September 16, 2025

मांझी के दावे पर बोले बीजेपी अध्यक्ष, कहा- एनडीए चट्टान की तरह एकजुट, सहयोगी दलों में कोई मतभेद नहीं

पटना। बिहार की राजनीति में इन दिनों चुनावी गठजोड़ को लेकर चर्चा तेज़ है। खासकर जब से हम पार्टी के सुप्रीमो जीतन राम मांझी ने 15-20 सीटों की मांग की है, तब से राजनीतिक गलियारों में सवाल उठ रहे थे कि कहीं एनडीए में मतभेद तो नहीं बढ़ रहे। लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने साफ शब्दों में कहा कि “आप चिंता न करें… सब कुछ अच्छा है। एनडीए पूरी तरह से चट्टानी एकता के साथ आगे बढ़ रहा है।” उन्होंने इस बयान के ज़रिए यह स्पष्ट कर दिया कि गठबंधन के भीतर मतभेद जैसी कोई बात नहीं है और सब कुछ चुनाव से पहले ही सुलझा लिया गया है।
विधानसभा सम्मेलन और संगठन की मजबूती
दिलीप जायसवाल ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए बताया कि विधानसभा सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित किया गया और जिले स्तर पर भी सम्मेलन संपन्न हो चुका है। इसका अर्थ है कि संगठन पूरी ताकत के साथ चुनाव की तैयारी में लगा है। उन्होंने कहा कि सब कुछ बहुत अच्छा चल रहा है, जिससे यह संदेश दिया गया कि एनडीए का हर घटक दल एकजुट होकर काम कर रहा है। सम्मेलन के माध्यम से पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ा है और नेतृत्व ने संगठन को चुनावी चुनौती के लिए तैयार कर लिया है।
पांडव की उपमा और राजनीतिक संकेत
जायसवाल ने अपने बयान में ‘पांडव’ की उपमा का प्रयोग कर एनडीए की ताकत का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि “हम पांडव हैं और हमारी पाँच पांडव की ताकत है।” यह उपमा बताती है कि एनडीए में पाँच प्रमुख घटक दल मिलकर एक मजबूत शक्ति के रूप में काम कर रहे हैं। इस तरह उन्होंने गठबंधन को धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भ देकर जनता के बीच सकारात्मक छवि बनाने का प्रयास किया। राजनीतिक विश्लेषक इसे एक रणनीतिक कदम मान रहे हैं, जिससे एनडीए की एकजुटता का प्रचार होगा और मतदाताओं में विश्वास पैदा होगा।
सीटों की मांग पर स्पष्टता
हम पार्टी की सीटों की मांग को लेकर उठे सवाल पर भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इससे कोई बड़ी तनातनी नहीं है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सहयोगी दलों के बीच समन्वय कायम है और सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझा लिया गया है। यह बयान उन अटकलों को विराम देने जैसा है, जिनमें कहा जा रहा था कि एनडीए में असहमति बढ़ रही है। उन्होंने यह भी बताया कि चुनाव से पहले सभी पार्टियाँ साथ मिलकर रणनीति तय कर रही हैं, जिससे बिहार में एनडीए की पकड़ मजबूत होगी।
राजनीतिक संदेश और आगामी चुनाव
इस पूरे घटनाक्रम का एक बड़ा राजनीतिक संदेश है। एनडीए यह दिखाना चाहता है कि वह किसी विवाद या मतभेद में नहीं उलझा है। चुनावी समर से पहले एकजुटता का यह प्रदर्शन पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने के साथ-साथ आम जनता में भरोसा भी पैदा करता है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए की रणनीति को मजबूत करेगा। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में, जहाँ सहयोगी दलों के बीच सीटों को लेकर असहमति की संभावना मानी जा रही थी, वहाँ इस बयान से स्पष्ट संदेश गया है कि गठबंधन साझा लक्ष्य की ओर अग्रसर है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल का बयान एनडीए की एकजुटता और समन्वय का प्रतीक है। उन्होंने पांडव की उपमा देकर गठबंधन की ताकत को उजागर किया, साथ ही सीटों की मांग को लेकर उठे विवादों पर पूरी तरह विराम लगाने का प्रयास किया। विधानसभा और जिले स्तर पर सम्मेलन संपन्न होने से संगठन की सक्रियता और चुनाव की तैयारियों का संकेत मिलता है। यह बयान आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की रणनीति को मजबूत करेगा और जनता में यह विश्वास पैदा करेगा कि गठबंधन एकजुट है और चुनावी मैदान में मजबूती से उतरने के लिए तैयार है। इस तरह एनडीए ने अपने सहयोगी दलों के बीच तालमेल बनाए रखते हुए चुनावी राजनीति में अपनी स्थिति को सुदृढ़ करने का प्रयास किया है।

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