18 और 27 सितंबर को बिहार दौरे पर आएंगे गृहमंत्री, चुनावी तैयारी पर करेंगे बैठक, कार्यकर्ताओं को देंगे टिप्स

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की आहट के साथ ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लगातार दौरे इसी कड़ी का हिस्सा हैं। इन दौरों के जरिए भाजपा न केवल चुनावी माहौल बनाने की कोशिश कर रही है बल्कि संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं में जोश भरने पर भी ध्यान दे रही है।
प्रधानमंत्री का दौरा और जनसभा
सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 15 सितंबर को बिहार आगमन प्रस्तावित है। वे पूर्णिया जिले के गुलाबबाग शीशाबाड़ी स्थित एसएसबी कैंपस में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का शुभारंभ और लोकार्पण करेंगे। इनमें पूर्णिया एयरपोर्ट का उद्घाटन शामिल है, जिसके जरिए इस क्षेत्र से विमान सेवा की शुरुआत होगी। इसके साथ ही वे वर्चुअल माध्यम से पटना मेट्रो परियोजना का उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा प्रधानमंत्री दानापुर-जोगबनी वंदे भारत एक्सप्रेस सहित रेलवे और सड़क से जुड़ी अन्य कई योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे।
अमित शाह के दो बड़े दौरे
प्रधानमंत्री के दौरे के तुरंत बाद भाजपा के शीर्ष नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार आएंगे। उनका पहला दौरा 18 सितंबर को पटना में होगा और इसके बाद वे 27 सितंबर को फिर से पटना लौटेंगे। दोनों अवसरों पर वे भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेंगे। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य चुनावी रणनीति पर चर्चा करना और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र देना है।
संगठनात्मक बैठकें और चुनावी रणनीति
भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए बिहार को पांच जोनों में बांटा है। अमित शाह 18 सितंबर को दो जोन की कमेटियों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान उम्मीदवार चयन, संगठन की मजबूती, चुनाव प्रचार की रूपरेखा और घोषणापत्र जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। माना जा रहा है कि अमित शाह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए के अन्य सहयोगियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। इससे गठबंधन की स्थिति और सीट बंटवारे के मसलों पर भी संकेत मिल सकते हैं।
जेपी नड्डा का दौरा
इन दौरे की श्रृंखला की शुरुआत भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा करेंगे। वे 13 सितंबर को पटना पहुंचेंगे और बिहार भाजपा की कोर कमेटी के साथ बैठक करेंगे। इस बैठक में चुनाव से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा होगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, उम्मीदवारों की संभावित सूची और सीट बंटवारे पर भी गहन चर्चा की जाएगी।
दिल्ली बैठक से मिली दिशा
3 सितंबर को दिल्ली में अमित शाह की अध्यक्षता में बिहार भाजपा कोर कमेटी की बैठक आयोजित हुई थी। इसमें चुनाव प्रचार की रणनीति, उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया और घोषणापत्र की तैयारी पर जोर दिया गया। शाह ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया था कि एनडीए में सीट बंटवारे से पहले ही संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली जाए। इस दिशा में पार्टी नेता पहले से सक्रिय हैं और अब शाह खुद पटना आकर उसकी समीक्षा करेंगे।
कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र
अमित शाह का बिहार दौरा महज औपचारिकता नहीं होगा। वे कार्यकर्ताओं को चुनावी जीत का मंत्र देंगे और उन्हें यह बताएंगे कि किस तरह से घर-घर जाकर पार्टी की नीतियों और प्रधानमंत्री मोदी की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना है। संगठन की मजबूती और बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं की सक्रियता पर भी खास बल दिया जाएगा।
एनडीए की मजबूती पर फोकस
नीतीश कुमार की पार्टी जदयू और भाजपा के रिश्ते कई उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं। ऐसे में अमित शाह और मोदी के लगातार दौरे एनडीए के भीतर तालमेल बैठाने की कोशिश के रूप में भी देखे जा रहे हैं। सीट बंटवारे और चुनाव प्रचार में तालमेल बनाए रखना दोनों दलों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। शाह के दौरे से इस दिशा में स्पष्टता आने की संभावना है।
आगामी चुनाव की रूपरेखा
इन सभी बैठकों और दौरों का मूल उद्देश्य 2025 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा और एनडीए को तैयार करना है। प्रधानमंत्री मोदी की जनसभा से जनता के बीच सीधा संदेश जाएगा, वहीं शाह और नड्डा की बैठकें संगठन को जमीन पर मजबूत करने का काम करेंगी। उम्मीदवारों के नाम तय करने से लेकर घोषणापत्र तक, हर मुद्दे पर अब शीर्ष नेतृत्व की सीधी नजर है। सितंबर का महीना बिहार की राजनीति के लिए बेहद अहम साबित होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के लगातार दौरों से साफ है कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव की तैयारी को पूरी गंभीरता से शुरू कर दिया है। अब देखना यह होगा कि इन दौरों का असर संगठन और जनता पर कितना पड़ता है और भाजपा व एनडीए किस तरह चुनावी समीकरणों को अपने पक्ष में मोड़ पाते हैं।
