मोतिहारी में पानी के गड्ढे में गिरने से दो बच्चों की दर्दनाक मौत, खेलने के दौरान हुआ हादसा

मोतिहारी। बिहार के मोतिहारी के केसरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत रघुनाथपुर गांव में बुधवार की देर शाम एक अत्यंत हृदयविदारक घटना घटी। यह हादसा तब हुआ जब दो मासूम बच्चे अपने घर के पास खेलते हुए एक पानी से भरे गड्ढे में गिर गए और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दुर्घटना ने पूरे गांव को शोक में डुबो दिया और माता-पिता सहित ग्रामीणों के लिए यह क्षण बेहद पीड़ादायक बन गया।
खेलते समय हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार, रघुनाथपुर पंचायत के वार्ड नंबर 8 निवासी राकेश राय के दो छोटे बच्चे, आलोक कुमार और अन्या कुमारी, बुधवार की शाम को घर के पास ही स्थित एक पुराने तालाब के किनारे खेल रहे थे। खेलते-खेलते वे फिसल कर पानी से भरे गहरे गड्ढे में गिर पड़े। चूंकि गड्ढा गहरा था और वहां किसी प्रकार की सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, इसलिए दोनों बच्चे डूबते चले गए और उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
स्थानीय लोगों की मदद से शव निकाले गए
घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। केसरिया थाना की पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची। ग्रामीणों की सहायता से बच्चों के शवों को पानी से बाहर निकाला गया। इस घटना के बाद गांव में मातम पसर गया और हर आंख नम हो गई। ग्रामीणों ने बताया कि मृतक बच्चे अपने तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे, जिससे परिवार को यह दुख और भी भारी लग रहा है।
ग्रामीणों की मांग: सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम हों
इस दुखद घटना के बाद ग्रामीणों में काफी रोष देखने को मिला। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि गांव के सभी सार्वजनिक तालाबों और पानी से भरे गड्ढों के चारों ओर उचित घेराबंदी कराई जाए ताकि भविष्य में कोई और मासूम ऐसी दुर्घटना का शिकार न हो। उनका कहना था कि यह कोई पहली घटना नहीं है और अगर समय रहते सुरक्षा इंतज़ाम किए गए होते, तो शायद इन दो बच्चों की जान बचाई जा सकती थी।
प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया
केसरिया थाना अध्यक्ष उदय कुमार ने जानकारी दी कि दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और पूरे मामले की गहराई से जांच की जा रही है। वहीं, मौके पर पहुंचे अंचलाधिकारी ने पीड़ित परिवार को सांत्वना दी और उन्हें हरसंभव सरकारी सहायता का भरोसा दिलाया। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के नियमानुसार मृतक बच्चों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
समाज के लिए सबक
यह हादसा केवल एक परिवार के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि बच्चों की सुरक्षा को हल्के में नहीं लिया जा सकता। गांवों और कस्बों में मौजूद असुरक्षित जलस्रोत जैसे खुली नहरें, पुराने कुएं और तालाब बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं यदि समय रहते इनकी घेराबंदी या सुरक्षा न की जाए। मोतिहारी की यह घटना एक त्रासदी है, जो इस बात की ओर इशारा करती है कि विकास के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुरक्षा उपायों की अनदेखी कितनी घातक हो सकती है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस घटना से सबक लेते हुए ऐसे सभी असुरक्षित स्थलों की सूची बनाए और उन्हें सुरक्षित करने की पहल करे। साथ ही, जन-जागरूकता भी जरूरी है ताकि अभिभावक अपने बच्चों की निगरानी बेहतर तरीके से कर सकें और ऐसे खतरनाक क्षेत्रों में बच्चों के खेलने पर प्रतिबंध लगाया जा सके।
