पटना में कॉलेज में आग लगने से अफरा-तफरी, शॉर्ट सर्किट के कारण हादसा, फायर ब्रिगेड ने पाया काबू
पटना। जिले के बिक्रम प्रखंड मुख्यालय स्थित महंत मधुसूदन महाविद्यालय में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा टल गया। महाविद्यालय के प्रशासनिक भवन में स्थित सेमिनार हॉल में अचानक आग लग गई, जिससे कॉलेज परिसर में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि यह हादसा उस समय हुआ जब कॉलेज बंद था और कोई भी छात्र या कर्मचारी वहां मौजूद नहीं था।
स्थानीय लोगों ने देखा धुआं
इस घटना की शुरुआत तब हुई जब सुबह स्थानीय लोगों ने महाविद्यालय परिसर से धुआं उठते देखा। उन्हें यह दृश्य असामान्य लगा और उन्होंने तुरंत इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन को दी। जैसे ही सूचना मिली, प्रशासन हरकत में आया और मौके पर दमकल की कई गाड़ियां भेजी गईं।
दमकल विभाग की तत्परता
घटना स्थल पर प्रशासनिक अधिकारी, दमकल विभाग और पुलिस की टीम तुरंत पहुंची। दमकल की एक बड़ी और दो छोटी गाड़ियों ने तेजी से आग पर काबू पाने का प्रयास किया। कुछ ही समय में आग पर नियंत्रण पा लिया गया, जिससे आसपास की इमारतों और संरचनाओं को नुकसान नहीं पहुंचा।
सेमिनार हॉल में लगी थी आग
आग की उत्पत्ति प्रशासनिक भवन के सेमिनार हॉल से हुई थी। यह वह स्थान है जहां विभिन्न शैक्षणिक कार्यक्रम और मीटिंग्स आयोजित की जाती हैं। जब तक आग बुझाई जाती, सेमिनार हॉल का एक हिस्सा काफी हद तक जल चुका था। हालांकि, आग अन्य हिस्सों में नहीं फैल पाई और समय रहते रोक ली गई।
शॉर्ट सर्किट बना कारण
बिक्रम थाना प्रभारी राहुल कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट प्रतीत हो रहा है। जांच में यह पाया गया कि कॉलेज बंद होने के बावजूद सेमिनार हॉल की बिजली चालू थी और एसी भी चल रहा था। संभवतः एसी या विद्युत लाइन में खराबी के कारण शॉर्ट सर्किट हुआ और आग लग गई।
बड़ी दुर्घटना से बचाव
महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार, यदि यह घटना कॉलेज के खुलने के समय होती, तो इससे जान-माल की बड़ी क्षति हो सकती थी। आग लगने के समय कॉलेज में न तो छात्र उपस्थित थे और न ही कोई कर्मचारी, जिससे बड़ी जनहानि से बचा जा सका।
प्रशासनिक कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद महाविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। आग से हुई क्षति का आंकलन किया जा रहा है और पूरे भवन की विद्युत व्यवस्था की जांच के निर्देश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
स्थानीय लोगों की सराहना
इस घटना में स्थानीय ग्रामीणों की सजगता और तत्परता की भी सराहना की जा रही है। यदि समय रहते उन्होंने धुआं देखकर सूचना नहीं दी होती, तो यह आग बहुत बड़े नुकसान का कारण बन सकती थी। महंत मधुसूदन महाविद्यालय की यह घटना साफ तौर पर यह दर्शाती है कि सार्वजनिक संस्थानों में विद्युत उपकरणों की निगरानी और रख-रखाव कितना महत्वपूर्ण है। हालांकि इस बार बड़ी हानि नहीं हुई, लेकिन यह एक चेतावनी भी है कि ऐसी व्यवस्थाओं में लापरवाही बरतना कितना खतरनाक हो सकता है। अब कॉलेज प्रशासन और जिला प्रशासन इस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।


