September 6, 2025

इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार पटना पहुंचे, तेजस्वी समेत कई नेताओं से की मुलाकात, संविधान कमजोर करने की कही बात

पटना। उपराष्ट्रपति पद के लिए इंडिया गठबंधन ने अपने साझा उम्मीदवार जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। शुक्रवार को पटना पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) प्रमुख मुकेश सहनी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता कृष्णा अल्लावरू, पूर्व सांसद राजा राम सिंह और अन्य विपक्षी नेता मौजूद रहे। विपक्षी दलों ने संयुक्त रूप से जस्टिस रेड्डी के पक्ष में समर्थन जुटाने की अपील की और केंद्र सरकार पर लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया।
पाटलिपुत्र की धरती से संदेश
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने पटना में आयोजित कार्यक्रम में कहा, यह पाटलिपुत्र की धरती भगवान बुद्ध और चाणक्य की भूमि है। यहां से हमेशा लोकतंत्र और ज्ञान का संदेश गया है। राहुल गांधी और कांग्रेस नेतृत्व की सोच से यह तय हुआ है कि जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी हमारे संयुक्त उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा कि जस्टिस रेड्डी ने न्यायपालिका में रहते हुए हमेशा आम जनता के हक के लिए काम किया है और अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को न्याय दिलाने में उनकी भूमिका सराहनीय रही है। राजेश राम ने आगे कहा कि आज लोकतंत्र खतरे में है। लोकसभा और राज्यसभा में जनप्रतिनिधियों के जरिए संविधान का हनन किया जा रहा है। ऐसे हालात में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर बी. सुदर्शन रेड्डी को सामने लाने का निर्णय लिया है ताकि लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा हो सके।
तेजस्वी यादव का हमला
कार्यक्रम में आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपा सरकार लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा, आज हालात ऐसे हैं कि संसद के भीतर जनता की आवाज दबाई जा रही है। विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा। इस परिस्थिति में हमें ऐसे व्यक्तित्व की जरूरत है, जिनकी छवि निष्पक्ष और संविधान की रक्षा करने वाली हो। जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी उस कसौटी पर खरे उतरते हैं। तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि देश में बेरोजगारी और महंगाई चरम पर है, लेकिन भाजपा इन मुद्दों पर चुप है। उन्होंने जनता से अपील की कि विपक्ष के उम्मीदवार को समर्थन देकर लोकतंत्र की मजबूती सुनिश्चित करें।
मुकेश सहनी की भावुक अपील
वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने भी जस्टिस रेड्डी को समर्थन देने की अपील की। उन्होंने कहा, मैं जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी को बधाई देता हूं। आज जरूरत है कि देश में सामाजिक न्याय और लोकतंत्र की बहाली के लिए सभी एमपी और एमएलए विपक्षी उम्मीदवार को समर्थन दें। जैसे हमारे पूर्वजों ने अंग्रेजों को देश से भगाया था, वैसे ही आज हमें भाजपा को सत्ता से हटाना होगा। मुकेश सहनी ने कहा कि जस्टिस रेड्डी जैसे उम्मीदवार संविधान की मर्यादा और जनहित को सर्वोच्च मानते हैं। ऐसे में उन्हें उपराष्ट्रपति बनाना देश के भविष्य के लिए आवश्यक कदम है।
विपक्षी एकजुटता का संदेश
पटना में हुए इस कार्यक्रम में विपक्षी दलों ने स्पष्ट संकेत दिया कि वे आने वाले समय में और भी ज्यादा मजबूती से एकजुट होंगे। नेताओं ने कहा कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा ही उनका मुख्य उद्देश्य है। जस्टिस रेड्डी की उम्मीदवारी के जरिए उन्होंने भाजपा पर यह संदेश देने की कोशिश की है कि विपक्ष अब और समझौता नहीं करेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता कृष्णा अल्लावरू ने कहा कि विपक्षी दल जनता की आवाज हैं और उनकी जिम्मेदारी है कि वे लोकतंत्र की रक्षा करें। उन्होंने कहा, जस्टिस रेड्डी का नाम सिर्फ एक व्यक्ति का नाम नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने का प्रतीक है।
संविधान बचाने की चुनौती
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इंडिया गठबंधन ने जस्टिस रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर भाजपा के सामने एक मजबूत नैतिक चुनौती खड़ी की है। जस्टिस रेड्डी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं और न्यायपालिका में उनका बेदाग रिकॉर्ड रहा है। ऐसे में उनकी उम्मीदवारी को विपक्ष संविधान और लोकतंत्र बचाने की लड़ाई के तौर पर पेश कर रहा है। पटना से उठी यह आवाज अब राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने लगी है। विपक्षी दलों ने साफ कर दिया है कि उनका मकसद सिर्फ सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं और संविधान की रक्षा करना है। जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी इसी मिशन का हिस्सा है। अब देखना यह होगा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में यह विपक्षी एकजुटता कितनी कारगर साबित होती है और जनता किस तरह इस संदेश को स्वीकार करती है।

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