पीएम के बिहार दौरे को लेकर लालू का तंज, कहा- झूठ बोलने यहां आ रहे, चुनावाकर्षण बल बिहार की ओर खींच रहा

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 जुलाई को एक दिवसीय दौरे पर बिहार पहुंच रहे हैं। इस दौरे के दौरान वे लगभग 7196 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे, जिसमें रेलवे, सड़क, सूचना प्रौद्योगिकी और आवास से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं। साथ ही वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री के आगमन से पहले बिहार की राजनीति में गर्मी और बढ़ गई है, क्योंकि राजद नेता लालू यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उन पर तीखा हमला बोला है।
लालू यादव का व्यंग्यात्मक हमला
राजद सुप्रीमो लालू यादव ने प्रधानमंत्री के इस दौरे को “झूठ की राजनीति” का हिस्सा बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार झूठ बोलने आ रहे हैं। उन्होंने एक व्यंग्यात्मक तस्वीर भी साझा की, जिसमें लिखा था कि “गुरुत्वाकर्षण बल वस्तु को ज़मीन की ओर खींचता है, चुनावाकर्षण बल व्यक्ति को बिहार की ओर खींचता है।” लालू यादव का इशारा साफ था कि चुनावी समीकरण साधने के लिए ही प्रधानमंत्री बार-बार बिहार का दौरा कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव का व्यंग्य और आरोप
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर और भी अधिक तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री के पिछले वादों और उनके तथाकथित दोहरे व्यवहार पर कटाक्ष किया। तेजस्वी ने कहा कि प्रधानमंत्री सबसे पहले मटन पार्टी करने वाले नेताओं को मंच पर सम्मानित करेंगे और अपने प्रवचनों के दोहरेपन का प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने 132 महीने पहले मोतिहारी की एक चीनी मिल खोलने का वादा किया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ है। तेजस्वी ने तंज करते हुए कहा कि मोदी इसके लिए सम्राट अशोक या चंद्रगुप्त मौर्य को दोषी ठहराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री बिहार में बढ़ते अपराध के लिए पुरानी सरकारों को जिम्मेदार ठहराएंगे और किसानों को अपराधी बताने वाली पुलिस को सम्मानित करेंगे।
प्रधानमंत्री की घोषणाओं पर सवाल
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री के भाषणों को जुमलों की बारिश बताते हुए कहा कि इंद्र देवता भी इस पर शर्मिंदा हो जाएंगे। उन्होंने तंज कसा कि प्रधानमंत्री बिहार को केवल जुबानी तौर पर नंबर वन बनाएंगे, जबकि ज़मीनी हकीकत कुछ और है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री यह घोषणा नहीं करेंगे कि चुनाव के बाद नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे, क्योंकि इसमें स्पष्टता नहीं है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि इस रैली में बिहार जैसे गरीब राज्य का 100 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है, जबकि प्रधानमंत्री कुछ घंटों में ही दिल्ली लौट जाएंगे। उन्होंने टेलीप्रॉम्प्टर की मदद से पुरानी और घिसी-पिटी घोषणाएं पढ़ने का भी आरोप लगाया। तेजस्वी ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री अपने भाषण में बार-बार विपक्ष, लालू, आरजेडी और मुसलमान जैसे शब्दों का उपयोग करेंगे।
पीएम का विकास एजेंडा बनाम विपक्ष की आलोचना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा एक ओर विकास योजनाओं की सौगात देने के रूप में प्रचारित किया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष इसे चुनाव पूर्व राजनीतिक स्टंट मान रहा है। राजद नेताओं का कहना है कि हर चुनाव से पहले इसी तरह बड़ी घोषणाएं होती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ भी ठोस नहीं होता। वहीं केंद्र सरकार का दावा है कि ये योजनाएं बिहार की आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करेंगी और राज्य को विकास की दिशा में आगे बढ़ाएंगी। प्रधानमंत्री का बिहार दौरा जहां केंद्र सरकार की विकास योजनाओं को गति देने के रूप में देखा जा रहा है, वहीं राजद इसे महज एक चुनावी नौटंकी मान रहा है। लालू और तेजस्वी यादव के हमले इस बात का संकेत हैं कि आगामी विधानसभा चुनावों के पहले बिहार की सियासत में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर और तेज़ होने वाला है। जनता को अब यह तय करना है कि वे घोषणाओं को कितना भरोसेमंद मानते हैं और विपक्ष की आलोचनाओं को कितना गंभीरता से लेते हैं।

You may have missed