विधानसभा पर बोले चिराग पासवान, गठबंधन धर्म नहीं तोडूंगा, सभी को उनकी ताकत के अनुसार मिलेगी सीटें

- चुनाव लड़ने पर कहा, मुझे जितनी सीट मिलेगी उतनी जीतूंगा, पार्टी जो तय करेगी वह करूंगा
पटना। बिहार की राजनीति में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चाएं जोरों पर हैं। इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में कई अहम बातों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। चिराग पासवान ने कहा कि वे गठबंधन धर्म नहीं तोड़ेंगे और सीटों का बंटवारा सभी दलों की ताकत के अनुरूप ही होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए की एकजुटता से बिहार में 225 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
चुनाव लड़ने की तैयारी और संभावित सीट
चिराग पासवान ने यह स्पष्ट किया कि वे बिहार विधानसभा चुनाव में किस सीट से लड़ेंगे, इस पर पार्टी विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा किसी सामान्य सीट से चुनाव लड़ने की है, न कि किसी सुरक्षित सीट से। जब उनसे यह पूछा गया कि क्या वे राघोपुर, यानी तेजस्वी यादव की परंपरागत सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, तो चिराग ने कहा कि वे हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं। साथ ही यह भी बताया कि राघोपुर क्षेत्र उनकी ही लोकसभा सीट के अंतर्गत आता है, इसलिए यह उनके लिए नया इलाका नहीं होगा।
सीटों की संख्या पर विचार
जब उनसे पूछा गया कि वे कितनी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो चिराग ने साफ कहा कि वह गठबंधन की मर्यादा का पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस पर बातचीत गठबंधन के अंदर होगी, लेकिन यह तय है कि हर घटक दल को उसकी राजनीतिक ताकत के अनुसार ही सीटें मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए अनावश्यक दबाव नहीं डालेंगे, बल्कि जहां पार्टी की उपस्थिति मजबूत होगी, वहीं चुनाव लड़ेंगे।
जीत को लेकर आत्मविश्वास
चिराग पासवान ने इंटरव्यू में यह भी कहा कि उन्हें जितनी सीटें मिलेंगी, वे उतनी ही सीटों पर जीत दर्ज करेंगे। उन्होंने कहा कि वे एनडीए का हिस्सा हैं और उन्हें भरोसा है कि गठबंधन 225 से ज्यादा सीटें जीतकर सरकार बनाएगा। चिराग ने स्पष्ट किया कि वे व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से नहीं, बल्कि गठबंधन की सफलता को प्राथमिकता देते हुए काम कर रहे हैं।
तेजस्वी यादव और विपक्ष पर कटाक्ष
हालांकि चिराग ने सीधे तौर पर तेजस्वी यादव पर हमला नहीं किया, लेकिन उन्होंने इशारों में यह जरूर संकेत दिया कि वे किसी भी क्षेत्र से चुनाव लड़ने को तैयार हैं, भले ही वह तेजस्वी की सीट क्यों न हो। इसका संकेत यह हो सकता है कि चिराग अब खुद को सिर्फ लोजपा तक सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि राज्य की राजनीति में अपनी अहम भूमिका दर्ज कराना चाहते हैं।
गठबंधन में संतुलन और सम्मान की बात
चिराग ने इस बात पर जोर दिया कि गठबंधन में सभी दलों को समान सम्मान मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पार्टी की ताकत और जमीनी पकड़ को देखते हुए ही सीटों का बंटवारा होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह न संख्या की राजनीति करेंगे, न ही सिर्फ सीटें पाने की होड़ में शामिल होंगे।
संयमित लेकिन स्पष्ट रणनीति
चिराग पासवान का यह बयान स्पष्ट करता है कि वे बिहार की राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर गंभीर हैं, लेकिन गठबंधन की एकता को भी प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने अपनी मंशा जाहिर कर दी है कि वे सिर्फ चुनाव लड़ने के लिए नहीं, बल्कि जीत की तैयारी के साथ मैदान में उतरेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर क्या समीकरण बनते हैं और चिराग किस सीट से चुनावी रण में उतरते हैं।
