रणनीति : प्रशांत किशोर के हर गतिविधियों पर है जदयू की नजर, रहना है SILENT

पटना। जदयू के पूर्व उपाध्यक्ष व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर से निबटने के लिए जदयू की रणनीति बनाई है। रणनीति यह बनी है कि प्रशांत के हर गतिविधियों पर गहरी नजर रखी जाए, लेकिन प्रतिक्रिया से परहेज किया जाए। यही वजह है कि एक दिन पहले प्रशांत किशोर पर हमलावर रूख अपनाने वाले पार्टी के नेता और प्रवक्ता बुधवार को खामोश दिखे। केवल जदयू नेता व मंत्री नीरज कुमार ने उन्हें राजनीतिक पर्यटक बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों के बारे में क्या बोलना। उधर, भाजपा दूसरे दिन भी प्रशांत किशोर पर हमलावर दिखी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल ने खुद मोर्चा संभाल लिया है।
बताते चले कि जदयू ने निकाले जाने के बाद प्रशांत किशोर ने मंगलवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार तथा राज्य की नीतीश सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने सीएम नीतीश को पितातुल्य भी बता दिया तो उन्हें भाजपा का पिछलग्गू भी। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बिहार के विकास के दावों पर सवाल खडेÞ किए तो बीजेपी-जदयू की 15 साल पुरानी दोस्ती पर भी तंज कसे। उन्होंने कहा कि गांधी व गोडसे एक साथ नहीं चल सकते। इसके बाद लगे हाथ जदयू ने भी पलटवार किया, लेकिन पार्टी बुधवार को जदयू शांत दिखी। मंत्री नीरज कुमार ने बुधवार को प्रशांत किशोर का बिना नाम लिए टिप्पणी की। कहा कि बिहार में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। धार्मिक, प्राकृतिक से लेकर कई तरह के पर्यटक आते हैं। नया अध्याय राजनीतिक पर्यटन का जुड़ गया है। कुछ लोग राजनीतिक पर्यटन के लिहाज से भी आते हैं। ऐसे लोगों पर क्या टिप्पणी करें? आज यहां हैं, कल कहीं और रहेंगे। बिहार के नेता नीतीश कुमार हैं। हमलोग किसी और को नहीं जानते हैं।
