September 10, 2025

तेजस्वी का केंद्र पर हमला, कहा- बिहार लंबे समय से साझेदार, फिर भी यहां के युवा बेरोजगार, मांगा जवाब

पटना। बिहार में बेरोजगारी, पलायन और आर्थिक पिछड़ेपन को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने केंद्र और राज्य की एनडीए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के 8 करोड़ युवा पिछले दो दशकों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पिछले 11 वर्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जवाब मांग रहे हैं। तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि इतने लंबे समय तक सत्ता में रहने के बावजूद बिहार विकास, रोजगार और आर्थिक समृद्धि से वंचित है। उन्होंने इसे न केवल राजनीतिक आरोप बताया बल्कि नीति आयोग की रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि बिहार की प्रति व्यक्ति आय कई अफ्रीकी देशों से भी कम है।
बेरोजगारी और पलायन की स्थिति पर सवाल
तेजस्वी यादव ने कहा कि तकनीक, उदारीकरण और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे आधुनिक दौर में भी बिहार के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर नहीं बढ़े हैं। उन्होंने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए और एनडीए सरकार से जवाब मांगते हुए कहा कि बिहार लंबे समय से विकास से वंचित क्यों है। उन्होंने युवाओं की ओर से मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से पूछा कि – केला, मखाना, गन्ना, लीची और आलू जैसी फसलों की भरपूर पैदावार होने के बावजूद खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्यों नहीं लगाए गए? आईटी कंपनियां और आईटी पार्क बिहार में क्यों नहीं आए? मछली उत्पादन और डेयरी उद्योग को प्रोत्साहन क्यों नहीं मिला? तेजस्वी ने आगे सवाल किया कि उद्योग-विशिष्ट क्लस्टर क्यों नहीं लगाए जा सके? हथकरघा, बुनकर और लघु उद्योगों को बढ़ावा क्यों नहीं दिया गया? बिहार को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित क्यों नहीं किया गया? इसके साथ ही उन्होंने पलायन की बढ़ती दर पर भी सवाल उठाए और पूछा कि इतने वर्षों में कितने युवाओं ने बिहार छोड़कर अन्य राज्यों का रुख किया।
पारदर्शिता और शासन पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष ने भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि नियुक्ति और भर्ती प्रक्रिया नियमित क्यों नहीं की गई? कितनी चीनी मिल, जूट मिल और पेपर मिल बंद हुईं और उससे कितने लोगों की रोजी-रोटी और राज्य के राजस्व को नुकसान हुआ, इसका जवाब सरकार क्यों नहीं दे रही? उन्होंने यह भी पूछा कि शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च किए गए हजारों करोड़ रुपये बिहार में क्यों नहीं रहे और बाहर क्यों चले गए? तेजस्वी ने बिहार के मानव संसाधन का उपयोग भी मुद्दा बनाया। उन्होंने पूछा कि बिहार के युवाओं में से कितने प्रतिशत युवाओं को राज्य में काम मिल रहा है और कितने दूसरे प्रदेशों में पलायन कर रहे हैं।
युवाओं को लेकर चेतावनी
तेजस्वी यादव ने कहा कि युवाओं के ये सवाल सीधे-सीधे सरकार से जुड़े हैं और इस बार चुनाव में यही सवाल सरकार को कटघरे में खड़ा करेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार इन सवालों का जवाब देने से बचती है तो युवा अपने वोट के जरिए करारा जवाब देंगे। तेजस्वी यादव का यह हमला केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं बल्कि बिहार की वास्तविक स्थिति को उजागर करने का प्रयास है। बेरोजगारी, पलायन, उद्योगों की कमी और पारदर्शिता की समस्या बिहार के सामने बड़ी चुनौती बन चुकी है। तेजस्वी ने एनडीए सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है और कहा है कि बिहार की जनता, खासकर युवा वर्ग, अब चुप नहीं रहेगा। आने वाले चुनाव में ये मुद्दे बिहार की राजनीति में मुख्य भूमिका निभाएंगे। बिहार में विकास की कमी पर सवाल उठाकर तेजस्वी ने केंद्र और राज्य सरकार की जवाबदेही तय करने का प्रयास किया है। यह मुद्दा केवल एक राजनीतिक बहस नहीं बल्कि बिहार के भविष्य से जुड़ा सवाल है।

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