पटना में अपराधियों का आतंक, हथियार के बल पर युवक से मोबाइल और बाइक लूटा, मामला दर्ज

पटना। पटना जिले के ग्रामीण इलाकों में लगातार बढ़ती आपराधिक घटनाएं चिंता का विषय बनती जा रही हैं। ताजा मामला धनरूआ थाना क्षेत्र का है, जहां बुधवार की रात कुछ अपराधियों ने हथियार के बल पर एक युवक से मोबाइल और मोटरसाइकिल लूट ली। घटना ने इलाके में दहशत का माहौल बना दिया है और पुलिस को अपराध नियंत्रण को लेकर कठघरे में खड़ा कर दिया है।
रात में दोस्त के साथ लौट रहा था युवक
घटना के शिकार बने सनी कुमार पुनपुन के घुड़दौर गांव के निवासी हैं। बुधवार की देर रात वे अपने एक मित्र के साथ धनरूआ से घर लौट रहे थे। जब वे दरधा नदी के पास पहुंचे, तो अचानक कुछ अपराधियों ने उन्हें घेर लिया। अपराधियों के पास हथियार थे और उन्होंने सनी और उसके साथी को डराकर उनकी मोटरसाइकिल और मोबाइल फोन लूट लिए। लुटेरे वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गए।
पुलिस ने शुरू की जांच, फुटेज खंगाले जा रहे
घटना की सूचना मिलते ही धनरूआ थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का मुआयना किया और आसपास के इलाके में तलाशी अभियान चलाया। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कन्हैया सिंह ने बताया कि दरधा नदी के पास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं, ताकि अपराधियों की पहचान की जा सके और उन्हें जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सके।
एक दिन पहले भी हुई थी वारदात, गोलीबारी में युवक घायल
इस घटना से ठीक एक दिन पहले 1 जुलाई की देर रात पटना-डोभी फोरलेन पर दमड़ी चक के पास एक और आपराधिक वारदात हुई थी। एक लाइन होटल के बाहर कुछ युवक लूडो खेल रहे थे, तभी वहां कुछ अज्ञात अपराधी पहुंचे और उन पर गोलियां चला दीं। इस फायरिंग में सुधीर प्रसाद सिंह का बेटा सुमित कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल युवक को तुरंत पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (पीएमसीएच) में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने घटनास्थल से एक गोली का खोखा बरामद किया है और मामले की छानबीन कर रही है। अब तक अपराधियों की पहचान नहीं हो सकी है।
लगातार बढ़ रहे अपराध, प्रशासन पर सवाल
पटना में एक के बाद एक हो रही लूट और गोलीबारी की घटनाएं आम लोगों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। ग्रामीण इलाकों में पुलिस की गश्ती और निगरानी व्यवस्था कमजोर नजर आ रही है। रात के समय सड़कों पर अपराधियों का बोलबाला रहता है, जिससे लोग भयभीत हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस का डर अपराधियों में खत्म होता जा रहा है। वे खुलेआम वारदात को अंजाम देकर भाग जाते हैं और कई बार पुलिस के हाथ खाली रह जाते हैं।
जरूरत है कड़े कदमों की
इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए पुलिस प्रशासन को सख्त और तेज़ कार्रवाई करनी होगी। खासकर हाईवे और पुल-पुलियों जैसे सुनसान इलाकों में पुलिस की गश्ती और निगरानी बढ़ाई जानी चाहिए। इसके अलावा स्थानीय थानों को सक्रिय भूमिका निभानी होगी ताकि अपराधियों पर समय रहते शिकंजा कसा जा सके। पटना जैसे बड़े जिले में कानून व्यवस्था की यह स्थिति प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी है। आम लोग अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, और सरकार से ठोस कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।
