September 16, 2025

नालंदा में आवासीय विद्यालय में 15 छात्राओं की तबीयत बिगड़ी, फूड पॉइजनिंग के आशंका, भर्ती

नालंदा। नालंदा जिले के रघु बीघा गांव के पास स्थित राजकीय अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब वहां पढ़ने वाली 15 छात्राओं की तबीयत अचानक बिगड़ गई। प्राथमिक जांच में मामला फूड पॉइजनिंग का माना जा रहा है।
विद्यालय प्रबंधन की तत्परता
जैसे ही छात्राओं की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली, विद्यालय प्रबंधन ने तुरंत जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को सूचित किया। आनन-फानन में एंबुलेंस की व्यवस्था कर सभी छात्राओं को भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। इस पूरे मामले में विद्यालय प्रशासन की तत्परता से स्थिति पर जल्द नियंत्रण पाया जा सका।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
घटना की जानकारी मिलते ही अनुमंडलीय पदाधिकारी, पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, जिला कल्याण पदाधिकारी, अंचलाधिकारी और जीविका के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सिलाव एवं नालंदा थाना अध्यक्ष भी अपनी टीम के साथ विद्यालय पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विद्यालय परिसर में रसोई घर और छात्रावास की साफ-सफाई की स्थिति की जांच की।
छात्राओं के आरोप और रसोईघर पर सवाल
बीमार छात्राओं और अन्य विद्यार्थियों ने विद्यालय के रसोई घर पर गंभीर सवाल उठाए हैं। छात्राओं का कहना है कि उन्हें रसोई में बना खाना खाने में दिक्कत होती है। कई बार भोजन में कंकर, कीड़े और गंदगी पाई गई है, जिससे वे पेट भर खाना नहीं खा पाती हैं। भोजन की गुणवत्ता और स्वाद को लेकर भी छात्राओं ने असंतोष जाहिर किया है।
डॉक्टरों ने दी जानकारी
भगवान महावीर आयुर्विज्ञान संस्थान पावापुरी हॉस्पिटल में सभी छात्राओं की जांच की गई। डॉक्टर पंकज कुमार ने बताया कि अधिकतर छात्राओं की हालत सामान्य है और किसी को गंभीर खतरा नहीं है। केवल एक छात्रा को डिहाइड्रेशन और कमजोरी की वजह से कुछ देर के लिए भर्ती रखा गया और सलाइन चढ़ाया गया। बाकी सभी छात्राओं को स्वस्थ पाकर उन्हें शिक्षिका के साथ छात्रावास लौटने की अनुमति दे दी गई।
भोजन का सैंपल जांच के लिए भेजा गया
जिला प्रशासन ने घटना की गंभीरता को देखते हुए विद्यालय के भोजन का सैंपल जांच के लिए लैब भेज दिया है। अधिकारियों ने कहा कि यदि जांच में कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित रसोई संचालक और आपूर्ति से जुड़े लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
भविष्य के लिए कदम
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने विद्यालय प्रबंधन और जीविका समूह को निर्देश दिया है कि रसोई घर में साफ-सफाई और भोजन की गुणवत्ता को लेकर विशेष ध्यान रखा जाए। विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं की सेहत से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन से भी कहा है कि भोजन वितरण से पहले नियमित रूप से खाने की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करें।
स्थानीय लोगों में चिंता
इस घटना के बाद छात्राओं के अभिभावकों और स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है। लोगों ने मांग की है कि ऐसे आवासीय विद्यालयों में खाने-पीने की गुणवत्ता पर निगरानी रखने के लिए कोई स्थायी व्यवस्था की जाए ताकि दोबारा इस तरह की घटनाएं न हों।
स्थिति अब सामान्य
फिलहाल सभी छात्राओं की हालत सामान्य बताई जा रही है और हॉस्पिटल से लौटने के बाद सभी ने राहत की सांस ली है। छात्रावास में भी साफ-सफाई बढ़ा दी गई है। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में ऐसी लापरवाही नहीं होने दी जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस पूरे मामले ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि सरकारी आवासीय विद्यालयों में भोजन और साफ-सफाई की व्यवस्था पर गंभीर ध्यान देने की जरूरत है ताकि बच्चों की सेहत से किसी तरह का खिलवाड़ न हो।

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