अमरनाथ की पवित्र यात्रा शुरू: हर-हर महादेव के नारों से गूंजा आसमान, बेस कैंप से गुफा के लिए पहला जत्था रवाना

श्रीनगर। गुरुवार से देश की सबसे कठिन लेकिन श्रद्धा से ओतप्रोत यात्राओं में से एक, अमरनाथ यात्रा का विधिवत शुभारंभ हो गया। पहले दिन की शुरुआत बाबा बर्फानी की आरती से हुई, जिसके बाद बालटाल और नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप से पहला जत्था पवित्र गुफा की ओर रवाना हुआ। जैसे ही यात्रा का पहला जत्था रवाना हुआ, पूरा माहौल ‘हर हर महादेव’ और ‘बम बम भोले’ के जयघोष से गूंज उठा।
पहला जत्था रवाना, सुरक्षा और स्वागत में दिखा उत्साह
इस वर्ष पहला जत्था बुधवार को जम्मू के भगवती नगर कैंप से उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अगुवाई में रवाना किया गया था। इसमें 5,892 श्रद्धालु शामिल थे। कश्मीर पहुंचने पर प्रशासन और स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं का पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया। यह यात्रा कुल 38 दिनों तक चलेगी और 9 अगस्त, रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी।
दो रूटों से हो रही यात्रा
श्रद्धालु दो अलग-अलग रूटों से यात्रा कर सकते हैं—एक पहलगाम से और दूसरा बालटाल से। पहलगाम मार्ग अपेक्षाकृत लंबा है, जबकि बालटाल मार्ग छोटा लेकिन अधिक कठिन माना जाता है। दोनों मार्गों पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं। सेना और सीआरपीएफ के जवान लगातार निगरानी कर रहे हैं।
तीर्थयात्रियों के लिए जरूरी निर्देश और व्यवस्थाएं
श्रद्धालुओं को यात्रा में भाग लेने के लिए कुछ अनिवार्य दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे मेडिकल सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, RFID कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और ट्रैवल एप्लिकेशन फॉर्म। बिना इन दस्तावेजों के किसी को भी यात्रा में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा रही है। प्रशासन ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे यात्रा से पहले शारीरिक रूप से फिट रहें। इसके लिए रोजाना 4 से 5 किलोमीटर पैदल चलने की प्रैक्टिस और सांस से जुड़ी योग क्रियाएं, जैसे प्राणायाम, करना जरूरी बताया गया है। साथ ही ऊनी कपड़े, रेनकोट, ट्रैकिंग स्टिक, पानी की बोतल और जरूरी दवाइयों को साथ रखने की सलाह दी गई है।
तीर्थस्थलों पर भक्ति और भावनाओं का संगम
गुफा की ओर बढ़ते हुए श्रद्धालु लगातार भजन-कीर्तन और भोलेनाथ के जयकारे करते नजर आ रहे हैं। यह यात्रा केवल धार्मिक कर्तव्य ही नहीं बल्कि आस्था, विश्वास और आत्मिक शांति का भी माध्यम है। यात्रा में शामिल श्रद्धालु मनीषा रमोला ने बताया कि वह बहुत खुश हैं और यहां की व्यवस्था काफी संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि यात्रा में कोई लापरवाही नहीं बरती जा रही है और हर किसी की पहचान की गहन जांच की जा रही है।
तीर्थ के साथ सुरक्षा का भी रखा गया है विशेष ध्यान
यात्रा मार्ग पर मेडिकल सुविधाएं, विश्राम स्थल, खाने-पीने के प्रबंध और आपातकालीन सहायता की व्यवस्था भी की गई है। खराब मौसम की स्थिति में तुरंत सूचना देने के लिए मौसम निगरानी प्रणाली और हेल्पलाइन सक्रिय हैं।
पिछले वर्षों की तुलना में इस बार दिखा अधिक उत्साह
पिछले साल यात्रा 52 दिन चली थी और लगभग 5 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। इस साल अभी तक 3.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करा लिया है। जम्मू में सरस्वती धाम, वैष्णवी धाम, पंचायत भवन और महाजन सभा में रोजाना दो हजार श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हर बार की तरह इस बार भी भक्तिभाव से सराबोर रहा। यात्रियों की श्रद्धा, प्रशासन की सख्ती और स्थानीय लोगों का सहयोग मिलकर इस यात्रा को न केवल सफल बना रहे हैं, बल्कि इसे एक अनुशासित और सुरक्षित धार्मिक आयोजन के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं। बाबा बर्फानी की कृपा से यह यात्रा सुरक्षित और सफलतापूर्वक संपन्न हो, यही कामना है।

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