September 16, 2025

बिहार में 10 हज़ार से अधिक श्रमिकों के पासपोर्ट के आवेदन रद्द, अवैध रूप से विदेश जाने की कोशिश, विभाग ने लिया एक्शन

पटना। बिहार में श्रमिकों के पासपोर्ट आवेदन को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की गई है। राज्य में करीब दस हजार श्रमिकों के पासपोर्ट आवेदन रद्द कर दिए गए हैं। ये श्रमिक अवैध तरीके से विदेश जाने के लिए पासपोर्ट बनवा रहे थे। पुलिस सत्यापन में सामने आया कि इन लोगों ने फर्जी दस्तावेज देकर आवेदन किए थे। कई श्रमिकों का पूरा पासपोर्ट बन जाने वाला था, लेकिन अंतिम चरण में जांच के दौरान मामला उजागर हो गया। विभाग के अधिकारी इस घटना को देखकर हैरान रह गए। इनमें से लगभग पाँच हजार आवेदन तत्काल पासपोर्ट के लिए किए गए थे, जिससे स्पष्ट होता है कि श्रमिक विदेश जाकर जल्दी रोजगार पाने के लिए किसी भी जोखिम से पीछे नहीं हटते।
श्रमिकों का विदेश जाने का सपना और उसका दुरुपयोग
हर वर्ष बड़ी संख्या में श्रमिक अरब देशों में काम की तलाश में जाते हैं। विदेशी नौकरी का आकर्षण और बेहतर वेतन की उम्मीद उन्हें पासपोर्ट बनवाने के लिए प्रेरित करती है। कई बार श्रमिकों को यह जानकारी मिलती है कि विदेश में नौकरी पाने का मौका है और अच्छा पारिश्रमिक मिलेगा। इसके चलते वे पासपोर्ट आवेदन में जुट जाते हैं। लेकिन इसी प्रक्रिया का गलत फायदा उठाकर फर्जी एजेंट उन्हें गलत दस्तावेज तैयार कर पासपोर्ट बनवाने के लिए उकसाते हैं। कई श्रमिकों को यह पता भी नहीं होता कि वे किस तरह फर्जीवाड़े का शिकार हो रहे हैं। गलत आधार नंबर, जन्म प्रमाणपत्र और ड्राइविंग लाइसेंस बनाकर उन्हें पासपोर्ट दिलाने के नाम पर 20 से 50 हजार रुपये तक ठग लिए जाते हैं। कई श्रमिक अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए इस जोखिम में फंस जाते हैं।
पुलिस वेरिफिकेशन से सामने आई सच्चाई
जब पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया में पुलिस सत्यापन का चरण आया, तो फर्जी दस्तावेज का मामला सामने आया। जांच में पाया गया कि आवेदन करने वाले श्रमिकों ने गलत पहचान पत्र, नकली जन्म प्रमाणपत्र और अन्य झूठे कागजात जमा किए थे। पुलिस ने ऐसे आवेदन को तुरंत रद्द कर दिया। विभाग ने यह साफ कर दिया कि कोई भी आवेदन बिना उचित दस्तावेजों के पास नहीं होगा। अधिकारियों ने बताया कि इस प्रकार की फर्जीवाड़े से न केवल आवेदन प्रक्रिया प्रभावित होती है, बल्कि श्रमिकों का भविष्य भी संकट में पड़ जाता है।
एजेंटों का जाल और उसके दुष्परिणाम
फर्जी पासपोर्ट बनाने वाले एजेंटों का नेटवर्क पूरे राज्य में सक्रिय है। वे उन श्रमिकों को अपने जाल में फंसाते हैं जो विदेश में जल्दी काम पाने की चाह रखते हैं। एजेंट उन्हें बताते हैं कि सही दस्तावेजों की जरूरत नहीं है, और नकली कागजात से पासपोर्ट बन सकता है। श्रमिक अपनी मजबूरी और जल्द नौकरी पाने की चाह में उनकी बात मान लेते हैं। लेकिन जब वे विदेश पहुँचते हैं, तो उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार उनके वीडियो सामने आते हैं, जिसमें वे फर्जी दस्तावेजों के चलते विदेश में मुश्किल में दिखते हैं। यह समस्या न केवल आर्थिक नुकसान पहुँचाती है, बल्कि कानूनी दिक्कतों में भी श्रमिकों को फंसा देती है।
क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय की चेतावनी
श्रमिकों को फर्जीवाड़े से बचाने के लिए क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें स्पष्ट कहा गया है कि पासपोर्ट आवेदन प्रक्रिया मान्यता प्राप्त एजेंट के माध्यम से ही पूरी करें। एजेंट का लाइसेंस और प्रमाणपत्र देखने के बाद ही आवेदन करें। फर्जी एजेंटों के बहकावे में आने से भविष्य में कई समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। विभाग ने श्रमिकों से अपील की है कि वे किसी भी शॉर्टकट या संदिग्ध एजेंट से दूर रहें। साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि किसी को विदेश जाने के लिए सहायता चाहिए तो वह सीधे पासपोर्ट कार्यालय से संपर्क करे। बिहार के श्रमिकों का विदेश में रोजगार पाने का सपना गलत हाथों में पड़कर उनके लिए संकट बन जाता है। फर्जी एजेंटों द्वारा किए जा रहे पासपोर्ट घोटाले से श्रमिक आर्थिक और मानसिक दोनों तरह की परेशानी में फंस जाते हैं। पुलिस जांच में पकड़े गए आवेदन इस समस्या की गंभीरता को दर्शाते हैं। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय द्वारा जारी चेतावनी और निर्देश श्रमिकों को जागरूक करने का प्रयास है। आने वाले समय में यदि श्रमिक सही प्रक्रिया का पालन करें तो न केवल उनका भविष्य सुरक्षित रहेगा, बल्कि वे अवैध गतिविधियों से भी बच सकेंगे। इसलिए आवश्यक है कि श्रमिक विदेश जाने की प्रक्रिया को समझें और फर्जी एजेंटों से सावधान रहें ताकि उनका सपना सुरक्षित और सही तरीके से पूरा हो।

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