बिहार में 3303 नए राजस्व कर्मचारियों की होगी बहाली, पद सृजन को मिली मंजूरी, जल्द शुरू होगी प्रक्रिया

पटना। बिहार सरकार ने प्रशासनिक सुधार और भूमि प्रबंधन को तेज़ करने के उद्देश्य से एक बड़ा निर्णय लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने 3303 नए राजस्व कर्मचारियों के पदों के सृजन को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय न केवल राजस्व विभाग के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी बेहद अहम माना जा रहा है।
वित्तीय प्रावधान और संसाधन
इन पदों पर बहाली के लिए सरकार ने 131 करोड़ 74 लाख 21 हजार 368 रुपये का वित्तीय प्रावधान स्वीकृत किया है। माना जा रहा है कि इतनी बड़ी राशि का निवेश सीधे तौर पर राजस्व कार्यों की दक्षता बढ़ाने, भूमि विवादों को कम करने और लोगों को समय पर सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किया गया है।
राजस्व विभाग की भूमिका
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग राज्य में भूमि प्रबंधन, पंजीकरण और विवाद निपटान जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का जिम्मा संभालता है। लेकिन लंबे समय से विभाग में कर्मचारियों की कमी बनी हुई थी, जिसके कारण कार्यों की गति धीमी हो गई थी। नई नियुक्तियों के बाद विभाग को एक नई ऊर्जा मिलने की संभावना है।
जनता को संभावित लाभ
नई बहाली से आम जनता को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जमीन से जुड़े विवाद और रजिस्ट्री में हो रही देरी कम होगी। अब लोगों को कागजी कार्यवाही और रजिस्ट्री संबंधी सेवाओं के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, राजस्व कर्मचारियों की संख्या बढ़ने से दलालों का दबदबा भी घटेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
राजनीतिक मायने
यह फैसला चुनावी साल में आया है, इसलिए इसके राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं। विपक्ष ने इस निर्णय को लोकलुभावन बताते हुए कहा कि सरकार को जनता की वास्तविक चिंता नहीं है, बल्कि वोट बैंक को साधने का प्रयास किया जा रहा है। वहीं सत्ता पक्ष ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए कहा है कि यह गरीबों, किसानों और आम आदमी को सीधा लाभ देने वाला निर्णय है।
यात्रा भत्ता और आकस्मिकता निधि
कैबिनेट की बैठक में केवल नए पदों की बहाली का ही निर्णय नहीं हुआ, बल्कि राज्यकर्मियों को यात्रा भत्ता में संशोधन का लाभ भी मिला है। इसके साथ ही आकस्मिकता निधि को 26 मार्च 2026 तक बढ़ाकर 31,689.50 करोड़ रुपये कर दिया गया है। इसका उद्देश्य यह है कि आपदा या आपात स्थिति में तुरंत राहत पहुंचाई जा सके और सरकारी कामकाज में देरी न हो।
विशेषज्ञों की राय
प्रशासनिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम केवल रोजगार सृजन तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर राज्य की अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक ढांचे पर भी पड़ेगा। शहरी लीज व्यवस्था और उद्योग-परियोजनाओं को इससे नई रफ्तार मिलेगी। साथ ही ई-गवर्नेंस को मजबूती मिलने से पारदर्शिता और जवाबदेही भी बढ़ेगी।
गेम चेंजर पहल
राजस्व कर्मचारियों की बड़ी संख्या में बहाली को प्रशासनिक हलकों में “गेम चेंजर” बताया जा रहा है। यह पहल न केवल विभागीय कामकाज को गति देगी बल्कि लंबे समय से लंबित फाइलों और भूमि विवादों को सुलझाने में भी मददगार होगी। जमीन अब केवल विवादों का कारण नहीं रहेगी, बल्कि विकास और तरक्की की पहचान बनेगी। 3303 नए राजस्व कर्मचारियों की बहाली का निर्णय बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यक्षमता बढ़ेगी बल्कि जनता को भी समय पर सेवाएं मिल सकेंगी। हालांकि इस फैसले पर राजनीतिक बहस जारी है, लेकिन यह तय है कि आने वाले समय में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। सरकार का यह कदम स्पष्ट संदेश देता है कि अब भूमि विवाद और विलंब की जगह पारदर्शिता और विकास की राह पर जोर दिया जाएगा।
