह मामला और पेचीदा हो गया है। अब सबकी निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच पर टिकी हैं, जिससे सच सामने आएगा। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक यह सवाल बना रहेगा कि यह घटना मात्र एक दुर्घटना थी या एक योजनाबद्ध हत्या।


