बेतिया में शादी के 10 दिनों बाद ही प्रेमी संग भागी महिला, कैश और जेवरात लेकर हुई फरार, मामला दर्ज

बेतिया। बिहार के बेतिया जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां शादी के महज दस दिन बाद ही एक नवविवाहिता अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। यह घटना पश्चिम चंपारण जिले के श्रीनगर थाना क्षेत्र के एक गांव की है। महिला न केवल अपने प्रेमी संग भाग गई, बल्कि जाते-जाते घर से एक लाख रुपये नकद और कीमती जेवरात भी साथ ले गई। पीड़ित पति ने थाने में अपहरण और चोरी की प्राथमिकी दर्ज कराई है।
टेंट कारोबारी है पीड़ित पति
पीड़ित युवक का टेंट हाउस का कारोबार है और उसकी शादी नौतन थाना क्षेत्र की एक युवती से करीब 10 दिन पहले ही हुई थी। युवक के अनुसार, 24 जून की रात को जब वह अपने व्यवसायिक कार्य से लौटकर घर पहुंचा, तो उसकी पत्नी लापता थी। घर में माता-पिता पहले ही खाना खाकर सो चुके थे। जब पत्नी को घर में नहीं पाया गया, तो खोजबीन शुरू की गई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।
प्रेम प्रसंग की ओर इशारा
पड़ोसियों से पूछताछ और ससुराल में जानकारी देने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि विवाहिता अपने ही गांव के युवक सरफराज आलम के साथ भाग गई है। यह युवक पहले से ही विवाहिता के संपर्क में था, जिससे उसके प्रेम संबंध होने की बात कही जा रही है। हालांकि, इस बारे में अभी पुलिस की जांच जारी है और इसे प्रेम प्रसंग का मामला मानकर ही शुरुआती जांच की जा रही है।
गहनों और नकदी की भी चोरी
जब घरवालों ने अलमारी की जांच की, तो पता चला कि विवाह के दौरान जो जेवरात महिला को उपहार में दिए गए थे, वे भी गायब हैं। पति ने थाने को दिए आवेदन में बताया कि विवाहिता नथिया, मांगटीका, तवख, हाथशंकर, पायल, मंगलसूत्र, लॉकेट समेत अन्य कीमती गहनों के साथ करीब एक लाख रुपये नकद भी लेकर फरार हो गई है। इस चोरी ने पति और उसके परिजनों को मानसिक रूप से झकझोर दिया है।
पुलिस जांच में जुटी, मोबाइल सर्विलांस पर
श्रीनगर थानाध्यक्ष के अनुसार, पति की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और महिला की तलाश शुरू कर दी गई है। पुलिस ने प्राथमिक तौर पर इस मामले को प्रेम प्रसंग मानते हुए जांच तेज कर दी है। संभावित आरोपितों के मोबाइल नंबरों को सर्विलांस पर रखा गया है, जिससे उनकी लोकेशन ट्रैक की जा सके। जल्द ही पुलिस को उनके ठिकाने का पता लगने की उम्मीद है।
सामाजिक स्तर पर उठ रहे सवाल
यह घटना न केवल एक पारिवारिक संकट को उजागर करती है, बल्कि ग्रामीण समाज में विवाह जैसे संस्थान को लेकर चल रही उलझनों को भी सामने लाती है। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या विवाह से पहले पूरी जानकारी लेना पर्याप्त हो पा रहा है? कई बार जल्दबाजी में लिए गए फैसले और सतही जान-पहचान ऐसे मामलों को जन्म देते हैं। बेतिया की यह घटना एक बार फिर इस बात पर जोर देती है कि विवाह से पूर्व भावनात्मक और पारिवारिक पृष्ठभूमि की गहराई से जांच आवश्यक है। साथ ही, कानून व्यवस्था को ऐसे मामलों में तत्परता दिखाते हुए पारिवारिक पीड़ा को कम करने की दिशा में काम करना होगा। फिलहाल पुलिस की कार्रवाई जारी है और जल्द ही इस प्रेम प्रसंग की परतें खुलने की उम्मीद की जा रही है।
