आईआरसीटीसी टिकट बुकिंग में 1 अक्टूबर से बड़ा बदलाव, पहले 15 मिनट आधार प्रमाणिक यूजर्स ही कर सकेंगे रिजर्वेशन

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने यात्रा को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से एक नया निर्णय लिया है। 1 अक्टूबर 2025 से ऑनलाइन टिकट बुकिंग की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव लागू होने जा रहा है। अब टिकट रिजर्वेशन खुलने के शुरुआती 15 मिनट केवल आधार प्रमाणित यूजर्स के लिए सुरक्षित रहेंगे। इसका मतलब है कि आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल एप पर जो यात्री अपना खाता आधार से वेरीफाई करवा चुके हैं, वही इस दौरान टिकट बुक कर सकेंगे।
आधार प्रमाणिकता का महत्व
भारतीय रेलवे लंबे समय से टिकट ब्लैक मार्केटिंग और बुकिंग में धांधली को रोकने के लिए प्रयासरत रहा है। अक्सर देखने में आता था कि दलाल या एजेंट टिकट बुकिंग शुरू होते ही बड़ी संख्या में टिकट ब्लॉक कर लेते थे, जिससे आम यात्रियों को टिकट पाना मुश्किल हो जाता था। नए नियम के तहत केवल आधार प्रमाणित यूजर्स को शुरुआती समय में बुकिंग की अनुमति देकर रेलवे ने वास्तविक यात्रियों को प्राथमिकता देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। इससे बुकिंग प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनेगी।
एजेंटों और पीआरसी काउंटर पर नियम
यह बदलाव केवल ऑनलाइन बुकिंग पर लागू होगा। रेलवे ने स्पष्ट किया है कि कंप्यूटरीकृत पीआरसी काउंटरों से टिकट लेने की प्रक्रिया पहले की तरह ही जारी रहेगी। वहीं, अधिकृत टिकटिंग एजेंटों पर पहले से लागू 10 मिनट की पाबंदी जारी रहेगी। इसका सीधा अर्थ है कि एजेंट बुकिंग खुलने के शुरुआती 10 मिनट तक टिकट आरक्षण नहीं कर पाएंगे। इस व्यवस्था का उद्देश्य एजेंटों द्वारा टिकट ब्लॉकिंग पर रोक लगाना है।
सामान्य और तत्काल टिकट में अंतर
अब तक आधार प्रमाणिकता की यह शर्त केवल तत्काल टिकट बुकिंग पर लागू थी। लेकिन 1 अक्टूबर से इसे सामान्य टिकट बुकिंग में भी लागू कर दिया जाएगा। तत्काल टिकट में पहले से ही एजेंट और दलालों पर रोक लगाई गई थी ताकि आपातकालीन स्थिति में वास्तविक यात्रियों को प्राथमिकता मिल सके। अब यही व्यवस्था सामान्य बुकिंग के लिए भी की जा रही है।
त्योहार और भीड़भाड़ के मौसम में राहत
भारत जैसे विशाल देश में त्योहारों और छुट्टियों के मौसम में टिकट बुकिंग सबसे बड़ी चुनौती होती है। दशहरा, दीपावली, होली या छठ जैसे अवसरों पर लोग महीनों पहले से टिकट बुक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन कई बार दलालों की वजह से उन्हें टिकट नहीं मिल पाता। नए नियम से यह समस्या काफी हद तक दूर होगी। आधार वेरीफाइड यूजर्स को प्राथमिकता मिलने से उन्हें शुरुआती समय में टिकट सुरक्षित करने का बेहतर अवसर मिलेगा।
तकनीकी सुधार और सुरक्षा
रेलवे ने सीआरआईएस (सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम) और आईआरसीटीसी को इस बदलाव को लागू करने के लिए जरूरी तकनीकी सुधार करने का निर्देश दिया है। तकनीकी बदलावों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आधार वेरीफिकेशन सुचारू रूप से हो और बुकिंग के समय सिस्टम पर किसी तरह का अतिरिक्त दबाव न पड़े। साथ ही, यह कदम डिजिटल सुरक्षा को भी मजबूत करेगा।
यात्रियों की सुविधा पर असर
यह बदलाव यात्रियों के लिए कई मायनों में लाभकारी साबित होगा। सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि वास्तविक यात्री अपने टिकट समय पर सुरक्षित कर सकेंगे। साथ ही, इससे धोखाधड़ी और ब्लैक मार्केटिंग पर रोक लगेगी। रेलवे का मानना है कि इस तरह की पारदर्शी व्यवस्था से यात्रियों का विश्वास बढ़ेगा और उन्हें सुविधा का अनुभव होगा।
संभावित चुनौतियां
हालांकि यह बदलाव कई सकारात्मक परिणाम लाएगा, लेकिन कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। उदाहरण के लिए, जिन यात्रियों का खाता आधार से वेरीफाई नहीं है, वे शुरुआती 15 मिनट में टिकट बुक नहीं कर पाएंगे। ऐसे में उन्हें थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। साथ ही, आधार प्रमाणिकरण प्रक्रिया से जुड़े तकनीकी मुद्दे भी सामने आ सकते हैं। लेकिन रेलवे का दावा है कि इन चुनौतियों का समाधान पहले से तैयार किया जा रहा है। भारतीय रेलवे का यह नया नियम टिकट बुकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक अहम कदम है। आधार प्रमाणित यूजर्स को प्राथमिकता देकर रेलवे ने स्पष्ट संदेश दिया है कि वास्तविक यात्रियों को दलालों और ब्लैक मार्केटिंग से बचाना उसकी पहली जिम्मेदारी है। यह बदलाव खासकर त्योहारों और यात्रा सीजन में यात्रियों को बड़ी राहत देगा और डिजिटल इंडिया की दिशा में रेलवे की पहल को और मजबूती प्रदान करेगा।
