पटना में लल्लू मुखिया के 5 ठिकानों पर पुलिस की छापेमारी, मचा हड़कंप, हत्या समेत कई मामले दर्ज

पटना। जिले के बाढ़ अनुमंडल क्षेत्र में राजनीतिक और आपराधिक हलचल एक बार फिर तेज हो गई है। इस बार यह हलचल कुख्यात और कभी मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह के करीबी रहे कर्णवीर सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया को लेकर है। हाल ही में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर लल्लू मुखिया के पांच ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की, जिससे इलाके में अफरा-तफरी और हड़कंप मच गया।
लल्लू मुखिया और अनंत सिंह के संबंधों में दूरी
कभी समय था जब लल्लू मुखिया को अनंत सिंह का बेहद करीबी माना जाता था। मोकामा-बाढ़ क्षेत्र में अनंत सिंह की पकड़ मजबूत थी और लल्लू मुखिया उनके भरोसेमंद माने जाते थे। लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव से पहले इन दोनों के बीच दूरियां बढ़ गईं और वे दो अलग-अलग राहों पर निकल पड़े। लल्लू मुखिया अब खुद की राजनीतिक जमीन तैयार करने में लगे हुए हैं।
अपराध के मामलों में संलिप्तता
लल्लू मुखिया का नाम एक हत्या के मामले में अप्राथमिक अभियुक्त के तौर पर सामने आया है। इस केस में अन्य सभी आरोपी पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं, केवल लल्लू मुखिया की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है। कोर्ट के निर्देश पर अब पुलिस लगातार उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही है। मार्च माह में भी सात थानों की संयुक्त पुलिस टीम ने उनके घर पर छापेमारी की थी, जिसमें इश्तेहार भी चिपकाया गया था।
राजनीतिक महत्वाकांक्षा और चुनावी सक्रियता
लल्लू मुखिया राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में बाढ़ सीट से चुनाव लड़ा था। हालांकि वे कांग्रेस प्रत्याशी सत्येंद्र बहादुर से करीब 5000 वोटों से पीछे रहकर तीसरे स्थान पर रह गए थे। अब एक बार फिर वे ‘लोहिया जनता दल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा स्पष्ट है, और वे अपने क्षेत्र में जनाधार मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं।
बेटी की शादी और कोर्ट से राहत
हाल ही में लल्लू मुखिया की बेटी की शादी हुई थी। चूंकि उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी था, इसलिए कोर्ट से उन्हें शादी के आयोजन तक राहत दी गई थी। इस मौके पर पप्पू यादव और एक दिन बाद तेजस्वी यादव भी वर-वधु को आशीर्वाद देने पहुंचे थे। यह दिखाता है कि लल्लू मुखिया का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव अब भी कायम है, भले ही कानूनी मामलों में वे घिरते जा रहे हों।
पुलिस की रणनीति और आगामी कार्रवाई
अब पांच थानों की पुलिस ने एक बार फिर छापेमारी की है, जिससे स्पष्ट है कि प्रशासन लल्लू मुखिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर गंभीर है। कोर्ट के आदेश को अमल में लाने के लिए पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है। यह भी उल्लेखनीय है कि लल्लू मुखिया के खिलाफ बाढ़ अनुमंडल के विभिन्न थानों में कई मामले पहले से ही दर्ज हैं। लल्लू मुखिया का जीवन राजनीतिक महत्वाकांक्षा और आपराधिक आरोपों के बीच झूलता नजर आता है। एक ओर वे चुनावी तैयारी में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर उनके खिलाफ हत्या जैसे गंभीर आरोपों में पुलिस की सक्रियता बढ़ रही है। आने वाले दिनों में यह देखना रोचक होगा कि क्या वे कानून के शिकंजे से बच पाते हैं या उन्हें अदालत और प्रशासन की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। पटना और खासकर बाढ़ क्षेत्र की राजनीति में यह मामला फिलहाल चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है।
