दहेजिया के कइसन चलनिया हो राम…जैसे गीतों से दहेज पर करारा प्रहार

खगौल। सूत्रधार द्वारा आयोजित यशस्वी रंगकर्मी शहीद सफदर हाशमी को समर्पित त्रिदिवसीय नुक्कड़ नाट्य महोत्सव का दूसरा दिन लोक रंगों से सराबोर रहा। साथ ही नुक्कड़ नाटक के विविध आयामों पर व्यापक परिचर्चा भी की गई। प्रारंभ में सूत्रधार के कलाकारों ने लोक गायक परमानंद प्रेमी के नेतृत्व में होली गीतों की शानदार प्रस्तुति की। आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए सुत्रधार के महासचिव नवाब आलम ने खगौल के रंगमंच की दशा और दिशा पर बातें रखी। कार्यक्रम का संचालन करते हुए आयोजन के संयोजक रंगकर्मी उदय कुमार ने सफदर हाशमी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर बात करते हुए उनके नाटकों के विषय मजदूर, किसान, संघर्ष करती महिलाएं, हाशिए पर खड़े लोग और उन बेजुबानों की आवाज बनता नुक्कड़ नाटक आदि पर विस्तार से चर्चा की। दूसरे दिन दो नाटकों की प्रस्तुति हुई। पहली प्रस्तुति न्यू जयशिका, पटना द्वारा त हम कुंवारे रहे की हुई। सतीश कुमार मिश्र के इस लोकप्रिय नाटक का निर्देशन नीरज कुमार ने किया था। नाटक में अशिक्षा, दहेज, अंधविश्वास पर व्यंग्य के माध्यम से करारा प्रहार किया गया। वहीं दूसरी प्रस्तुति घूंघट आर्ट, आरा द्वारा उदय कुमार लिखित एवं आरती कुमारी द्वारा निर्देशित नाटक ‘औरत उठी नहीं तो’ की हुई। नाटक में बाल विवाह, दहेज प्रथा जैसी सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का संदेश दिया गया। लोक शैली, लोक गीतों, मुहावरों कहावतों से सजी प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा। दहेजिया के कइसन चलनिया हो राम… जैसे गीतों को दर्शकों ने काफी पसंद किया। परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में ईनाक्षी डे विश्वास ने नुक्कड़ नाटकों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष बल दिया। साथ ही सफदर हाशमी के नाटक औरत पर व्यापक चर्चा की। दूसरे वक्ता चर्चित समीक्षक अनीश अंकुर ने नुक्कड़ नाटक को जन अभिव्यक्ति का सबसे सशक्त माध्यम बताया। वर्तमान माहौल में जहां समाज को बांटने की साजिश चल रही है। वहां नुक्कड़ नाटक उन साजिशों के खिलाफ मजबूती से खड़ा है।
इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में राजीव रंजन, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ दानापुर, इंजिनीयर राकेश रंजन, सत्यकाम सहाय, सुजीत कुमार ने भी सफदर हाशमी की व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला े इस अवसर पर रंगकर्मी विजय सिन्हा, अम्बिका सिन्हा, राज कुमार सिंह, प्रसिद्ध यादव, अनील कुमार, अमन कुमार, सरफराज अहमद, आनंद कुमार आदि मौजूद थे।

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