धीरेंद्र शास्त्री के बागेश्वर धाम में बड़ा हादसा, टेंट गिरने से श्रद्धालु की मौत, 10 लोग घायल

छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थित प्रसिद्ध बागेश्वर धाम में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा घटित हुआ, जिससे पूरे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। यह हादसा उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में श्रद्धालु सुबह की आरती में शामिल होने मंदिर परिसर में मौजूद थे। तभी अचानक एक भारी टेंट गिर गया, जिसके नीचे कई श्रद्धालु दब गए। इस घटना में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि लगभग 10 अन्य श्रद्धालु घायल हो गए।
हादसे का कारण और घटनास्थल की स्थिति
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, हादसे का कारण या तो तेज हवा थी या फिर टेंट के निर्माण और खड़े किए जाने में कोई तकनीकी खामी। गिरा हुआ टेंट इतना भारी था कि उसके नीचे दबे लोगों को निकालने में समय लग गया। टेंट को संभालने के लिए लगाए गए लोहे के एक रोड ने एक श्रद्धालु के सिर पर गंभीर चोट पहुंचाई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। हादसे के तुरंत बाद प्रशासन और बागेश्वर धाम प्रबंधन समिति ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। मौके पर पुलिस और एंबुलेंस की टीमें भी पहुंच गईं और भीड़ को नियंत्रित कर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।
विशेष धार्मिक आयोजनों की तैयारियों के बीच हादसा
यह हादसा ऐसे समय में हुआ है जब बागेश्वर धाम में विशेष धार्मिक आयोजनों की तैयारियां ज़ोरों पर चल रही थीं। 4 जुलाई को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्मोत्सव मनाया जाना है, और उसी दिन से गुरु पूर्णिमा तक धाम में धार्मिक कार्यक्रमों की लंबी श्रृंखला प्रस्तावित है। 1 जुलाई से 3 जुलाई तक बालाजी का दिव्य दरबार लगाया जाएगा और 4 जुलाई को जन्मोत्सव के अवसर पर भारी भीड़ उमड़ने की संभावना है। अनुमान है कि देश-विदेश से करीब 50 हजार श्रद्धालु इन आयोजनों में भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त 7 और 8 जुलाई को गुरुदीक्षा महोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें हजारों शिष्यों को गुरुमंत्र देकर उन्हें दीक्षित किया जाएगा।
धार्मिक आस्था के बीच सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने धाम की व्यवस्थाओं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। आयोजनों में आने वाली भीड़ को देखते हुए टेंट और अन्य अस्थायी ढांचों की मजबूती की जांच आवश्यक थी, ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। हादसे के बाद प्रशासन और धाम समिति द्वारा त्वरित कार्रवाई तो की गई, लेकिन इससे पहले सावधानी बरतना ज़रूरी था।
प्रशासन हुआ सतर्क, व्यवस्था की समीक्षा शुरू
इस हादसे के बाद स्थानीय पुलिस और प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। चूंकि अगले कुछ दिनों में गढ़ा गांव में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है, इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। भीड़ नियंत्रण, आपातकालीन चिकित्सा सहायता और अस्थायी संरचनाओं की मजबूती की समीक्षा शुरू हो गई है। बागेश्वर धाम में हुआ यह हादसा धार्मिक आयोजन के दौरान सुरक्षा की अनदेखी का एक दुखद उदाहरण बन गया है। एक श्रद्धालु की जान चली जाना और कई लोगों का घायल होना बताता है कि श्रद्धा के साथ सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आने वाले आयोजनों को देखते हुए अब सभी की निगाहें प्रशासन और आयोजन समिति पर हैं कि वे किस प्रकार इस त्रासदी से सबक लेकर आगे की तैयारियों को बेहतर बनाते हैं।

You may have missed