पटना में आपसी विवाद में दो गुटों में फायरिंग, महिला को लगी गोली, अस्पताल में भर्ती

पटना। शहर में अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार की देर रात बहादुरपुर झोपड़पट्टी इलाके में दो गुटों के बीच हुए विवाद ने अचानक हिंसक रूप ले लिया और गोलीबारी की नौबत आ गई। इस आपसी भिड़ंत में एक महिला घायल हो गई, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस इस घटना की जांच में जुट गई है और अपराधियों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं।
घटना की पृष्ठभूमि और गोलीबारी
घटना बहादुरपुर के झोपड़पट्टी इलाके की है, जहां दो स्थानीय गुटों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। धीरे-धीरे यह विवाद इतना बढ़ा कि दोनों ओर से गोलीबारी शुरू हो गई। उस समय 45 वर्षीय बेबी देवी नाम की महिला सड़क किनारे बैठी हुई थीं। गोली उनके सीने के पास से छूते हुए निकल गई, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गईं। घटना के तुरंत बाद मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने महिला को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है। गनीमत रही कि गोली सीधे नहीं लगी, अन्यथा स्थिति और भी गंभीर हो सकती थी।
फ्लैग मार्च के दौरान हुआ विवाद
दिलचस्प बात यह है कि जब यह घटना हुई, उसी समय पटना सिटी के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गौरव कुमार के नेतृत्व में आधा दर्जन से अधिक थानों की पुलिस फ्लैग मार्च और छापेमारी अभियान चला रही थी। इसका उद्देश्य क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को मजबूत करना था, लेकिन इसी दौरान बहादुरपुर में दो गुटों के बीच यह हिंसक टकराव हो गया।
पुलिस की कार्रवाई और साक्ष्य बरामदगी
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची और इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू की। पटना सीटी एसपी (पूर्वी) परिचय कुमार ने बताया कि घटनास्थल से तीन बाइक और एक खाली कारतूस का खोखा बरामद किया गया है। यह संकेत देता है कि अपराधी वाहन के सहारे आए थे और गोली चलाने के बाद मौके से भाग निकले। पुलिस अब इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि गोलीबारी में शामिल अपराधियों की पहचान की जा सके। आसपास के लोगों से पूछताछ भी की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि विवाद किस कारण से हुआ था और कौन-कौन इसमें शामिल था।
स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल
इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल बन गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि झोपड़पट्टी क्षेत्र में पहले भी कई बार आपसी विवाद और झगड़े होते रहे हैं, लेकिन इस बार गोलीबारी ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं और पुलिस से सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। पटना के बहादुरपुर में दो गुटों के बीच हुए संघर्ष ने एक निर्दोष महिला को घायल कर दिया और यह फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शहर में आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो पा रही है। जबकि पुलिस द्वारा फ्लैग मार्च जैसे प्रयास किए जा रहे हैं, फिर भी अपराधी बेखौफ होकर अपनी गतिविधियां अंजाम दे रहे हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस घटना में शामिल अपराधियों को कब तक गिरफ्तार कर पाती है और पीड़ित परिवार को न्याय मिल पाता है या नहीं। यह घटना पुलिस प्रशासन के लिए एक चुनौती बन गई है, जिसके समाधान की अपेक्षा आम नागरिकों को है।

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