September 6, 2025

बलूचिस्तान में आत्मघाती हमला, बम विस्फोट से 14 की मौत, कई लोग घायल

नई दिल्ली। पाकिस्तान के अशांत प्रांत बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा बुधवार को एक बार फिर आतंक की लपेट में आ गई। शहर के शाहवानी स्टेडियम के पास हुए एक आत्मघाती बम विस्फोट में 14 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 35 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। कई घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है, जिससे मृतकों का आंकड़ा और बढ़ने की आशंका है। यह धमाका उस समय हुआ जब बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (बीएनपी) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम समाप्त ही हुआ था। यह आयोजन पार्टी के दिवंगत नेता सरदार अताउल्लाह मेंगल की चौथी पुण्यतिथि के अवसर पर किया गया था।
अख्तर मेंगल को था मुख्य निशाना, बाल-बाल बचे
पुलिस अधिकारियों और जांच एजेंसियों ने पुष्टि की है कि इस आत्मघाती हमले का प्राथमिक निशाना बीएनपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अख्तर मेंगल थे। विस्फोट ठीक उस समय हुआ, जब उनका काफिला कार्यक्रम स्थल से रवाना हुआ था। हालांकि, वह इस हमले में सुरक्षित बच निकले। घटना के बाद अख्तर मेंगल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर अपनी सुरक्षा की जानकारी दी और हमले में मारे गए कार्यकर्ताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने इसे लोकतांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश बताया।
घटनास्थल पर मचा हाहाकार, एंबुलेंस और सुरक्षा बल पहुंचे
धमाके के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। चारों तरफ घायल और लाशें बिखरी पड़ी थीं। स्थानीय लोग चीख-पुकार कर रहे थे। राहत और बचाव कार्य के लिए तुरंत एम्बुलेंस और क्वेटा प्रशासन के राहत दल घटनास्थल पर पहुंचे। सभी घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। स्वास्थ्य मंत्री बख्त मुहम्मद काकर ने आश्वासन दिया कि घायलों का हरसंभव इलाज करवाया जा रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि कई की हालत चिंताजनक है और उन्हें विशेष देखभाल में रखा गया है।
सुरक्षा बलों ने लिया इलाके को घेराबंदी में
विस्फोट के तुरंत बाद सुरक्षा बलों और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी। बम स्क्वॉड और जांच एजेंसियां घटनास्थल पर मौजूद हैं। शुरुआती जांच में यह घटना आत्मघाती हमले की पुष्टि करती है। हालांकि, अभी तक किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री ने की निंदा
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर सरफराज बुगती ने इस हमले को “शांति के दुश्मनों की कायरतापूर्ण हरकत” करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे आतंकी हमलों का उद्देश्य प्रांत की शांति भंग करना और लोगों के बीच दहशत फैलाना है। मुख्यमंत्री ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निर्देश दिया है कि हमले में शामिल दोषियों की जल्द पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने घटना की जांच के लिए एक विशेष समिति के गठन की भी घोषणा की।
राजनीतिक हलकों और आम लोगों में चिंता
बीएनपी के इस कार्यक्रम पर हुए हमले ने पाकिस्तान के राजनीतिक हलकों और आम नागरिकों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। लोगों का कहना है कि बलूचिस्तान पहले ही अलगाववादी हिंसा और आतंकी गतिविधियों का शिकार है। ऐसे हालात में लोकतांत्रिक ताकतों को निशाना बनाए जाने से क्षेत्र में अस्थिरता और बढ़ जाएगी।
बलूचिस्तान और आतंकवाद की चुनौती
पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत लंबे समय से आतंकवाद और उग्रवादी गतिविधियों से जूझ रहा है। यहां अक्सर सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं और आम नागरिकों को निशाना बनाया जाता रहा है। ऊर्जा संसाधनों से समृद्ध इस क्षेत्र में अलगाववादी संगठनों के अलावा प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की भी सक्रियता देखी जाती है। यही कारण है कि बलूचिस्तान पाकिस्तान के लिए आंतरिक सुरक्षा की सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। क्वेटा का यह आत्मघाती हमला एक बार फिर उस दर्दनाक हकीकत को सामने लाता है कि बलूचिस्तान आज भी हिंसा और अस्थिरता के गर्त में फंसा हुआ है। 14 परिवारों ने अपने अपनों को खो दिया, जबकि दर्जनों लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे हैं। बीएनपी नेता अख्तर मेंगल भले ही इस हमले से सुरक्षित बच निकले हों, मगर यह घटना साबित करती है कि लोकतांत्रिक आवाज़ और शांति की राह पर चलने वालों को आज भी आतंक के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।

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