September 17, 2025

डिप्टी सीएम ने तेजस्वी को दी चेतावनी, विजय सिन्हा बोले, गुंडागर्दी ना करे विपक्ष, गुंडो को ठीक करना जानता हूं

पटना। बिहार की राजनीति एक बार फिर उबाल पर है। इस बार मुद्दा है राज्य में चल रहे वोटर लिस्ट पुनरीक्षण कार्य का, जिसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है। विपक्ष के हंगामे और विरोध के बीच गुरुवार को बिहार विधानसभा में डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का कड़ा बयान सामने आया, जिसमें उन्होंने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को सीधी चेतावनी दे दी।
सदन में बवाल और डिप्टी सीएम की प्रतिक्रिया
बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में गुरुवार को विपक्ष ने वोटर लिस्ट से नाम कटने के मुद्दे को लेकर भारी हंगामा किया। विपक्ष का आरोप है कि सरकार साजिश के तहत लाखों मतदाताओं के नाम सूची से हटवा रही है, जिससे चुनाव में प्रभावित वर्गों को मतदान से वंचित किया जा सके। इस मुद्दे पर जैसे ही विपक्षी विधायकों ने शोर-शराबा और नारेबाजी शुरू की, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा ने भी तीखा रुख अख्तियार कर लिया। विजय सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव सदन के भीतर “गुंडागर्दी” करना चाहते हैं, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वे शिक्षक के बेटे हैं, कायर नहीं, और ऐसे गुंडों को “ठीक करना” जानते हैं। उनके इस बयान से सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच टकराव और तीव्र हो गया है।
तेजस्वी यादव पर निजी हमला
अपने बयान में डिप्टी सीएम ने तेजस्वी यादव के राजनीतिक सफर पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी अपने माता-पिता की अनुकंपा पर राजनीति में आए हैं और राघोपुर जैसी सुरक्षित सीट पर चुनाव लड़कर जीतते रहे हैं। सिन्हा ने आगे कहा कि पहले तेजस्वी को अपनी सीट बचाने की फिक्र करनी चाहिए, बहिष्कार की बातें करना सिर्फ जनता को भ्रमित करने का हथकंडा है।
राजद की “गुंडागर्दी” संस्कृति पर आरोप
विजय सिन्हा ने राष्ट्रीय जनता दल पर सीधा हमला करते हुए कहा कि पार्टी की राजनीति गुंडागर्दी की संस्कृति पर आधारित रही है, लेकिन अब वह दौर खत्म हो चुका है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि अब राज्य में सुशासन की सरकार है, जहां कानून का राज चलेगा, न कि डर और धमकी की राजनीति। उन्होंने स्पष्ट किया कि विधानसभा जैसी गरिमामयी संस्था में किसी भी हालत में मर्यादा का उल्लंघन नहीं होने दिया जाएगा।
राजनीतिक टकराव का असर
डिप्टी सीएम के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल और तेज हो गई है। विपक्षी दल जहां इसे सत्ता पक्ष की बौखलाहट बता रहे हैं, वहीं एनडीए इसे अपने नेतृत्व की मजबूती का संकेत मान रहा है। तेजस्वी यादव की ओर से हालांकि इस बयान पर सीधी प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन राजद के नेताओं ने इसे निंदनीय और असंवैधानिक बताया है। वोटर लिस्ट विवाद से शुरू हुई बहस अब व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप तक पहुंच चुकी है। एक ओर सरकार विपक्ष पर सदन की गरिमा भंग करने का आरोप लगा रही है, तो दूसरी ओर विपक्ष सरकार को लोकतंत्र विरोधी करार दे रहा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, खासकर तब जब बिहार में चुनावी माहौल धीरे-धीरे तैयार हो रहा है। ऐसे में दोनों पक्षों की रणनीति और बयानबाजी पर नजर बनाए रखना जरूरी होगा।

You may have missed